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सार
Rakesh Gangwal’s Educcation and Career: आईआईटी कानपुर को 100 करोड़ का दान देकर चर्चा में आए राकेश गंगवाल एक मशहूर भारतीय-अमेरिकी उद्यमी हैं। आइए जानते हैं कौन हैं राकेश गंगवाल और क्या है उनका कारोबार-
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), कानपुर के पूर्व छात्र राकेश गंगवाल ने आईआईटी को गुरु दक्षिणा के तौर पर 100 करोड़ का दान देकर एक मिसाल पेश की है। आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करंदीकर ने बताया कि यह अब तक सबसे बड़ा व्यक्तिगत दान है। इसका उपयोग आईआईटी कैंपस में बनने वाले स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी के निर्माण में किया जाएगा। आइए जानते हैं कौन हैं राकेश गंगवाल के बारे में सबकुछ-
इंडिगो की मालिकाना कंपनी सह-संस्थापक
आईआईटी कानपुर को 100 करोड़ का दान देकर चर्चा में आए राकेश गंगवाल एक मशहूर भारतीय-अमेरिकी उद्यमी हैं। उनकी पहचान न केवल आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र बल्कि किफायती उड़ान सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी इंडिगो एयरलाइंस के को-फाउंडर के तौर पर जगजाहिर है। इंडिगो की पैतृक कंपनी इंटर ग्लोब एविएशन के सह-संस्थापक राकेश गंगवाल के परिवार के पास कंपनी की लगभग 37 फीसदी हिस्सेदारी है।
डॉन बॉस्को स्कूल, कोलकाता से की शुरुआती पढ़ाई
राकेश गंगवाल का जन्म 1953 में हुआ था। उनकी पूरी स्कूली शिक्षा डॉन बॉस्को (पार्क सर्कस) स्कूल, कोलकाता से हुई। इसके बाद उन्होंने 1975 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। बाद में उन्होंने अमेरिका के प्रसिद्ध पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए भी किया।
यूनाइटेड एयरलाइंस में सीईओ तक का सफर तय किया
सितंबर 1980 में आईआईटियन गंगवाल ने एयरलाइंस इंडस्ट्री के क्षेत्र में एक नया सफर शुरू किया। वे तब बूज एलन और हैमिल्टन इंक के साथ एक सहयोगी थे। इसके बाद वे यूनाइटेड एयरलाइंस में शामिल हो गए, जहां उन्होंने मैनेजर, स्ट्रेटेजिक प्लानर के रूप में काम किया। बाद में गंगवाल यूनाइटेड एयरलाइंस के सीईओ भी बन गए। 1998 से 2001 में यूएस एयरवेज ग्रुप में सेवाएं दीं। उसके बाद, गंगवाल ने 2003 से 2007 तक वर्ल्डस्पैन टेक्नोलॉजीज के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद भी संभाला।
इंडिगो एयरलाइंस की शुरुआत
इसके बाद राकेश गंगवाल ने अपने एक अरबपति कारोबारी मित्र राहुल भाटिया के साथ मिलकर 2006 में एक विमान के साथ इंडिगो एयरलाइंस की स्थापना की थी। हालांकि, 2009 में कॉर्पोरेट गवर्नेंस के मुद्दों पर दोनों के बीच काफी मतभेद सामने आए। शुरुआती कुछ सालों के बाद उन्होंने गैर-कार्यकारी, गैर-स्वतंत्र निदेशक के रूप में बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था।
विस्तार
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), कानपुर के पूर्व छात्र राकेश गंगवाल ने आईआईटी को गुरु दक्षिणा के तौर पर 100 करोड़ का दान देकर एक मिसाल पेश की है। आईआईटी कानपुर के निदेशक अभय करंदीकर ने बताया कि यह अब तक सबसे बड़ा व्यक्तिगत दान है। इसका उपयोग आईआईटी कैंपस में बनने वाले स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी के निर्माण में किया जाएगा। आइए जानते हैं कौन हैं राकेश गंगवाल के बारे में सबकुछ-
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