हटाए गए 300 सफाई कर्मी, सफाई व्यवस्था लड़खड़ाई

0
23

[ad_1]

ख़बर सुनें

उन्नाव। नगर पालिका का खजाना खाली हो गया है और वेतन के लाले हैं। ऐसे में नगर पालिकाध्यक्ष ने 300 आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा है और सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी 274 संविदा व स्थायी सफाई कर्मियों पर आ गई है। ऐसे में नगर में हर दिन 48 मैट्रिक टन कूड़ा निस्तारण को लेकर पालिका प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती आ गई हैं। साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था लड़खड़ाने लगी है।
नगर पालिका प्रशासन को हर माह 2.75 करोड़ रुपये वेतन, मानदेय व पेंशन वितरण के लिए जरूरत होती है। अक्तूबर 2021 से हर माह 1.85 करोड़ रुपया ही मिलने के कारण आउटसोर्सिंग पर रखे गए 300 सफाई कर्मचारियों को छह माह से मानदेय नहीं मिल रहा था। इस कारण 100 आउटसोर्सिंग कर्मी हर दिन काम से नदारत रहते थे। ऐसे में नगर पालिका प्रशासन ने बढ़ रहे बजट के भार को कम करने के लिए सभी 300 आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों की छुट्टी कर दी है। नगर पालिकाध्यक्ष ऊषा कटियार ने निर्देश पर मोहर लगा दी है।
अधिकारियों और माननीयों को भी लगेगा झटका
अधिकारियों और माननीयों ने भी आवासों पर आउटसोर्सिंग और कुछ स्थायी सफाई कर्मियों को निजी काम में लगा रखा है। नए परिवर्तन से सभी को झटका लगना तय है।
आउटसोर्सिंग सफाईकर्मियों को अक्तूबर 2021 से मानदेय नहीं मिला है। इनके मानदेय के भुगतान में हर माह करीब 21 लाख रुपये का खर्च आता था। इस तरह छह माह में 1.26 करोड़ रुपया बकाया है। जो पालिका के लिए बचत सरीखा होगा।
अभी तक वार्डों में 15 सफाई कर्मी लगाए गए थे, लेकिन आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों के बाहर होने के बाद अब हर वार्ड में छह सफाई कर्मचारी तैनात होंगे। यह सुबह पांच बजे से साफ सफाई में जुटेंगे। वहीं 10 गैंग बनाए जाएंगे, जिसमें तीन-तीन सफाईकर्मी होंगे, जो शहर की मुख्य सड़कों की सफाई करेंगे।
अभी तक आउटसोर्सिंग सफाई कर्मी काम पर लगे थे तो हर दिन 30 मैट्रिक टन से अधिक कूड़ा नहीं उठ पाता था। शहर में हर दिन 48 मैट्रिक टन कूड़ा घरों से निकलता है। अब सफाई कर्मचारियों की संख्या घटा दी गई है तो 30 मैट्रिक टन कूड़ा शायद ही उठ सके। इस कारण शहर में और भी गंदगी देखने को मिलेगी।

बोले जिम्मेदार
बजट न होने से आउटसोर्सिंग के सफाई कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। 300 आउटसोर्सिंग सफाईकर्मी काम कर रहे थे। अब संविदा और स्थायी कर्मचारियों पर सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी होगी। ऊषा कटियार, नगर पालिका अध्यक्ष
नगर पालिका के पास जो भी स्थायी और संविदाकर्मी हैं। उन्हीं से शहर और सभी 32 वार्डों की सफाई कराई जाएगी। जो कर्मचारी किसी अन्य कार्य या स्थानों पर अटैच हैं, उन्हें भी मूल कार्य में लगाया जाएगा। सत्यप्रिय सिंह, एसडीएम/प्रभारी ईओ

यह भी पढ़ें -  दुष्कर्म पीड़िता के चाचा को दिल्ली पुलिस ने न्यायालय में पेश किया

उन्नाव। नगर पालिका का खजाना खाली हो गया है और वेतन के लाले हैं। ऐसे में नगर पालिकाध्यक्ष ने 300 आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा है और सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी 274 संविदा व स्थायी सफाई कर्मियों पर आ गई है। ऐसे में नगर में हर दिन 48 मैट्रिक टन कूड़ा निस्तारण को लेकर पालिका प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती आ गई हैं। साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था लड़खड़ाने लगी है।

नगर पालिका प्रशासन को हर माह 2.75 करोड़ रुपये वेतन, मानदेय व पेंशन वितरण के लिए जरूरत होती है। अक्तूबर 2021 से हर माह 1.85 करोड़ रुपया ही मिलने के कारण आउटसोर्सिंग पर रखे गए 300 सफाई कर्मचारियों को छह माह से मानदेय नहीं मिल रहा था। इस कारण 100 आउटसोर्सिंग कर्मी हर दिन काम से नदारत रहते थे। ऐसे में नगर पालिका प्रशासन ने बढ़ रहे बजट के भार को कम करने के लिए सभी 300 आउटसोर्सिंग सफाई कर्मियों की छुट्टी कर दी है। नगर पालिकाध्यक्ष ऊषा कटियार ने निर्देश पर मोहर लगा दी है।

अधिकारियों और माननीयों को भी लगेगा झटका

अधिकारियों और माननीयों ने भी आवासों पर आउटसोर्सिंग और कुछ स्थायी सफाई कर्मियों को निजी काम में लगा रखा है। नए परिवर्तन से सभी को झटका लगना तय है।

आउटसोर्सिंग सफाईकर्मियों को अक्तूबर 2021 से मानदेय नहीं मिला है। इनके मानदेय के भुगतान में हर माह करीब 21 लाख रुपये का खर्च आता था। इस तरह छह माह में 1.26 करोड़ रुपया बकाया है। जो पालिका के लिए बचत सरीखा होगा।

अभी तक वार्डों में 15 सफाई कर्मी लगाए गए थे, लेकिन आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों के बाहर होने के बाद अब हर वार्ड में छह सफाई कर्मचारी तैनात होंगे। यह सुबह पांच बजे से साफ सफाई में जुटेंगे। वहीं 10 गैंग बनाए जाएंगे, जिसमें तीन-तीन सफाईकर्मी होंगे, जो शहर की मुख्य सड़कों की सफाई करेंगे।

अभी तक आउटसोर्सिंग सफाई कर्मी काम पर लगे थे तो हर दिन 30 मैट्रिक टन से अधिक कूड़ा नहीं उठ पाता था। शहर में हर दिन 48 मैट्रिक टन कूड़ा घरों से निकलता है। अब सफाई कर्मचारियों की संख्या घटा दी गई है तो 30 मैट्रिक टन कूड़ा शायद ही उठ सके। इस कारण शहर में और भी गंदगी देखने को मिलेगी।



बोले जिम्मेदार

बजट न होने से आउटसोर्सिंग के सफाई कर्मचारियों को हटाया जा रहा है। 300 आउटसोर्सिंग सफाईकर्मी काम कर रहे थे। अब संविदा और स्थायी कर्मचारियों पर सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी होगी। ऊषा कटियार, नगर पालिका अध्यक्ष

नगर पालिका के पास जो भी स्थायी और संविदाकर्मी हैं। उन्हीं से शहर और सभी 32 वार्डों की सफाई कराई जाएगी। जो कर्मचारी किसी अन्य कार्य या स्थानों पर अटैच हैं, उन्हें भी मूल कार्य में लगाया जाएगा। सत्यप्रिय सिंह, एसडीएम/प्रभारी ईओ

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here