न्यूज डेस्क, अमर उजाला, फर्रुखाबाद
Published by: शिखा पांडेय
Updated Tue, 03 May 2022 11:14 PM IST
कासगंज में हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद से पूरे गांव में मातम छा गया।
फर्रुखाबाद जिले में साकार विश्वहरि के सत्संग से लौटते वक्त एक ही गांव के सात लोगों की मौत के बाद गांव में मातम पसर गया। मृतकों के घर पर देर रात रिश्तेदारों और पड़ोसियों का जमावड़ा लग गया। कासगंज के पटियाली क्षेत्र के अशोकपुर गांव के पास बोलेरो-टेंपो की भिड़ंत में क्षेत्र के गांव घसिया चिलौली के सात लोगों की मौत होने से गांव में चीत्कार मच गया।
पुरुष कासगंज के लिए रवाना हो गए। घरों में बच्चे, महिलाएं ही रह गईं। दुर्घटना में जान गंवाने वाली रूपरानी के परिवार के ही छह लोग मृतकों में शामिल हैं। घरों में हालात ऐसे हो गए कि कोई किसी को सांत्वना तक देने की स्थिति में नहीं था। गांव के लोग इन घरों में पहुंचकर तड़प रही महिलाओं, बच्चों को ढांढस बंधाने का प्रयास कर रहे थे। कुछ महिलाओं के बेहोश होने पर मुंह में पानी डाला जा रहा था। मीना की बेटी कोमल को पड़ोस के ही लोग पकड़े बैठे थे। वह बार-बार पछाड़ खाकर गिर रही थी।
नीरज देवी, रूपरानी, सुनीता के बेटों की बहुओं, बेटियों का रो-रो कर बुरा हाल था। परिजनों का हाल देख हर किसी की आंख नम हो रही थी। टेंपो चालक सरनाम के गांव रायपुर से दोनों बड़े भाई कासगंज चले गए। परिवार में उनकी पत्नियां थीं। शादीशुदा तीनों बहनें और रिश्तेदार भी देर शाम गांव पहुंचे, तो कोहराम मच गया। सरनाम की 11 मई को प्रयागराज बरात जानी थी, लिहाजा वह कह रहा था कि सब कुछ ठीकठाक हो जाए, इसलिए बाबा विश्वहरि के दर्शन करने जाएंगे। पर भगवान को कुछ और ही मंजूर था।
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फर्रुखाबाद जिले में साकार विश्वहरि के सत्संग से लौटते वक्त एक ही गांव के सात लोगों की मौत के बाद गांव में मातम पसर गया। मृतकों के घर पर देर रात रिश्तेदारों और पड़ोसियों का जमावड़ा लग गया। कासगंज के पटियाली क्षेत्र के अशोकपुर गांव के पास बोलेरो-टेंपो की भिड़ंत में क्षेत्र के गांव घसिया चिलौली के सात लोगों की मौत होने से गांव में चीत्कार मच गया।
पुरुष कासगंज के लिए रवाना हो गए। घरों में बच्चे, महिलाएं ही रह गईं। दुर्घटना में जान गंवाने वाली रूपरानी के परिवार के ही छह लोग मृतकों में शामिल हैं। घरों में हालात ऐसे हो गए कि कोई किसी को सांत्वना तक देने की स्थिति में नहीं था। गांव के लोग इन घरों में पहुंचकर तड़प रही महिलाओं, बच्चों को ढांढस बंधाने का प्रयास कर रहे थे। कुछ महिलाओं के बेहोश होने पर मुंह में पानी डाला जा रहा था। मीना की बेटी कोमल को पड़ोस के ही लोग पकड़े बैठे थे। वह बार-बार पछाड़ खाकर गिर रही थी।