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बांगरमऊ (उन्नाव)। नगर पालिका के मोहल्ला (भंगियाना) का नाम बदलने के लिए दायर जनहित याचिका पर प्रयागराज हाईकोर्ट की लखनऊ खंड पीठ में सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय ने मोहल्ले का नाम जातिसूचक होना दुखद बताया है। इसके नाम में संशोधन के लिए प्रदेश सरकार से पांच दिन में उचित कार्रवाई के लिए कहा है।
कस्बा बांगरमऊ के मोहल्ले भंगियाना का नाम नागरिक लंबे समय से बदलने की मांग कर रहे हैं। 26 दिसंबर 2018 को नगर पालिका परिषद की बोर्ड की बैठक में मोहल्ले का नाम बदलकर सिद्धार्थनगर करने का प्रस्ताव पास किया गया था। इसके बाद 23 सितंबर 2019 को प्रस्ताव शासन को भेजा गया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मोहल्ले के ज्ञानेंद्र कुमार ने क्षेत्र के इस्माइलपुर आंबापारा निवासी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता फारूक अहमद के माध्यम से 27 अप्रैल 2022 को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। पांच मई को इस पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने कहा कि मोहल्ले का नाम जातिसूचक होना काफी दुखद है। सरकार की तरफ से पेश हुए स्थायी अधिवक्ता ने न्यायालय से आवश्यक कार्रवाई के लिए पांच दिन का समय मांगा। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि आशा करते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार पांच दिन में उचित और सकारात्मक निर्णय लेगी। सुनवाई की अगली सुनवाई 10 मई 2022 है।
बांगरमऊ नगर पालिकाध्यक्ष इजहार खां ने बताया कि मोहल्ले का नाम बदलने की मांग काफी समय से चल रही है। पालिका की ओर से प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा गया था लेकिन संशोधन नहीं हो पाया। अब उम्मीद नजर आ रही है।
सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य ने जताई थी आपत्ति
नगर पालिका परिषद के एक मोहल्ले का नाम भंगियाना लिखा होने पर नौ दिसंबर 2021 को राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य श्यामलाल वाल्मीकि ने कड़ी आपत्ति जताई थी। सदस्य ने ईओ राकेश कुमार सिंह को चेतावनी दी थी कि यदि जल्द ही इस मोहल्ले का नाम न बदला गया तो उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। इसके बाद भी पालिका प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
बांगरमऊ (उन्नाव)। नगर पालिका के मोहल्ला (भंगियाना) का नाम बदलने के लिए दायर जनहित याचिका पर प्रयागराज हाईकोर्ट की लखनऊ खंड पीठ में सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय ने मोहल्ले का नाम जातिसूचक होना दुखद बताया है। इसके नाम में संशोधन के लिए प्रदेश सरकार से पांच दिन में उचित कार्रवाई के लिए कहा है।
कस्बा बांगरमऊ के मोहल्ले भंगियाना का नाम नागरिक लंबे समय से बदलने की मांग कर रहे हैं। 26 दिसंबर 2018 को नगर पालिका परिषद की बोर्ड की बैठक में मोहल्ले का नाम बदलकर सिद्धार्थनगर करने का प्रस्ताव पास किया गया था। इसके बाद 23 सितंबर 2019 को प्रस्ताव शासन को भेजा गया था लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मोहल्ले के ज्ञानेंद्र कुमार ने क्षेत्र के इस्माइलपुर आंबापारा निवासी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता फारूक अहमद के माध्यम से 27 अप्रैल 2022 को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। पांच मई को इस पर सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने कहा कि मोहल्ले का नाम जातिसूचक होना काफी दुखद है। सरकार की तरफ से पेश हुए स्थायी अधिवक्ता ने न्यायालय से आवश्यक कार्रवाई के लिए पांच दिन का समय मांगा। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि आशा करते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार पांच दिन में उचित और सकारात्मक निर्णय लेगी। सुनवाई की अगली सुनवाई 10 मई 2022 है।
बांगरमऊ नगर पालिकाध्यक्ष इजहार खां ने बताया कि मोहल्ले का नाम बदलने की मांग काफी समय से चल रही है। पालिका की ओर से प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा गया था लेकिन संशोधन नहीं हो पाया। अब उम्मीद नजर आ रही है।
सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य ने जताई थी आपत्ति
नगर पालिका परिषद के एक मोहल्ले का नाम भंगियाना लिखा होने पर नौ दिसंबर 2021 को राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य श्यामलाल वाल्मीकि ने कड़ी आपत्ति जताई थी। सदस्य ने ईओ राकेश कुमार सिंह को चेतावनी दी थी कि यदि जल्द ही इस मोहल्ले का नाम न बदला गया तो उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। इसके बाद भी पालिका प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
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