उन्नाव : प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में जिला प्रदेश में अव्वल

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उन्नाव। गरीबों को समय से पक्की छत उपलब्ध कराने में जिला प्रशासन अव्वल साबित हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा कराई रैकिंग में जिले ने लगातार दो वित्तीय वर्ष में सूबे में पहला स्थान पाया है।
केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के बेघर व कच्चे घरों में रहने वाले गरीबों को पक्का आवास देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई। वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले को 12932 और वर्ष 2021-22 में 4267 प्रधानमंत्री आवास योजना में आवासों का लक्ष्य दिया था। शासन के पैरामीटर पर वर्ष 2020-21 में योजना में जहां पहली किस्त पाने वाले लाभार्थियों की संख्या राज्य के औसत के सापेक्ष जिले में सौ प्रतिशत रही, वहीं दूसरी किस्त में जिले ने अन्य जिलों के सापेक्ष 98.9 प्रतिशत प्रगति दर्ज कर पहला स्थान पाया।
इसी प्रकार 2021-22 में भी जिले ने अपनी प्रगति की रफ्तार बनाए रखी। आवास स्वीकृति में राज्य के सौ प्रतिशत के सापेक्ष 99.55 प्रगति दर्शाकर प्रदेश में अव्वल स्थान पाया। इसी वित्तीय वर्ष में प्रथम किस्त में लक्ष्य के सापेक्ष 99.98 प्रतिशत सफलता हासिल कर प्रदेश में पहला पायदान बरकरार रखा।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास में लाभार्थियों को तीन किस्तों में 1.20 लाख की धनराशि दी जाती है। इसमें पहली किस्त 40 हजार रुपये, दूसरी किस्त 70 हजार रुपये और तीसरी किस्त के रूप में 10 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा मनरेगा में 90 दिन की मजदूरी और शौचालयों का अलग पैसा दिया जाता है।
दो वित्तीय वर्षों में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थियों को पक्की छत समय से उपलब्ध कराने में जिले को प्रदेश में पहला स्थान हासिल हुआ है। यह सभी अधिकारियों, कर्मचारियों की मेहनत से संभव हो सका है। इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। उम्मीद है कि भविष्य में भी जिला प्रदेश में टॉप पर रहेगा। -दिव्यांशु पटेल, मुख्य विकास अधिकारी।

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उन्नाव। गरीबों को समय से पक्की छत उपलब्ध कराने में जिला प्रशासन अव्वल साबित हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा कराई रैकिंग में जिले ने लगातार दो वित्तीय वर्ष में सूबे में पहला स्थान पाया है।

केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के बेघर व कच्चे घरों में रहने वाले गरीबों को पक्का आवास देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई। वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले को 12932 और वर्ष 2021-22 में 4267 प्रधानमंत्री आवास योजना में आवासों का लक्ष्य दिया था। शासन के पैरामीटर पर वर्ष 2020-21 में योजना में जहां पहली किस्त पाने वाले लाभार्थियों की संख्या राज्य के औसत के सापेक्ष जिले में सौ प्रतिशत रही, वहीं दूसरी किस्त में जिले ने अन्य जिलों के सापेक्ष 98.9 प्रतिशत प्रगति दर्ज कर पहला स्थान पाया।

इसी प्रकार 2021-22 में भी जिले ने अपनी प्रगति की रफ्तार बनाए रखी। आवास स्वीकृति में राज्य के सौ प्रतिशत के सापेक्ष 99.55 प्रगति दर्शाकर प्रदेश में अव्वल स्थान पाया। इसी वित्तीय वर्ष में प्रथम किस्त में लक्ष्य के सापेक्ष 99.98 प्रतिशत सफलता हासिल कर प्रदेश में पहला पायदान बरकरार रखा।

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास में लाभार्थियों को तीन किस्तों में 1.20 लाख की धनराशि दी जाती है। इसमें पहली किस्त 40 हजार रुपये, दूसरी किस्त 70 हजार रुपये और तीसरी किस्त के रूप में 10 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा मनरेगा में 90 दिन की मजदूरी और शौचालयों का अलग पैसा दिया जाता है।

दो वित्तीय वर्षों में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लाभार्थियों को पक्की छत समय से उपलब्ध कराने में जिले को प्रदेश में पहला स्थान हासिल हुआ है। यह सभी अधिकारियों, कर्मचारियों की मेहनत से संभव हो सका है। इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। उम्मीद है कि भविष्य में भी जिला प्रदेश में टॉप पर रहेगा। -दिव्यांशु पटेल, मुख्य विकास अधिकारी।

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