ड्रोन हमले की योजना को पल में विफल करेगी ‘खाकी’

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उन्नाव। ड्रोन हमले की योजना को खाकी एक पल में विफल करेगी। जिले के एक दरोगा ने लखनऊ में इसका प्रशिक्षण लिया है। अब वह जिले में कार्यशाला के जरिये अन्य पुलिस कर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षित करेंगे।
ड्रोन से हमले की बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए लखनऊ के मेमौरा एयरफोर्स स्टेशन में आईटीबीपी, सीआईएसएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ व सिविल पुलिस के एक-एक जवान को प्रशिक्षण दिया गया। जिले से एसपी दिनेश त्रिपाठी ने फोरेंसिक साइंस से एमएससी व राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा पास करने वाले दरोगा प्रशांत द्विवेदी को इस प्रशिक्षण के लिए चुना। दरोगा प्रशांत द्विवेदी मौजूदा समय में दही थाना की औद्योगिक क्षेत्र पुलिस चौकी के प्रभारी हैं। 12 मई को दरोगा ने मैमोरा एयरफोर्स स्टेशन पहुंचकर ड्रोन हमले की योजना को भांपने व उसे निष्क्रिय करने का प्रशिक्षण लिया। एसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि क्रमवार सभी थानों में कार्यशाला आयोजित की जाएगी। दरोगा प्रशांत द्विवेदी अन्य पुलिस कर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षित करेंगे।
ऐसे नष्ट किया जाएगा
दरोगा प्रशांत द्विवेदी ने बताया कि ड्रोन के उड़ने की अधिकतम सीमा 400 फीट होती है। अपने लक्ष्य को समझने के लिए ये इतनी नीचे आते हैं कि उन्हें देखा जा सकता है और आवाज भी सुनी जा सकती है। एक क्षेत्र में ये काफी देर तक उड़ते देखा जाता है तो सबसे पहले डीजी स्काई साइट से ड्रोन के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। प्रशासन द्वारा ड्रोन उड़ाए जाने की मनाही पर तुरंत एयरफोर्स यूनिट को सूचना देकर ड्रोन की ऊंचाई, संख्या, आवाज, दूरी, रंग व ड्रोन की प्रकृति की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही जैमर की मदद से उस एरिया के नेटवर्क सिस्टम को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा। नेटवर्क खत्म होने से ड्रोन नीचे गिर जाएगा।
इस नंबर पर दें सूचना
किसी एक क्षेत्र में कोई ड्रोन अधिक देर तक उड़ता दिखे तो एयरफोर्स द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 155280 पर सूचना दे सकते हैं। जिले की पुलिस के साथ ही नजदीक की एयरफोर्स यूनिट से जवान पहुंचकर ड्रोन को नष्ट करेंगे।

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उन्नाव। ड्रोन हमले की योजना को खाकी एक पल में विफल करेगी। जिले के एक दरोगा ने लखनऊ में इसका प्रशिक्षण लिया है। अब वह जिले में कार्यशाला के जरिये अन्य पुलिस कर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षित करेंगे।

ड्रोन से हमले की बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए लखनऊ के मेमौरा एयरफोर्स स्टेशन में आईटीबीपी, सीआईएसएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ व सिविल पुलिस के एक-एक जवान को प्रशिक्षण दिया गया। जिले से एसपी दिनेश त्रिपाठी ने फोरेंसिक साइंस से एमएससी व राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा पास करने वाले दरोगा प्रशांत द्विवेदी को इस प्रशिक्षण के लिए चुना। दरोगा प्रशांत द्विवेदी मौजूदा समय में दही थाना की औद्योगिक क्षेत्र पुलिस चौकी के प्रभारी हैं। 12 मई को दरोगा ने मैमोरा एयरफोर्स स्टेशन पहुंचकर ड्रोन हमले की योजना को भांपने व उसे निष्क्रिय करने का प्रशिक्षण लिया। एसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि क्रमवार सभी थानों में कार्यशाला आयोजित की जाएगी। दरोगा प्रशांत द्विवेदी अन्य पुलिस कर्मियों को इसके लिए प्रशिक्षित करेंगे।

ऐसे नष्ट किया जाएगा

दरोगा प्रशांत द्विवेदी ने बताया कि ड्रोन के उड़ने की अधिकतम सीमा 400 फीट होती है। अपने लक्ष्य को समझने के लिए ये इतनी नीचे आते हैं कि उन्हें देखा जा सकता है और आवाज भी सुनी जा सकती है। एक क्षेत्र में ये काफी देर तक उड़ते देखा जाता है तो सबसे पहले डीजी स्काई साइट से ड्रोन के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। प्रशासन द्वारा ड्रोन उड़ाए जाने की मनाही पर तुरंत एयरफोर्स यूनिट को सूचना देकर ड्रोन की ऊंचाई, संख्या, आवाज, दूरी, रंग व ड्रोन की प्रकृति की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही जैमर की मदद से उस एरिया के नेटवर्क सिस्टम को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा। नेटवर्क खत्म होने से ड्रोन नीचे गिर जाएगा।

इस नंबर पर दें सूचना

किसी एक क्षेत्र में कोई ड्रोन अधिक देर तक उड़ता दिखे तो एयरफोर्स द्वारा जारी टोल फ्री नंबर 155280 पर सूचना दे सकते हैं। जिले की पुलिस के साथ ही नजदीक की एयरफोर्स यूनिट से जवान पहुंचकर ड्रोन को नष्ट करेंगे।

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