Allahabad highcourt: डालमिया कंपनी के प्रबंध निदेशक सहित अन्य को राहत नहीं

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ के टीपीनगर थाने में अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी पर डालमिया ग्रुप की कंपनी के प्रबंध निदेशक गौरव डालमिया सहित अन्य को राहत देने से इनकार कर दिया है। उन पर धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया है। निचली अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।

मामले में गौरव डालमिया, मृदु हरि डालमिया, रघु हरि डालमिया और 4 अन्य के खिलाफ 16 फरवरी 2019 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। निचली अदालत ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद याचियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट केसमक्ष गुहार लगाई थी।

मामले में याचियों के खिलाफ की गई शिकायत में कहा गया है कि डालमिया परिवार ने वर्ष 2012 में अंसल के साथ 51 फीसदी शेयर्स की खरीद का समझौता किया। जबकि, कंपनी के 46 फीसदी शेयर बैंक को गिरवी रखे गए थे। डालमिया कंपनी के निदेशकों ने जानकारी छुपाई और गलत समझौता किया। इस वजह से रियल स्टेट कंपनी अंसल ने प्राथमिकी दर्ज कराई।

निचली अदालत ने मार्च 2022 में मामले का संज्ञान लिया और आरोपियों को तलब किया और उसके बाद उनकी गैर उपस्थिति के कारण गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। हालांकि, डालमिया ने शुरू में समझौते की दलील पर वारंट पर स्थगन पा लिया था, लेकिन बाद में इसकी जानकारी अदालत को हुई तो उसने स्थगन आदेश को हटा लिया। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए डालमिया परिवार से हाईकोर्ट के समक्ष गुहार लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

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विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ के टीपीनगर थाने में अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी पर डालमिया ग्रुप की कंपनी के प्रबंध निदेशक गौरव डालमिया सहित अन्य को राहत देने से इनकार कर दिया है। उन पर धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया है। निचली अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।

मामले में गौरव डालमिया, मृदु हरि डालमिया, रघु हरि डालमिया और 4 अन्य के खिलाफ 16 फरवरी 2019 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। निचली अदालत ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद याचियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट केसमक्ष गुहार लगाई थी।

मामले में याचियों के खिलाफ की गई शिकायत में कहा गया है कि डालमिया परिवार ने वर्ष 2012 में अंसल के साथ 51 फीसदी शेयर्स की खरीद का समझौता किया। जबकि, कंपनी के 46 फीसदी शेयर बैंक को गिरवी रखे गए थे। डालमिया कंपनी के निदेशकों ने जानकारी छुपाई और गलत समझौता किया। इस वजह से रियल स्टेट कंपनी अंसल ने प्राथमिकी दर्ज कराई।

निचली अदालत ने मार्च 2022 में मामले का संज्ञान लिया और आरोपियों को तलब किया और उसके बाद उनकी गैर उपस्थिति के कारण गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। हालांकि, डालमिया ने शुरू में समझौते की दलील पर वारंट पर स्थगन पा लिया था, लेकिन बाद में इसकी जानकारी अदालत को हुई तो उसने स्थगन आदेश को हटा लिया। अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए डालमिया परिवार से हाईकोर्ट के समक्ष गुहार लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

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