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उन्नाव। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) में पुरवा ब्लाक में 24.19 लाख के गोलमाल का खुलासा हुआ है। जांच में पुष्टि होने के बाद सीडीओ ने जिम्मेदारों पर रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अन्य सभी ब्लाकों में भी एनआरएलएम की जांच की बात कही है।
एनआरएलएम के जरिए ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जाता है। इसमें गांव की महिलाओं का समूह बनाया जाता है। फिर समूह के नाम से बैंक में खाता खोला जाता है। सरकार समूह के बैंक खाते में अनुदान भेजती है। कुछ दिन पहले पुरवा के गांव पुरैनीखेड़ा मजरा बनिगांव की सौम्या यादव व अचलखेड़ा की आरती ने सीडीओ को एक शिकायतीपत्र दिया था। इसमें बताया था कि ब्लाक में तैनात बीएमएम व अन्य कर्मचारियों द्वारा अनुदान में गोलमाल किया जा रहा है।
सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई। इसमें जिला पंचायत के वित्तीय परामर्शदाता, बीएसए के वित्त एवं लेखाधिकारी व बैंक आफ इंडिया के अग्रणी जिला प्रबंधक को शामिल किया। तीनों अधिकारियों ने शिकायतकर्ता के बयान लेने के साथ ही अभिलेखीय जांच की तो 24.19 लाख का गोलमाल सामने आया। पता चला कि उमंग महिला स्वयं सहायता समूह के खाते में 1.10 लाख व विल्लेश्वर बाबा स्वयं सहायता समूह के खाते में इतनी ही धनराशि भेजी जानी थी। यह धनराशि पुरवा आर्यावर्त बैंक में संचालित निजी खाते में भेज दी गई। इसी प्रकार अन्य स्वयं सहायता समूह के नाम से जारी धनराशि को निजी खाते में ट्रांसफर करा लिया गया।
सीडीओ ने पुरवा बीएमएम सहित अन्य कर्मचारियों व बैंक अधिकारियों पर एफआईआर के निर्देश उपायुक्त स्वत: रोजगार को दिए हैं। सीडीओ ने बताया कि सरकारी धनराशि में गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अब सभी ब्लाकों में समूहों को आवंटित धनराशि की जांच कराई जाएगी। देखा जाएगा कि अन्य ब्लाकों में भी तो ऐसी गड़बड़ी नहीं हुई है। उपायुक्त स्वत: रोजगार चंद्रशेखर ने बताया कि अभी सीडीओ का पत्र नहीं उन्हें नहीं मिला है।
उन्नाव। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) में पुरवा ब्लाक में 24.19 लाख के गोलमाल का खुलासा हुआ है। जांच में पुष्टि होने के बाद सीडीओ ने जिम्मेदारों पर रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अन्य सभी ब्लाकों में भी एनआरएलएम की जांच की बात कही है।
एनआरएलएम के जरिए ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जाता है। इसमें गांव की महिलाओं का समूह बनाया जाता है। फिर समूह के नाम से बैंक में खाता खोला जाता है। सरकार समूह के बैंक खाते में अनुदान भेजती है। कुछ दिन पहले पुरवा के गांव पुरैनीखेड़ा मजरा बनिगांव की सौम्या यादव व अचलखेड़ा की आरती ने सीडीओ को एक शिकायतीपत्र दिया था। इसमें बताया था कि ब्लाक में तैनात बीएमएम व अन्य कर्मचारियों द्वारा अनुदान में गोलमाल किया जा रहा है।
सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई। इसमें जिला पंचायत के वित्तीय परामर्शदाता, बीएसए के वित्त एवं लेखाधिकारी व बैंक आफ इंडिया के अग्रणी जिला प्रबंधक को शामिल किया। तीनों अधिकारियों ने शिकायतकर्ता के बयान लेने के साथ ही अभिलेखीय जांच की तो 24.19 लाख का गोलमाल सामने आया। पता चला कि उमंग महिला स्वयं सहायता समूह के खाते में 1.10 लाख व विल्लेश्वर बाबा स्वयं सहायता समूह के खाते में इतनी ही धनराशि भेजी जानी थी। यह धनराशि पुरवा आर्यावर्त बैंक में संचालित निजी खाते में भेज दी गई। इसी प्रकार अन्य स्वयं सहायता समूह के नाम से जारी धनराशि को निजी खाते में ट्रांसफर करा लिया गया।
सीडीओ ने पुरवा बीएमएम सहित अन्य कर्मचारियों व बैंक अधिकारियों पर एफआईआर के निर्देश उपायुक्त स्वत: रोजगार को दिए हैं। सीडीओ ने बताया कि सरकारी धनराशि में गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अब सभी ब्लाकों में समूहों को आवंटित धनराशि की जांच कराई जाएगी। देखा जाएगा कि अन्य ब्लाकों में भी तो ऐसी गड़बड़ी नहीं हुई है। उपायुक्त स्वत: रोजगार चंद्रशेखर ने बताया कि अभी सीडीओ का पत्र नहीं उन्हें नहीं मिला है।
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