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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sun, 01 May 2022 07:57 PM IST
सार
याची ने कोर्ट को बताया कि याची की नियुक्ति साकेत महाविद्यालय अयोध्या में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई है। इससे पूर्व वह छत्तीसगढ़ के दो सरकारी महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिक्स के पद पर अपनी सेवाएं दे चुका है।
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विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैर राज्यों के महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर शैक्षणिक अनुभव को उत्तर प्रदेश क़्क़के महाविद्यालय की सेवा में जोड़ने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने डॉ. अनूप कुमार पांडेय की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है। कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के दो सरकारी महाविद्यालयों में प्राप्त शैक्षणिक अनुभव को याची की सेवा में जोड़कर उसे प्रोन्नति व वेतन वृद्धि आदि सभी लाभ देने का निर्देश दिया है।
याची ने कोर्ट को बताया कि याची की नियुक्ति साकेत महाविद्यालय अयोध्या में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई है। इससे पूर्व वह छत्तीसगढ़ के दो सरकारी महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिक्स के पद पर अपनी सेवाएं दे चुका है। इस आधार पर याची कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत प्रमोशन व सीनियर स्केल पाने का अधिकारी है लेकिन निदेशक उच्च शिक्षा ने याची को यह लाभ देने से इनकार कर दिया है।
शैक्षणिक अनुभव नहीं जोड़ा जा रहा है। अधिवक्ता का कहना था कि 2018 के यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार किसी भी राज्य के महाविद्यालय में किए गए कार्य को अन्य राज्य के महाविद्यालय की सेवा अवधि में जोड़ा जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशालय के अधिवक्ता का कहना था कि यूजीसी रेगुलेशन 2010 और राज्य सरकार के शासनादेशों में ऐसी कोई शर्त नहीं दी गई है।
याची के अधिवक्ता का कहना था कि 2010 के यूजीसी रेगुलेशन को 2018 के रेगुलेशन ने रिपील कर दिया है। कोर्ट ने याची को अन्य महाविद्यालयों में की गई सेवा अवधि को वर्तमान सेवा में जोड़े जाने का हकदार मानते हुए लाभ देने का निर्देश दिया है।
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