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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Fri, 15 Apr 2022 10:02 AM IST
सार
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के 11 लॉकरों से करोड़ों के गहने चोरी होने के मामले में आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी किए जाने पर विचार किया जा रहा है। पुलिस के अनुसार गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई के बाद आरोपियों की संपत्ति जब्तीकरण की राह आसान हो सकेगी।
बैंक लॉकर से जेवर गायब होने का मामला
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
कानपुर में कराची खाना स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के 11 लॉकरों से करोड़ों के गहने चोरी होने के मामले में पुलिस ने जेल गए सभी आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज करा दिए हैं। आरोपियों के संग संबंधियों के बैंक खाते भी पुलिस के रडार पर हैं। खातों की डिटेल निकाल कर यह पता किया जा रहा है कि कहीं गहनों को नकदी में बदल कर मिलने वालों के माध्यम से ठिकाने तो नहीं लगाया गया।
प्रकरण में पुलिस अब तक बैंक मैनेजर रामप्रसाद, लॉकर इंचार्ज शुभम मालवीय, लॉकर तोड़ने वाले मिस्त्री चंद्रप्रकाश समेत पांच आरोपियों को जेल भेज चुकी है। डीसीपी ईस्ट प्रमोद कुमार के अनुसार लॉकरों से गहने इन्हीं आरोपियों ने पार किए थे, इसके पर्याप्त साक्ष्य मिल चुके हैं।
गहने किन सराफों को बेचे गए हैं, इसका पता लगाने के लिए टीमें लगी हुई हैं। कुछ सराफों के विषय में जानकारी भी हाथ लगी है। पांचों आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज करा दिया गया है। हालांकि, पुलिस अब तक यह नहीं पता कर सकी है कि उनके खाते में वर्तमान में कितना रुपया है।
डीसीपी ने बताया कि आरोपियों के परिजनों और उनके मिलने वालों के बैंक खातों की भी डिटेल निकलवाई जा रही है। उनके खातों में 2017 से अब तक कैसे और कितना ट्रांजेक्शन हुआ, इसका पता किया जा रहा है। इसके लिए अलग से दो एसआई और दो सिपाहियों की टीमों को लगाया गया है। वहीं, मिस्त्री के भाई रमेश का पुलिस अब तक सुराग नहीं खोज सकी है।
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