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सार
याचियों का कहना है कि 2020 में नशे में धुत युवक अपनी ससुराल में हंगामा कर रहा था। पुलिस उसे थाने ले लाई, जहां शौचालय में उसने फांसी लगा ली। मृतक के पिता की ओर से पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। दूसरी एफआईआर पुलिस की ओर से पुलिस के खिलाफ मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने व मजबूर करने के आरोप में दर्ज कराई गई।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कन्नौज की तिर्वा कोतवाली में पुलिस हिरासत में मौत के मामले की जांच एसआईटी को सौंपने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि एसआईटी एसपी रैंक अधिकारी के नेतृत्व में डीएसपी रैंक के दो अफसरों को लेकर गठित की जाए। साथ ही एसआईटी को उन सभी पहलुओं की जांच करने का निर्देश दिया है जिनसे यह पता चले कि अनिल सिंह ने आत्महत्या की थी या उसकी हत्या की गई। कोर्ट ने एसआईटी से तीन माह में रिपोर्ट देने को कहा है।
इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी पुलिस अधिकारियों को जांच में सहयोग करने की शर्त पर उनके खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने पुलिस अधिकारी त्रिभुवन प्रसाद वर्मा व अरुण कुमार की याचिका पर दिया है।
याचियों का कहना है कि 2020 में नशे में धुत युवक अपनी ससुराल में हंगामा कर रहा था। पुलिस उसे थाने ले लाई, जहां शौचालय में उसने फांसी लगा ली। मृतक के पिता की ओर से पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। दूसरी एफआईआर पुलिस की ओर से पुलिस के खिलाफ मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने व मजबूर करने के आरोप में दर्ज कराई गई।
बीईओ की चयन सूची रद्द करने के मामले में आयोग से मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने प्रदेश में खंड शिक्षा अधिकारियों के 309 पदों पर चयन की जारी सूची को लेकर दाखिल याचिका पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग सहित सभी पक्षकारों से जवाब मांगा है।यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने धर्मेंद्र कुमार यादव व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में कहा गया है कि चयन में ओबीसी अभ्यर्थियों का आरक्षण सही तरीके से लागू नहीं किया गया है, इसलिए चयन सूची रद्द की जाए।
याचियों का कहना है कि ओबीसी वर्ग को घोषित पदों की तुलना में कम आरक्षण दिया गया है। 309 पदों के सापेक्ष सिर्फ 31 ओबीसी चयनित किए गए हैं जबकि 27 प्रतिशत के हिसाब से 83 पद ओबीसी को मिलना चाहिए। कोर्ट ने इस मामले में 31 चयनित अभ्यर्थियों को भी पक्षकार बनाते हुए सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कन्नौज की तिर्वा कोतवाली में पुलिस हिरासत में मौत के मामले की जांच एसआईटी को सौंपने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि एसआईटी एसपी रैंक अधिकारी के नेतृत्व में डीएसपी रैंक के दो अफसरों को लेकर गठित की जाए। साथ ही एसआईटी को उन सभी पहलुओं की जांच करने का निर्देश दिया है जिनसे यह पता चले कि अनिल सिंह ने आत्महत्या की थी या उसकी हत्या की गई। कोर्ट ने एसआईटी से तीन माह में रिपोर्ट देने को कहा है।
इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी पुलिस अधिकारियों को जांच में सहयोग करने की शर्त पर उनके खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने पुलिस अधिकारी त्रिभुवन प्रसाद वर्मा व अरुण कुमार की याचिका पर दिया है।
याचियों का कहना है कि 2020 में नशे में धुत युवक अपनी ससुराल में हंगामा कर रहा था। पुलिस उसे थाने ले लाई, जहां शौचालय में उसने फांसी लगा ली। मृतक के पिता की ओर से पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। दूसरी एफआईआर पुलिस की ओर से पुलिस के खिलाफ मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने व मजबूर करने के आरोप में दर्ज कराई गई।
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