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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 02 Jun 2022 11:24 PM IST
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इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ खंडपीठ दोनों जगहों पर कार्यरत सरकारी अधिवक्ताओं के आपराधिक इतिहास को जानने के लिए सरकार सक्रिय हो गई है। सरकार ने इस संबंध में 25 मई 2022 को शासनादेश जारी किया है। कहा है कि सरकारी अधिवक्ताओं को दो दिनों के भीतर अपने आपराधिक इतिहास का विवरण लिस्टिंग इंचार्ज को उपलब्ध कराना है। शासनादेश के निर्देशानुसार बृहस्पतिवार को सौ से अधिक सरकारी अधिवक्ताओं ने अपने आपराधिक इतिहास का विवरण उपलब्ध करा दिया है।
शासन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि अगर किसी भी राज्य विधि अधिकारी के विरुद्ध यदि कोई आपराधिक मामला किसी भी फौजदारी न्यायालय में लंबित है तो उसका विवरण सहित सूचना एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध करा दें। यह शासनादेश महाधिवक्ता कार्यालय से सभी सरकारी अधिवक्ताओं को प्रेषित कर दिया गया है। इसी क्रम में बृहस्पतिवार को बड़ी संख्या में सरकारी अधिवक्ताओं ने आपराधिक इतिहास से संबंधित प्रारूप पत्र पर अपना विवरण उपलब्ध कराया है। कहा जा रहा है कि कुछ सरकारी अधिवक्ताओं के आपराधिक मामले विचाराधीन है।
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