इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने स्थित उत्तर प्रदेश महाधिवक्ता कार्यालय की नौ मंजिला भवन में लगी आग की आंच राजधानी तक पहुंच गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच का आदेश जारी कर दिया है। इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया है। यह कमेटी शीघ्र ही आग लगने के कारणों का पता लगाकर रिपोर्ट पेश करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। आग लगने से एक लाख से अधिक फाइलें जलकर राख हो गई हैं। भवन और फर्नीचरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। नौ मंजिले इस बिल्डिंग के चार तल पूरी तरह से तहस-नहस हो गए हैं।
इस प्रकरण को बेहद गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच के आदेश दे दिए हैं। इसमें एसपी सिटी, एडीएम सिटी, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, एडिशनल एलआर प्रयागराज व उपनिदेशक विद्युत सुरक्षा को शामिल किया गया है। कमेटी को निर्देशित किया गया है कि डीएम व एसएसपी के मार्गदर्शन में आग लगने के कारणों की जांच कर रिपोर्ट प्रेषित की जाए। ताकि जिम्मेदारी निर्धारित कर दोषियों पर कार्रवाई की जा सके।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सामने स्थित उप्र के महाधिवक्ता कार्यालय में रविवार को भीषण आग लग गई। अनुमान है कि इसमें वहां रखीं लगभग एक लाख फाइलें राख हो गईं। इन फाइलों में हाईकोर्ट में लंबित मुकदमों से संबंधित दस्तावेज थे। सुबह लगभग 5.30 बजे लगी आग पर शाम साढ़े सात बजे पूरी तरह काबू पाया जा सका। राहत कार्य के दौरान छह दमकल कर्मी भी जख्मी हुए। आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। अनुमान है कि शार्ट सर्किट से हादसा हुआ।
सिविल लाइंस में हाईकोर्ट के ठीक सामने स्थित नौ मंजिला डॉ. भीमराव आंबेडकर भवन में महाधिवक्ता, उप्र का कार्यालय है। सुबह 5.30 बजे के करीब हाईकोर्ट के पास से गुजर रहे राहगीर दीपक दुबे ने इमारत से धुआं निकलते देखा तो गार्ड को जानकारी दी। गार्ड ने कार्यालय के एक कर्मचारी के साथ ही 100 नंबर पर सूचना दी, जिस पर फायर ब्रिगेड पहुंच गई। फायरकर्मी भीतर पहुंचे तो पता चला कि आग छठवें तल पर लगी है। उन्होंने वहां जाने की कोशिश की, लेकिन धुएं के चलते आगे नहीं बढ़ सके। उधर, आग फैलती ही जा रही थी और कुछ ही देर में पांचवें तल पर रखी फाइलें इसकी चपेट में आ गईं, जिससे लपटें उठने लगीं।
फायरकर्मियों ने पानी की बौछार से आग बुझानी चाही, लेकिन इमारत की ऊंचाई ज्यादा होने के चलते नाकाम रहे। देखते ही देखतेआग सातवें, आठवें और नवें तल तक फैल गई। इसके बाद फायरब्रिगेड के साथ ही थलसेना, वायुसेना व एनटीपीसी के भी फायर टेंडर बुलाए गए। जिनमें से प्रत्येक को दर्जनों राउंड लगाने पड़े। कड़ी मशक्कत के बाद शाम 7.30 बजे के करीब आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका। लेकिन तब तक यहां रखी लगभग एक लाख फाइलें जलकर राख हो गईं थीं। मौके पर डीजी फायर सर्विस अविनाश चंद्रा, एडीजी प्रेमप्रकाश, आईजी डॉ. राकेश सिंह समेत तमाम अफसर मौजूद रहे।
इन सेक्शनों की फाइलें जलीं
महाधिवक्ता कार्यालय में लगी आग में कई महत्वपूर्ण सेक्शनों की फाइलें जल गईं। इनमें कंटेम्प्ट, बेल, क्रिमिनल अपील, क्रिमिनल रिवीजन और सिविल सेक्शन शामिल हैं। दरअसल नीचे की पांच मंजिलों तक कार्यालय व अधिवक्ताओं के चैंबर हैं। इसके बाद छठे से आठवें तल को बतौर रिकॉड रूम इस्तेमाल किया जाता है। नौंवें तल के एक हिस्से में कॉन्फ्रेंस रूम के साथ ही अन्य स्थान पर भी कुछ फाइलें रखी गईं थीं।