कमलेश तिवारी हत्याकांड: अब प्रयागराज के जिला न्यायालय में होगी सुनवाई

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 01 Apr 2022 11:49 PM IST

सार

हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की पत्नी किरन तिवारी ने लखनऊ थाना स्थित नाका हिंडोला में अपनी पति की हत्या की एफआईआर 18 अक्तूबर 2019 को दर्ज कराई थी। आरोप था कि याची और उसके साथी ने मिलकर उनके पति की हत्या कर दी।

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लखनऊ में 18 अक्तूबर 2019 को हुए चर्चित कमलेश तिवारी हत्याकांड के मामले की सुनवाई अब प्रयागराज के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट में होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से केस को लखनऊ से प्रयागराज स्थानांतरित कर दिया गया है।

मामले के मुख्य आरोपी सैयद आसिम अली ने अपनी द्वितीय जमानत अर्जी जिला न्यायालय केसमक्ष दाखिल की है। न्यायालय ने जमानत अर्जी पर अभियोजन पक्ष से  आख्या, केस डायरी और याची के आपराधिक इतिहास की जानकारी मांगी है। इस पर शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि ने एसएसपी प्रयागराज को पत्र लिखकर लखनऊ पुलिस से विवरण मंगाने के लिए पत्र लिखा है।

पत्नी ने दर्ज कराया था मुकदमा

हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की पत्नी किरन तिवारी ने लखनऊ थाना स्थित नाका हिंडोला में अपनी पति की हत्या की एफआईआर 18 अक्तूबर 2019 को दर्ज कराई थी। आरोप था कि याची और उसके साथी ने मिलकर उनके पति की हत्या कर दी। वह अपने कार्यालय में लहूलुहान पड़े थे। हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष 2016 में मोहम्मद साहब के बारे में टिप्पणी करने पर चर्चा में आए थे।

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उन पर बिजनौर के भनेड़ा थाना कीरतपुर के मुफ्ती नईम काजमी ने 51 लाख और इसी जिले के इमाम मौलाना अनवारुल हक ने 1.5 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था। पत्नी का आरोप है कि इन्हीं दोनों ने साजिश के तहत उनके पति की हत्या करा दी। मुख्य अभियुक्त सैयद आसिम अली की पहली जमानत अर्जी लखनऊ के जिला न्यायालय ने खारिज कर दी है। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केस की सुनवाई प्रयागराज जिला न्यायालय में कराने का आदेश दिया है।

विस्तार

लखनऊ में 18 अक्तूबर 2019 को हुए चर्चित कमलेश तिवारी हत्याकांड के मामले की सुनवाई अब प्रयागराज के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट में होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से केस को लखनऊ से प्रयागराज स्थानांतरित कर दिया गया है।

मामले के मुख्य आरोपी सैयद आसिम अली ने अपनी द्वितीय जमानत अर्जी जिला न्यायालय केसमक्ष दाखिल की है। न्यायालय ने जमानत अर्जी पर अभियोजन पक्ष से  आख्या, केस डायरी और याची के आपराधिक इतिहास की जानकारी मांगी है। इस पर शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि ने एसएसपी प्रयागराज को पत्र लिखकर लखनऊ पुलिस से विवरण मंगाने के लिए पत्र लिखा है।

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