गेहूं से लेकर तरबूज तक की खेती करके मालामाल हो रहे कब्जाधारक

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सफीपुर। कभी लबालब रहने वाली कल्याणी नदी सिंचाई का प्रमुख माध्यम थी लेकिन अब भूमाफिया सूखी नदी की भूमि पर गेहूं से लेकर तरबूज तक की खेती कर रहे हैं। इससे मोटी कमाई कर रहे हैं।
रूपपुर चंदेला, महापरापुर, खैरी चंदेला, छूही, ददलहा, दौलतयारपुर, करीमाबाद, एतबारपुर, सनहा, इब्राहिमाबाद, उडंकपुरवा गांवों से गुजरकर गंगा नदी तक जाने वाली कल्याणी अधिकारियों की उपेक्षा के कारण सफाई को तरस गई। पानी बंद हो गया। सूखी नदी भूमाफिया के लिए वरदान साबित हुई। इन लोगों ने नदी की भूमि पर कब्जा कर लिया और खेती करने लगे। ये लोग गेहूं से लेकर नदी की तलहटी में तरबूज, खरबूजे की खेती करके मुनाफा कमा रहे हैं। वर्तमान में सनहा पुल के पास नदी के बीच तरबूज की फसल फल फूल रही है। वहीं नदी के बीच तार बांधकर फसल की सुरक्षा भी की जा रही है।
ग्रामीण कर रहे सफाई का इंतजार
11 गांवों के लोग 30 साल से नदी की सफाई का इंतजार कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सफाई न होने से नदी का क्षेत्र जंगल में तब्दील हो गया है। इससे पानी का प्रवाह नहीं होता। ग्रामीणों का कहना है कि उच्चाधिकारियों को कई बार प्रार्थनापत्र देकर कल्याणी नदी की सफाई की मांग की गई है। एसडीएम रामसकल मौर्य ने बताया कि नदी की वर्तमान स्थिति की जानकारी मिली है। मौके का निरीक्षण कर कब्जा मुक्त कराया जाएगा।
उपेक्षा की हुई शिकार
ददलहा निवासी माहिर अली ने बताया कि नहर के आसपास खेती के लिए वरदान साबित होने वाली कल्याणी नदी विभागीय अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार होकर भू-माफिया के चंगुल में फसी है। सफाई करा पानी का बहाव शुरू किया जाए।
कंसापुरवा निवासी मुकेश कश्यप ने बताया कि कल्याणी नदी से खेती के अलावा आम के बागों को भी राहत हो सकती है। प्रशासन पूरी नदी का सर्वे कर सफाई कराए तो गांव के लोग उसकी सुरक्षा के लिए जागरूक भी होंगे।

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सफीपुर। कभी लबालब रहने वाली कल्याणी नदी सिंचाई का प्रमुख माध्यम थी लेकिन अब भूमाफिया सूखी नदी की भूमि पर गेहूं से लेकर तरबूज तक की खेती कर रहे हैं। इससे मोटी कमाई कर रहे हैं।

रूपपुर चंदेला, महापरापुर, खैरी चंदेला, छूही, ददलहा, दौलतयारपुर, करीमाबाद, एतबारपुर, सनहा, इब्राहिमाबाद, उडंकपुरवा गांवों से गुजरकर गंगा नदी तक जाने वाली कल्याणी अधिकारियों की उपेक्षा के कारण सफाई को तरस गई। पानी बंद हो गया। सूखी नदी भूमाफिया के लिए वरदान साबित हुई। इन लोगों ने नदी की भूमि पर कब्जा कर लिया और खेती करने लगे। ये लोग गेहूं से लेकर नदी की तलहटी में तरबूज, खरबूजे की खेती करके मुनाफा कमा रहे हैं। वर्तमान में सनहा पुल के पास नदी के बीच तरबूज की फसल फल फूल रही है। वहीं नदी के बीच तार बांधकर फसल की सुरक्षा भी की जा रही है।

ग्रामीण कर रहे सफाई का इंतजार

11 गांवों के लोग 30 साल से नदी की सफाई का इंतजार कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सफाई न होने से नदी का क्षेत्र जंगल में तब्दील हो गया है। इससे पानी का प्रवाह नहीं होता। ग्रामीणों का कहना है कि उच्चाधिकारियों को कई बार प्रार्थनापत्र देकर कल्याणी नदी की सफाई की मांग की गई है। एसडीएम रामसकल मौर्य ने बताया कि नदी की वर्तमान स्थिति की जानकारी मिली है। मौके का निरीक्षण कर कब्जा मुक्त कराया जाएगा।

उपेक्षा की हुई शिकार

ददलहा निवासी माहिर अली ने बताया कि नहर के आसपास खेती के लिए वरदान साबित होने वाली कल्याणी नदी विभागीय अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार होकर भू-माफिया के चंगुल में फसी है। सफाई करा पानी का बहाव शुरू किया जाए।

कंसापुरवा निवासी मुकेश कश्यप ने बताया कि कल्याणी नदी से खेती के अलावा आम के बागों को भी राहत हो सकती है। प्रशासन पूरी नदी का सर्वे कर सफाई कराए तो गांव के लोग उसकी सुरक्षा के लिए जागरूक भी होंगे।

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