हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी : डीएम नहीं पढ़ते कोर्ट का आदेश, जिलाधिकारी को सीलबंद जांच रिपोर्ट के किया तलब

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 06 Apr 2022 09:18 PM IST

सार

एसडीएम हाता ने रिपोर्ट के बजाय आधी-अधूरी जानकारी दी। इस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की और कहा कि जिलाधिकारी हाईकोर्ट का आदेश देखते ही नहीं हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने शिवशंकर गुप्ता की याचिका पर दिया है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सील बंद जांच रिपोर्ट के साथ डीएम कुशीनगर को 11 अप्रैल को हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि डीएम को ग्राम प्रधान पर भूमि अतिक्रमण करने के आरोप में कार्रवाई न करने की निष्पक्ष जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया था।

एसडीएम हाता ने रिपोर्ट के बजाय आधी-अधूरी जानकारी दी। इस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की और कहा कि जिलाधिकारी हाईकोर्ट का आदेश देखते ही नहीं हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने शिवशंकर गुप्ता की याचिका पर दिया है।

याची का कहना है कि जनहित याचिका पर कोर्ट ने डीएम को राजस्व संहिता की धारा-67 के तहत जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दायर की गई। अवमानना याचिका के बाद डीएम ने जांच रिपोर्ट दी और ग्राम पंचायत पिपरा तिलावा में अतिक्रमण हटाने की संस्तुति की।

सभी का अतिक्रमण हटा दिया गया केवल ग्राम प्रधान पर कार्रवाई नहीं की गई। जिस पर यह याचिका दायर की गई। कोर्ट ने डीएम को निष्पक्ष जांच कर दो महीने में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। 

डीएम ने जांच रिपोर्ट नहीं दी बल्कि एसडीएम ने जानकारी दी। मगर, प्रधान के अतिक्रमण हटाने की जानकारी नहीं दी। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और डीएम कुशीनगर को जांच रिपोर्ट के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है।

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विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सील बंद जांच रिपोर्ट के साथ डीएम कुशीनगर को 11 अप्रैल को हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि डीएम को ग्राम प्रधान पर भूमि अतिक्रमण करने के आरोप में कार्रवाई न करने की निष्पक्ष जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया था।

एसडीएम हाता ने रिपोर्ट के बजाय आधी-अधूरी जानकारी दी। इस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की और कहा कि जिलाधिकारी हाईकोर्ट का आदेश देखते ही नहीं हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने शिवशंकर गुप्ता की याचिका पर दिया है।

याची का कहना है कि जनहित याचिका पर कोर्ट ने डीएम को राजस्व संहिता की धारा-67 के तहत जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दायर की गई। अवमानना याचिका के बाद डीएम ने जांच रिपोर्ट दी और ग्राम पंचायत पिपरा तिलावा में अतिक्रमण हटाने की संस्तुति की।

सभी का अतिक्रमण हटा दिया गया केवल ग्राम प्रधान पर कार्रवाई नहीं की गई। जिस पर यह याचिका दायर की गई। कोर्ट ने डीएम को निष्पक्ष जांच कर दो महीने में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। 

डीएम ने जांच रिपोर्ट नहीं दी बल्कि एसडीएम ने जानकारी दी। मगर, प्रधान के अतिक्रमण हटाने की जानकारी नहीं दी। जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और डीएम कुशीनगर को जांच रिपोर्ट के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है।

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