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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 29 Apr 2022 08:46 PM IST
सार
कॉमेडियन ने तिरंगे की आपत्तिजनक तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट की थी। कॉमेडियन कुणाल कामरा पर 11 नवंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट के भवन पर फहराए गए तिरंगे में एडिटिंग कर आपत्तिजनक तस्वीर को ट्विटर पर पोस्ट कर तिरंगे का अपमान करने का आरोप है। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने अधिवक्ता सौरभ तिवारी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग में धारा 156 (3) के तहत दाखिल अर्जी अधीनस्थ अदालत वाराणसी से खारिज हो चुकी है।
हालांकि, कोर्ट ने कहा कि याची को इस मामले में अदालत में आपराधिक केस कायम करने का वैकल्पिक उपचार प्राप्त है। वह इसका इस्तेमाल कर सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने अधिवक्ता सौरभ तिवारी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
तिरंगे की आपत्तिजनक तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करने का आरोप
कॉमेडियन पर तिरंगे की आपत्तिजनक तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करने का आरोप है। याची ने न्यायिक मजिस्ट्रेट वाराणसी की अदालत में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी करने की मांग में अर्जी दाखिल की। इसे मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया।
अपर सत्र न्यायाधीश वाराणसी की अदालत में निगरानी भी खारिज हो गई, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। याचिका अधिवक्ता अमिताभ त्रिवेदी ने बहस की। अधीनस्थ अदालत ने कहा कि वाराणसी सत्र न्यायालय का क्षेत्राधिकार इस मामले में नहीं बनता क्योंकि अपराध न्यायालय के क्षेत्राधिकार में घटित नहीं हुआ है। कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग में धारा 156 (3) के तहत दाखिल अर्जी अधीनस्थ अदालत वाराणसी से खारिज हो चुकी है।
हालांकि, कोर्ट ने कहा कि याची को इस मामले में अदालत में आपराधिक केस कायम करने का वैकल्पिक उपचार प्राप्त है। वह इसका इस्तेमाल कर सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने अधिवक्ता सौरभ तिवारी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।
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