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सार
आगरा के संघर्ष नशा मुक्ति केंद्र पर हाथरस के सादाबाद निवासी युवक की मौत हो गई थी। परिजनों ने केंद्र के कर्मचारियों पर युवक को यातनाएं देने का आरोप लगाया था। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी चोट के निशान आए हैं।
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विस्तार
आगरा के कालिंदी विहार स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराए गए मजदूर मुकेश कुमार की मौत के मामले में गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। नशा मुक्ति केंद्र के संचालक रजत शर्मा, तीन अज्ञात कर्मचारियों के अलावा अस्पताल के अज्ञात कर्मियों को आरोपी बनाया गया है। सभी फरार हो गए हैं। पुलिस उनकी तलाश में लगी है।
मुकदमा हाथरस के सादाबाद के कश्यप नगर निवासी सतीश चंद्र ने लिखाया। सतीश चंद्र मृतक मुकेश का भाई है। उसने बताया कि उसका भाई मुकेश कुमार नशे का आदी था। नशे की आदत छुड़ाने के लिए गूगल से संघर्ष नशा मुक्ति केंद्र, कालिंदी विहार का नंबर खोजा था। कॉल करने पर चार मई को नशा मुक्ति केंद्र की टीम के सदस्य रजत शर्मा और तीन अन्य सादाबाद आए थे। वह मुकेश को अपने साथ कार में लेकर चले गए थे।
परिजनों को अस्पताल में मिली थी लाश
पांच मई की शाम को भांजे सूरज के मोबाइल पर कॉल करके मुकेश की तबीयत खराब होने के बारे में बताया। आगरा पहुंचने पर मुकेश की लाश कबीर देव हॉस्पिटल में मिली। उनके पहुंचने पर नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी और अस्पताल के कर्मचारी भाग गए।
थाना एत्माद्दौला के प्रभारी निरीक्षक सत्यदेव शर्मा के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर पर चोटें पाई गई थीं। इस पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी फरार हो गए हैं। उनकी तलाश के लिए सर्विलांस की मदद ले रहे हैं।
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