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उन्नाव। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में सिर्फ 13 यूनिट ही खून बचा है। इसमें ए पॉजिटिव और बी पॉजिटिव का सिर्फ एक-एक यूनिट खून है। इसी ग्रुप के खून की अधिकतर मरीजों को जरूरत पड़ती है।
पर्याप्त मात्रा में खून न होने से मरीजों के साथ गर्भवतियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इस समस्या को देखते हुए सीएमएस ने स्वस्थ व्यक्तियों से रक्तदान की अपील की है।
जिले के 280 बेड की क्षमता वाले महिला-पुरुष अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और गर्भवतियों के लिए 150 यूनिट क्षमता का ब्लड बैंक है। स्थिति यह है कि इसमें सिर्फ 13 यूनिट ही खून बचा है। इसमें भी ज्यादातर मरीजों के काम आने वाले ए और बी पॉजिटिव का सिर्फ एक-एक यूनिट खून है।
ऐसे में खून की कमी से मरीजों की जान पर आफत आ सकती है। मरीजों की समस्या को देखते हुए सीएमएस ने रक्तदान करने की लोगों से अपील की है।
जिला अस्पताल का ब्लड बैंक अभी तक 300 यूनिट क्षमता का था। इतने यूनिट खून रखने के लिए चार फ्रिजर थे, लेकिन इसमें से दो फ्रीजर खराब हो गए हैं। दो ही फ्रीजर चलने से सिर्फ 150 ब्लड ही रखा जा सकता है।
18-60 साल की उम्र का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति
वजन 50 किलो से कम नहीं होना चाहिए।
हीमोग्लोबिन (12.5 ग्राम) से कम नहीं होना चाहिए।
रक्तदान के तीन माह पूरे होने से पहले नहीं कर सकते।
सीएमएस डॉ. पवन कुमार ने बताया कि इस समय ब्लड बैंक में ए पॉजिटिव का एक, बी पॉजिटिव का एक, ए निगेटिव के दो, ओ पॉजिटिव के पांच व एबी पॉजिटिव का पांच यूनिट खून बचा है।
उन्नाव। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में सिर्फ 13 यूनिट ही खून बचा है। इसमें ए पॉजिटिव और बी पॉजिटिव का सिर्फ एक-एक यूनिट खून है। इसी ग्रुप के खून की अधिकतर मरीजों को जरूरत पड़ती है।
पर्याप्त मात्रा में खून न होने से मरीजों के साथ गर्भवतियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इस समस्या को देखते हुए सीएमएस ने स्वस्थ व्यक्तियों से रक्तदान की अपील की है।
जिले के 280 बेड की क्षमता वाले महिला-पुरुष अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और गर्भवतियों के लिए 150 यूनिट क्षमता का ब्लड बैंक है। स्थिति यह है कि इसमें सिर्फ 13 यूनिट ही खून बचा है। इसमें भी ज्यादातर मरीजों के काम आने वाले ए और बी पॉजिटिव का सिर्फ एक-एक यूनिट खून है।
ऐसे में खून की कमी से मरीजों की जान पर आफत आ सकती है। मरीजों की समस्या को देखते हुए सीएमएस ने रक्तदान करने की लोगों से अपील की है।
जिला अस्पताल का ब्लड बैंक अभी तक 300 यूनिट क्षमता का था। इतने यूनिट खून रखने के लिए चार फ्रिजर थे, लेकिन इसमें से दो फ्रीजर खराब हो गए हैं। दो ही फ्रीजर चलने से सिर्फ 150 ब्लड ही रखा जा सकता है।
18-60 साल की उम्र का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति
वजन 50 किलो से कम नहीं होना चाहिए।
हीमोग्लोबिन (12.5 ग्राम) से कम नहीं होना चाहिए।
रक्तदान के तीन माह पूरे होने से पहले नहीं कर सकते।
सीएमएस डॉ. पवन कुमार ने बताया कि इस समय ब्लड बैंक में ए पॉजिटिव का एक, बी पॉजिटिव का एक, ए निगेटिव के दो, ओ पॉजिटिव के पांच व एबी पॉजिटिव का पांच यूनिट खून बचा है।
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