Allahabad High Court : केस्को पीएफ घोटाले के आरोपी की जमानत अर्जी मंजूर

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानुपर केस्को पीएफ घोटाले के मामले में जेल में बंद मुख्य आरोपी मुकुल चौबे उर्फ रेयांस की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों केसाथ रिहा करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत सिंह ने याची मुकुल चौबे उर्फ रेयांस की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

मामले में याची और एक अज्ञात के खिलाफ कानपुर नगर के कर्नलगंज थाने में 2021 में पीएफ घोटाला के आरोप प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। याची और प्राथमिकी दर्ज कराने वाला दोनों वहां अनुबंध के आधार पर काम कर रहा थे। आरोप है कि उसने शिकायतकर्ता का आधार कार्ड और पासबुक लिया और इन दस्तावेजों के आधार पर  अलग-अलग फर्जी बचत खाते खोले। उनके ईपीएफ का पैसा अपनी मां सहित दो अन्य बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया।

याची के अधिवक्ता उत्कर्ष मालवीय की ओर से कहा गया कि याची पूरी तरह से निर्दोष है। उसे वर्तमान मामले में गलत उद्देश्य से फंसाया गया है। तर्क दिया कि याची भुखमरी के कगार पर है। वह अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य है। वह 30 अगस्त 2021 से जेल में बंद है। इसलिए वह जमानत पर रिहा होने का हकदार है। हालांकि, सरकारी अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया लेकिन कोर्ट ने याची की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानुपर केस्को पीएफ घोटाले के मामले में जेल में बंद मुख्य आरोपी मुकुल चौबे उर्फ रेयांस की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों केसाथ रिहा करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत सिंह ने याची मुकुल चौबे उर्फ रेयांस की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

मामले में याची और एक अज्ञात के खिलाफ कानपुर नगर के कर्नलगंज थाने में 2021 में पीएफ घोटाला के आरोप प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। याची और प्राथमिकी दर्ज कराने वाला दोनों वहां अनुबंध के आधार पर काम कर रहा थे। आरोप है कि उसने शिकायतकर्ता का आधार कार्ड और पासबुक लिया और इन दस्तावेजों के आधार पर  अलग-अलग फर्जी बचत खाते खोले। उनके ईपीएफ का पैसा अपनी मां सहित दो अन्य बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया।

याची के अधिवक्ता उत्कर्ष मालवीय की ओर से कहा गया कि याची पूरी तरह से निर्दोष है। उसे वर्तमान मामले में गलत उद्देश्य से फंसाया गया है। तर्क दिया कि याची भुखमरी के कगार पर है। वह अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य है। वह 30 अगस्त 2021 से जेल में बंद है। इसलिए वह जमानत पर रिहा होने का हकदार है। हालांकि, सरकारी अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया लेकिन कोर्ट ने याची की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।

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