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उन्नाव। नहरों में पानी न होने और ट्यूबवेल के खराब होने से किसानों को सिंचाई में परेशानी होती है। इसे देखते हुए सरकार ने सोलर पंप को बढ़ावा देने की योजना शुरू की है। इन पर किसानों को 60 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर दो से 10 हार्सपावर तक के सोलर पंप दिए जाएंगे। पंप में खराबी आने पर किसान कंपनी से संपर्क कर समस्या बता सकेंगे। दो दिन में कंपनी की तकनीकी टीम पंप की मरम्मत करेगी।
विभागीय वेबसाइट पर कराना होगा पंजीकरण
जिले को 135 सोलर पंप का लक्ष्य मिला है। इसमें सबमर्सिबल 125 और सर्फेस पंप 10 हैं। इसके लिए विभागीय वेबसाइट www.upagriculture.com पर पंजीकरण कराना होगा। इंडियन बैंक में टोकन धनराशि जमा करनी होगी। फिर कंपनी के नाम ड्राफ्ट बनवाना होगा। किसानों को बोरिंग स्वयं करानी होगी। – डॉ. मुकुल तिवारी, उपकृषि निदेशक
जिले में खेतिहर भूमि : 2,91,298 हेक्टेयर
नहरों से सिंचाई : 62,433 हेक्टेयर की
नलकूप से सिंचाई : 17,500 हेक्टेयर
अन्य भाग : निजी ट्यूबवेल और पंपों से।
उन्नाव। नहरों में पानी न होने और ट्यूबवेल के खराब होने से किसानों को सिंचाई में परेशानी होती है। इसे देखते हुए सरकार ने सोलर पंप को बढ़ावा देने की योजना शुरू की है। इन पर किसानों को 60 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
प्रधानमंत्री ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर दो से 10 हार्सपावर तक के सोलर पंप दिए जाएंगे। पंप में खराबी आने पर किसान कंपनी से संपर्क कर समस्या बता सकेंगे। दो दिन में कंपनी की तकनीकी टीम पंप की मरम्मत करेगी।
विभागीय वेबसाइट पर कराना होगा पंजीकरण
जिले को 135 सोलर पंप का लक्ष्य मिला है। इसमें सबमर्सिबल 125 और सर्फेस पंप 10 हैं। इसके लिए विभागीय वेबसाइट www.upagriculture.com पर पंजीकरण कराना होगा। इंडियन बैंक में टोकन धनराशि जमा करनी होगी। फिर कंपनी के नाम ड्राफ्ट बनवाना होगा। किसानों को बोरिंग स्वयं करानी होगी। – डॉ. मुकुल तिवारी, उपकृषि निदेशक
जिले में खेतिहर भूमि : 2,91,298 हेक्टेयर
नहरों से सिंचाई : 62,433 हेक्टेयर की
नलकूप से सिंचाई : 17,500 हेक्टेयर
अन्य भाग : निजी ट्यूबवेल और पंपों से।
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