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अचलगंज (उन्नाव)। तालाब के जीर्णोद्धार में गबन के आरोप में चार लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।
19 अप्रैल को ग्राम प्रधानों के समर्थन में ब्लॉक मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन में शामिल रोजगार सेवक पुष्पेंद्र मिश्र पर गबन का एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके साथ ग्राम प्रधान अमरेश कुमार, सचिव विनय राजपाल व तकनीकी सहायक संतोष निगम को भी आरोपी बनाया गया है। बीडीओ चंद्रशेखर ने तहरीर में बताया कि पिछले वर्ष सितंबर में सुपासी निवासी चंद्रपाल के खेत में स्थित तालाब के जीर्णोद्धार के नाम पर 95,509 रुपये से अधिक की निकासी हुई थी। ये सरकारी धन का दुरुपयोग है। इसी आधार पर ग्राम प्रधान अमरेश, सचिव विनय राजपाल, तकनीकी सहायक संतोष निगम व रोजगार सेवक पुष्पेंद्र को दोषी मानते उनके विरुद्ध गबन की रिपोर्ट दर्ज की जाए। थानाध्यक्ष अरविंद पांडेय ने बताया कि चारों पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। बताया जाता है कि सुपासी स्थित जिस तालाब की जांच में 95,509 रुपये का गबन दिखाया गया है, उसकी जांच जिलाधिकारी की ओर से जारी आदेश के बाद मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार, अभियंता अनिल पांडेय व एडीओ पंचायत शैलेंद्र त्रिपाठी ने दूसरे दिन ही पूरी करके भेज दी थी। जांच में 3.70 लाख रुपये निकाले जाने की पुष्टि हुई थी। जो अभिलेखों की जांच में सही पाया गया था।
अचलगंज (उन्नाव)। तालाब के जीर्णोद्धार में गबन के आरोप में चार लोगों पर रिपोर्ट दर्ज की गई है।
19 अप्रैल को ग्राम प्रधानों के समर्थन में ब्लॉक मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन में शामिल रोजगार सेवक पुष्पेंद्र मिश्र पर गबन का एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके साथ ग्राम प्रधान अमरेश कुमार, सचिव विनय राजपाल व तकनीकी सहायक संतोष निगम को भी आरोपी बनाया गया है। बीडीओ चंद्रशेखर ने तहरीर में बताया कि पिछले वर्ष सितंबर में सुपासी निवासी चंद्रपाल के खेत में स्थित तालाब के जीर्णोद्धार के नाम पर 95,509 रुपये से अधिक की निकासी हुई थी। ये सरकारी धन का दुरुपयोग है। इसी आधार पर ग्राम प्रधान अमरेश, सचिव विनय राजपाल, तकनीकी सहायक संतोष निगम व रोजगार सेवक पुष्पेंद्र को दोषी मानते उनके विरुद्ध गबन की रिपोर्ट दर्ज की जाए। थानाध्यक्ष अरविंद पांडेय ने बताया कि चारों पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। बताया जाता है कि सुपासी स्थित जिस तालाब की जांच में 95,509 रुपये का गबन दिखाया गया है, उसकी जांच जिलाधिकारी की ओर से जारी आदेश के बाद मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र कुमार, अभियंता अनिल पांडेय व एडीओ पंचायत शैलेंद्र त्रिपाठी ने दूसरे दिन ही पूरी करके भेज दी थी। जांच में 3.70 लाख रुपये निकाले जाने की पुष्टि हुई थी। जो अभिलेखों की जांच में सही पाया गया था।
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