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उन्नाव। पिछले 10 साल से अपने घर का सपना संजोने वालों जल्द ही आशियाना मिल सकेगा। योजना पर अभी तक कानूनी अड़चन थी।
अब उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण (यूएसडीएम) ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट निराला फेज-दो को पूरा करने के लिए पूर्व निर्धारित क्षेत्रफल को कम किया और कुछ छोटे काश्तकारों को जमीन देने के लिए राजी कर लिया है। इससे योजना की सभी रुकावटें दूर हो गईं हैं।
दिसंबर तक भूखंडों का आवंटन शुरू हो जाएगा। यूएसडीए के सचिव ने रिपोर्ट मंडलायुक्त को भी भेज दी है।
वर्ष 2012 में शुरू हुई निराला नगर फेज-दो को 18.50 हेक्टेअर में विकसित करने की योजना बनाई लेकिन छह काश्तकारों ने मुआवजा कम बताकर अपनी जमीनें देने से इनकार किया और हाईकोर्ट की शरण ली थी।
न्यायालय ने यूएसडीएम को किसानों की जमीनें लौटने या उनसे सहमति बनाने का आदेश दिया था। इसके बाद प्राधिकरण को अपनी इस आवासीय भूखंड की योजना के क्षेत्रफल को घटाकर उपलब्ध भूमि के अनुसार 15.50 हेक्टेअर कर दी।
वर्तमान में उसके पास 10.86 हेक्टेयर की जमीन अधिग्रहित है। बाकी भूमि के लिए 1.15 हेक्टेअर जमीन ग्राम समाज की ली जा रही है साथ ही कुछ छोटे काश्तकारों से कई चक्र वार्ता के बाद उचित मुआवजा तय करते हुए जमीन देने के लिए राजी कर लिया है। इससे प्राधिकरण की सभी मुश्किलें दूर हो गईं हैं। यूएसडीए के प्रभारी सचिव एपीएन सिंह ने बताया कि मंडलायुक्त रंजन कुमार को रिपोर्ट दी गई है। जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी।
वर्ष 2012 में जब योजना में 2244 लोगों ने प्लॉट आवेदन किया तथा दस प्रतिशत मार्जिन मनी भी जमा की थी। कानूनी अड़चन देख 750 ने अपना आवेदन और अग्रिम राशि वापस ले ली थी, जबकि 1494 लोग अभी भी प्लॉट मिलने की उम्मीद लगाए थे। उनके सपने साकार होंगे।
प्लॉट के लिए 1494 आवेदकों का 10.50 करोड़ रुपया अभी भी प्राधिकरण के पास ही जमा है। आवेदन कर्ताओं के मुताबिक इस रकम से यूएसडीए अपने जरूरी खर्चे पूरे कर रही है। जमा रकम से बैंक से मिलने वाला ब्याज भी यूएसडीए के हिस्से में आ रहा है।
उन्नाव। पिछले 10 साल से अपने घर का सपना संजोने वालों जल्द ही आशियाना मिल सकेगा। योजना पर अभी तक कानूनी अड़चन थी।
अब उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण (यूएसडीएम) ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट निराला फेज-दो को पूरा करने के लिए पूर्व निर्धारित क्षेत्रफल को कम किया और कुछ छोटे काश्तकारों को जमीन देने के लिए राजी कर लिया है। इससे योजना की सभी रुकावटें दूर हो गईं हैं।
दिसंबर तक भूखंडों का आवंटन शुरू हो जाएगा। यूएसडीए के सचिव ने रिपोर्ट मंडलायुक्त को भी भेज दी है।
वर्ष 2012 में शुरू हुई निराला नगर फेज-दो को 18.50 हेक्टेअर में विकसित करने की योजना बनाई लेकिन छह काश्तकारों ने मुआवजा कम बताकर अपनी जमीनें देने से इनकार किया और हाईकोर्ट की शरण ली थी।
न्यायालय ने यूएसडीएम को किसानों की जमीनें लौटने या उनसे सहमति बनाने का आदेश दिया था। इसके बाद प्राधिकरण को अपनी इस आवासीय भूखंड की योजना के क्षेत्रफल को घटाकर उपलब्ध भूमि के अनुसार 15.50 हेक्टेअर कर दी।
वर्तमान में उसके पास 10.86 हेक्टेयर की जमीन अधिग्रहित है। बाकी भूमि के लिए 1.15 हेक्टेअर जमीन ग्राम समाज की ली जा रही है साथ ही कुछ छोटे काश्तकारों से कई चक्र वार्ता के बाद उचित मुआवजा तय करते हुए जमीन देने के लिए राजी कर लिया है। इससे प्राधिकरण की सभी मुश्किलें दूर हो गईं हैं। यूएसडीए के प्रभारी सचिव एपीएन सिंह ने बताया कि मंडलायुक्त रंजन कुमार को रिपोर्ट दी गई है। जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी।
वर्ष 2012 में जब योजना में 2244 लोगों ने प्लॉट आवेदन किया तथा दस प्रतिशत मार्जिन मनी भी जमा की थी। कानूनी अड़चन देख 750 ने अपना आवेदन और अग्रिम राशि वापस ले ली थी, जबकि 1494 लोग अभी भी प्लॉट मिलने की उम्मीद लगाए थे। उनके सपने साकार होंगे।
प्लॉट के लिए 1494 आवेदकों का 10.50 करोड़ रुपया अभी भी प्राधिकरण के पास ही जमा है। आवेदन कर्ताओं के मुताबिक इस रकम से यूएसडीए अपने जरूरी खर्चे पूरे कर रही है। जमा रकम से बैंक से मिलने वाला ब्याज भी यूएसडीए के हिस्से में आ रहा है।
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