कासगंज में चार झोपड़ियों में लगी आग: लपटों के बीच फंसी दो साल की बेटी, पिता ने जान पर खेलकर बचाया, पांच पशु जिंदा जले

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सार

गांव सिकंदरपुर में आग की घटना सोमवार देर रात को हुई, जब एक परिवार झोपड़ी में सो रहा था। आग लगते ही परिवार के लोग बाहर आ गए, लेकिन दो साल की बच्ची अंदर ही रह गई।  

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कासगंज की पटियाली तहसील के गांव सिकंदरपुर में चार झोपड़ियों में आग लग गई। इससे पांच पशुओं की जलकर मौत हो गई। झोपड़ी में सो रही बच्ची को बचाने में पिता और पुत्री झुलस गए। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग को बुझाया। आग से झोपड़ियों में रखी नकदी व घरेलू सामान जल गया। राजस्व कर्मियों ने पहुंचकर क्षति का आकलन किया।

सोमवार रात को गांव सिकंदरपुर निवासी धर्मवीर का परिवार नींद में सो रहा था। रात में अचानक झोपड़ी में आग लग गई। आग लगते ही परिवार के लोग चीख-पुकार करते झोपड़ी से बाहर आ गए। उनकी आवाज सुनकर अन्य ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। धर्मवीर की दो वर्ष की बेटी झोपड़ी में ही रह गई। उसे निकालने के लिए वह फिर झोपड़ी में घुसा। 

बच्ची को निकालते समय पिता-पुत्री झुलसे

मासूम को झोपड़ी से निकालते समये पिता-पुत्री झुलस गए। लेकिन वह झोपड़ी में बंधे पशुओं को नहीं निकाल सका। पांच पशु जलकर मर गए। ग्रामीण आग बुझाने के प्रयासों में जुटे रहे। इसी बीच आग की चपेट में पप्पू, ओमवीर, नेत्रपाल की झोपड़ी भी आ गई। लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग को बुझाया जा सका।

इनकी झोपड़ियों में लगी आग 

– धर्मवीर ने बताया कि उसकी झोपड़ी में रखे झोपड़ी में रखे 20 हजार रुपये, जेवर, कपड़े, विस्तर आदि गृहस्थी का सामान जल गया। वहीं पांच पशु भी झुलसकर मर गए हैं। 
– पप्पू ने बताया कि झोपड़ी में रखी 15 हजार रुपये नकदी, गल्ला, विस्तर, कपड़े, वर्तन व अन्य घरेलू सामान जल गया। 
– ओमवीर ने बताया कि उसकी झोपड़ी में 10 हजार रुपये की नकदी, कपड़े, विस्तर, आभूषण आदि सामान जल गया।
– नेत्रपाल ने बताया कि झोपड़ी में रखे 15 हजार रुपये की नकदी, कपड़े, विस्तर, आभूषण व घरेलू सामान जलकर राख हो गया

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नियमानुसार मदद दिलाई जाएगी

पटियाली के तहसीलदार राजीव निगम ने बताया कि राजस्व निरीक्षक ओमप्रकाश, क्षेत्रीय लेखपाल प्रशांत सिंह को मौके पर भेजकर नुकसान का आकलन कराया। अग्निकांड के पीड़ितों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई गई है। पीड़ितों को नियमानुसार हर संभव मदद दिलाई जाएगी।

विस्तार

कासगंज की पटियाली तहसील के गांव सिकंदरपुर में चार झोपड़ियों में आग लग गई। इससे पांच पशुओं की जलकर मौत हो गई। झोपड़ी में सो रही बच्ची को बचाने में पिता और पुत्री झुलस गए। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग को बुझाया। आग से झोपड़ियों में रखी नकदी व घरेलू सामान जल गया। राजस्व कर्मियों ने पहुंचकर क्षति का आकलन किया।

सोमवार रात को गांव सिकंदरपुर निवासी धर्मवीर का परिवार नींद में सो रहा था। रात में अचानक झोपड़ी में आग लग गई। आग लगते ही परिवार के लोग चीख-पुकार करते झोपड़ी से बाहर आ गए। उनकी आवाज सुनकर अन्य ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए। धर्मवीर की दो वर्ष की बेटी झोपड़ी में ही रह गई। उसे निकालने के लिए वह फिर झोपड़ी में घुसा। 

बच्ची को निकालते समय पिता-पुत्री झुलसे

मासूम को झोपड़ी से निकालते समये पिता-पुत्री झुलस गए। लेकिन वह झोपड़ी में बंधे पशुओं को नहीं निकाल सका। पांच पशु जलकर मर गए। ग्रामीण आग बुझाने के प्रयासों में जुटे रहे। इसी बीच आग की चपेट में पप्पू, ओमवीर, नेत्रपाल की झोपड़ी भी आ गई। लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग को बुझाया जा सका।

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