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गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में लगे सिपाहियों (पीएसी के जवान) पर जानलेवा हमला करने के आरोपित अहमद मुर्तजा अब्बासी पर सोमवार को गोरखनाथ थाने में दो अलग-अलग केस दर्ज किए गए। एक केस सिपाही की तहरीर पर धार्मिक उन्माद फैलाने, सरकारी काम में बाधा डालने, सरकारी काम के दौरान भय पैदा करने, सरकारी काम कर रहे लोकसेवक पर हमला करने, हत्या की कोशिश, 7सीएलए की धाराओं में दर्ज हुआ है। दूसरा केस आर्म्स एक्ट का दर्ज किया गया है। जानकारी के मुताबिक, सिपाही ने तहरीर में लिखा है कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में उसकी ड्यूटी थी। इसी दौरान एक युवक आया और सिपाहियों पर धारदार हथियार से हमला करने लगा। बीचबचाव करने गए पुलिसकर्मियों पर भी उसने हमला किया। इस दौरान वह धार्मिक नारा भी लगा रहा था। घटना से सनसनी फैल गई थी। लोगों में भय का माहौल हो गया। पुलिस ने इसी तहरीर पर केस दर्ज किया है। आर्म्स एक्ट का भी मामला दर्ज किया गया है।
पीएसी जवान गोपाल को लगे हैं 40 टांके
घायल पीएसी के जवान गोपाल गौड़ पर मुर्तजा ने ताबड़तोड़ हमले किए थे। धारदार हथियार से हमले में उनके पैर और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं। घाव की वजह से अधिक रक्तस्राव भी हो गया है। गोपाल को 40 टांके लगे हैं। दूसरे पीड़ित सिपाही अनिल को भी दस से ज्यादा टांके लगे हैं।
मानसिक रूप से स्वस्थ है मुर्तजा
जांच के बाद डॉक्टरों ने मुर्तजा को मानसिक रूप से स्वस्थ बताया है। डॉक्टरों ने बताया कि वह तरह-तरह की बातें जरूर कर रहा था, लेकिन जब उससे मानसिक रोग विशेषज्ञ ने बात की तो समझ में आ गया कि वह सिर्फ गुमराह कर रहा।
गैर जनपद भी गईं जांच टीमें
एसटीएफ की एक टीम महराजगंज तो गोरखपुर पुलिस की टीम सिद्धार्थनगर, कुशीनगर भी गई है। दरअसल, आरोपी मुर्तजा से पूछताछ में महराजगंज, कुशीनगर और सिद्धार्थनगर में रहने वाले उसके कुछ करीबियों के बारे में जानकारी मिली है। जांच टीमें इसी वजह से वहां पर गई हैं।
दो कंपनियों में मुर्तजा ने की है नौकरी
मां-बाप का इकलौता बेटा मुर्तजा मुंबई और जामनगर में दो कंपनियों में नौकरी कर चुका है। आईआईटी मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद मुर्तजा ने नौकरी की थी। अक्तूबर 2021 से वह गोरखपुर में रह रहा था। परिवार के एक सदस्य शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर हैं।
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