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पाटन। बिहार थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। सात महीने पहले एक घर में हुई करीब दस लाख की चोरी की घटना में पुलिस ने एफआर लगा दी। पता तब चला जब पीड़ित घटना की जांच में प्रगति जानने थाने पहुंचा। पीड़ित ने सोमवार को मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में शिकायत करने की बात कही है।
बिहार थानाक्षेत्र के सुमेरपुर गांव निवासी दीपक शुक्ला के घर से सात दिसंबर की रात चोरों ने आठ लाख रुपये के जेवर व दो लाख रुपये पार कर दिए थे। पुलिस व फील्ड यूनिट ने जांच की थी। बाद में घटना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। सात महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। रविवार को पीड़ित जांच प्रगति जानने पहुंचा तो पता चला कि पुलिस ने तो घटना में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। नाराज पीड़ित ने सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत करने की बात कही है। सीओ धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वैसे तो एफआर लगाने से पहले पीड़ित को सूचना दी जानी चाहिए, कभी-कभी पुलिस समय पर सूचना नहीं दे पाती है। चोरी के इस मामले में कुछ पता नहीं लग पाया, इसलिए एफआर लगा दी गई होगी।
पाटन। बिहार थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। सात महीने पहले एक घर में हुई करीब दस लाख की चोरी की घटना में पुलिस ने एफआर लगा दी। पता तब चला जब पीड़ित घटना की जांच में प्रगति जानने थाने पहुंचा। पीड़ित ने सोमवार को मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में शिकायत करने की बात कही है।
बिहार थानाक्षेत्र के सुमेरपुर गांव निवासी दीपक शुक्ला के घर से सात दिसंबर की रात चोरों ने आठ लाख रुपये के जेवर व दो लाख रुपये पार कर दिए थे। पुलिस व फील्ड यूनिट ने जांच की थी। बाद में घटना को ठंडे बस्ते में डाल दिया। सात महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। रविवार को पीड़ित जांच प्रगति जानने पहुंचा तो पता चला कि पुलिस ने तो घटना में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। नाराज पीड़ित ने सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत करने की बात कही है। सीओ धीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वैसे तो एफआर लगाने से पहले पीड़ित को सूचना दी जानी चाहिए, कभी-कभी पुलिस समय पर सूचना नहीं दे पाती है। चोरी के इस मामले में कुछ पता नहीं लग पाया, इसलिए एफआर लगा दी गई होगी।
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