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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और उसके अधिकारियों से एनसीसी कोटे का कथित तौर पर फायदा उठाने की आरोपी छात्रा के खिलाफ कोई ‘प्रतिकूल’ कदम नहीं उठाने तथा उसका प्रवेश निरस्त नहीं करने का निर्देश दिया है। एमबीबीएस की एक छात्रा के बचाव में उतरते हुए कहा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अवकाश पीठ ने एक अंतरिम आदेश में प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के तीन साल पूरे कर चुकी छात्रा को राहत दी है।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता, जिसे मोतीलाल नेहरू कॉलेज, प्रयागराज में एडमिशन लिया था और उसने एमबीबीएस की पढ़ाई के तीन साल पूरे कर लिए हैं। इसलिए, उसको अब इस स्तर पर अगले आदेश तक कोर्स करने से बाहर नहीं किया जाना चाहिए, साथ ही उच्च न्यायालय के आक्षेपित फैसले के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ, कोई प्रतिकूल कदम भी नहीं उठाया जाएगा।
बता दें कि एमबीबीएस की छात्रा ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 13 मई के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है, जिसमें मांग की गई है कि मेडिकल पाठ्यक्रम में उसका प्रवेश इस आधार पर रद्द न किया जाए कि उसके पास एनसीसी परीक्षा में “सी” प्रमाण-पत्र नहीं था। उच्च न्यायालय ने इस याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था कि एनसीसी परीक्षा में “बी” प्रमाण-पत्र वाले छात्रों को नीट-यूजी काउंसलिंग में एक प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण प्रदान करके प्रवेश के लिए शामिल किया जाए। उच्च न्यायालय ने कहा था कि वह कानून द्वारा किसी भी योग्यता मानदंड को शामिल नहीं कर सकता, क्योंकि यह नियम बनाने वाले अधिकारियों का काम है।
इसके बाद छात्रा में उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने छात्रा की अपील पर संज्ञान लिया, उसे अंतरिम राहत दी और अधिकारियों को नोटिस जारी करने के बाद सुनवाई की अगली तारीख 15 जुलाई तय की। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि 26 जून, 2019 को, याचिकाकर्ता ने अधिकारियों को अपने स्तर पर स्पष्ट रूप से कहा था कि उसके पास एनसीसी ‘बी’ प्रमाण-पत्र है और इसलिए, अनुरोध किया कि उसका एनसीसी कोटा में नामांकन बरकरार रखा जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत दी है।
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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और उसके अधिकारियों से एनसीसी कोटे का कथित तौर पर फायदा उठाने की आरोपी छात्रा के खिलाफ कोई ‘प्रतिकूल’ कदम नहीं उठाने तथा उसका प्रवेश निरस्त नहीं करने का निर्देश दिया है। एमबीबीएस की एक छात्रा के बचाव में उतरते हुए कहा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अवकाश पीठ ने एक अंतरिम आदेश में प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के तीन साल पूरे कर चुकी छात्रा को राहत दी है।
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