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उन्नाव। यूपी इंवेस्टर्स समिट का असर रंग ला रहा है। जिले में औद्योगिक विकास की रफ्तार बढ़ी है। चार साल पहले लखनऊ में आयोजित समिट में उन्नाव जिले में 17 उद्योग स्थापित करने के लिए उद्यमियों ने सरकार के साथ एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन किया था। इनमें 12 उद्योग धरातल पर उत्पादन शुरू कर चुके हैं और छह हजार लोगों को रोजगार मिला है। अन्य पांच उद्योगों की स्थापना के लिए भी काम चल रहा है।
फरवरी 2018 में लखनऊ में हुई यूपी इंवेस्टर्स समिट में 17 उद्यमों की लागत करीब 621 करोड़ रुपये थी। उद्यमियों का कहना है कि नीरव मोदी प्रकरण के कारण शुरुआत में बैंकों ने पैसे देने में आनाकानी की। कुछ समय बाद राह खुली लेकिन साल में केवल तीन ही उद्योग लग सके। बीच में कोरोना की भी बाधा रही। अब उद्योगों ने रफ्तार पकड़ ली है। 12 उद्योगों के शुरू होने से जिले का विकास भी हो रहा है।
इनमें शुरू हुआ उत्पादन
औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित हुई फ्लेवीकॉन इको बोर्ड, मॉडल एक्जिम, इंडिया मस्टॉग, टिलटेक्स ओवरसीज, श्रीकृष्णा पाइप, राज स्टील, श्रीकृष्णा कंक्रीट, रिमझिम स्टील, अल फैज, हेम एक्जिम, जय जगदंबा मेटलाइज, करन फ्रोजन बिचपरी, सिल्वर लाइन में काम शुरू हो गया है।
इनकी स्थापना पर हो रहा काम
अलहक फूड्स, नाइन के नैनोटेक, हेम एक्जिम, आरके फाइबर्स और हैंपटन शूज।
पांच साल तक बराबर निवेश
औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित जय जगदंबा मेटलाइज में टीएमटी बार और हेलोसेक्शन ट्यूब का निर्माण होता है। निदेशक संजय जायसवाल ने बताया कि यूपी इंडस्ट्रीज के आश्वासन पर बैंकों से कागजी काम पूरा होना शुरू हुआ है। मार्च में पहला चरण पूरा किया गया है जिसके कारण तीन हजार लोगों को रोजगार के साथ 550 करोड़ का सालना टर्न ओवर मिलेगा। पांच साल तक बराबर निवेश होगा।
2018 में 17 उद्यमियों ने एमओयू साइन किए थे। इनमें 12 उद्योग चालू हो गए हैं। पांच उद्यमियों को बैंक और अन्य कागजी दस्तावेजों से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलना है। प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है। – करुणा राय, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र
जय जगदंबा मेटलाइज फैक्टरी में काम करते मजदूर। संवाद– फोटो : UNNAO
उन्नाव। यूपी इंवेस्टर्स समिट का असर रंग ला रहा है। जिले में औद्योगिक विकास की रफ्तार बढ़ी है। चार साल पहले लखनऊ में आयोजित समिट में उन्नाव जिले में 17 उद्योग स्थापित करने के लिए उद्यमियों ने सरकार के साथ एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन किया था। इनमें 12 उद्योग धरातल पर उत्पादन शुरू कर चुके हैं और छह हजार लोगों को रोजगार मिला है। अन्य पांच उद्योगों की स्थापना के लिए भी काम चल रहा है।
फरवरी 2018 में लखनऊ में हुई यूपी इंवेस्टर्स समिट में 17 उद्यमों की लागत करीब 621 करोड़ रुपये थी। उद्यमियों का कहना है कि नीरव मोदी प्रकरण के कारण शुरुआत में बैंकों ने पैसे देने में आनाकानी की। कुछ समय बाद राह खुली लेकिन साल में केवल तीन ही उद्योग लग सके। बीच में कोरोना की भी बाधा रही। अब उद्योगों ने रफ्तार पकड़ ली है। 12 उद्योगों के शुरू होने से जिले का विकास भी हो रहा है।
इनमें शुरू हुआ उत्पादन
औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित हुई फ्लेवीकॉन इको बोर्ड, मॉडल एक्जिम, इंडिया मस्टॉग, टिलटेक्स ओवरसीज, श्रीकृष्णा पाइप, राज स्टील, श्रीकृष्णा कंक्रीट, रिमझिम स्टील, अल फैज, हेम एक्जिम, जय जगदंबा मेटलाइज, करन फ्रोजन बिचपरी, सिल्वर लाइन में काम शुरू हो गया है।
इनकी स्थापना पर हो रहा काम
अलहक फूड्स, नाइन के नैनोटेक, हेम एक्जिम, आरके फाइबर्स और हैंपटन शूज।
पांच साल तक बराबर निवेश
औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित जय जगदंबा मेटलाइज में टीएमटी बार और हेलोसेक्शन ट्यूब का निर्माण होता है। निदेशक संजय जायसवाल ने बताया कि यूपी इंडस्ट्रीज के आश्वासन पर बैंकों से कागजी काम पूरा होना शुरू हुआ है। मार्च में पहला चरण पूरा किया गया है जिसके कारण तीन हजार लोगों को रोजगार के साथ 550 करोड़ का सालना टर्न ओवर मिलेगा। पांच साल तक बराबर निवेश होगा।
2018 में 17 उद्यमियों ने एमओयू साइन किए थे। इनमें 12 उद्योग चालू हो गए हैं। पांच उद्यमियों को बैंक और अन्य कागजी दस्तावेजों से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलना है। प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है। – करुणा राय, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र
जय जगदंबा मेटलाइज फैक्टरी में काम करते मजदूर। संवाद– फोटो : UNNAO
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