Agra University : डिग्री के लिए सालभर दौड़ीं बेटियां, अब पिता परेशान, समस्याओं का नहीं हो रहा समाधान

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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से डिग्री लेने के लिए विद्यार्थियों को परेशान होना पड़ा रहा है। एक मामले में डिग्री के लिए सालभर बेटियां दौड़ीं, अब उनके पिता को विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। विद्यार्थियों के दो-तीन बार आवेदन के बाद भी उनके घर डिग्री नहीं पहुंच रही है।
 
विश्वविद्यालय में डिग्री, माइग्रेशन, अंकतालिका में गलतियां, नामांकन संख्या समेत अन्य परेशानी के लिए रोजाना 180-200 शिकायती आवेदन आ रहे हैं। छात्र-छात्राओं का आरोप है कि आवेदन और शिकायत के बाद भी समाधान नहीं होता। डिग्री नहीं पहुंचती। 

विश्वविद्यालय स्टाफ हर बार नए सिरे से आवेदन कराता है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि पुरानी डिग्री, अंकतालिका में सुधार समेत अन्य परेशानियों वाले प्रार्थनापत्र की सूची तैयार कर, इनके समाधान कराए जा रहे हैं। ऑनलाइन शिकायतों की मॉनीटरिंग के लिए भी निर्देशित किया है। 

सालभर बेटियां, अब पिता परेशान

मैनपुरी के डॉ. राजपाल सिंह ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी पारुल राजपूत ने 2012 में बीएड और छोटी बेटी लवली राजपूत ने बीए 2006-07 की डिग्री के लिए बीते साल सितंबर में आवेदन किया। डिग्री घर नहीं पहुंची तो बेटियां पता करने आईं, लेकिन डिग्री नहीं मिली। अब वह बेटियों की डिग्री के लिए भटक रहे हैं। दो बार आवेदन कर चुके हैं।

छह बार परीक्षा, हर बार 14 ही अंक 

कागारौल के धर्मवीर सिंह ने बताया कि 2020 में बीएससी अंतिम वर्ष की परीक्षा दी। इसमें गणित में 14 अंक आए और फेल था, इस पर वह दो साल में छह बार पुनर्परीक्षा दे चुका है, हर बार 14 अंक ही आते हैं। ये समझ से परे है कि हर बार 14 ही अंक क्यों, इससे लगता है पुराने अंक ही दर्ज कर दिए जाते हैं। 

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आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से डिग्री लेने के लिए विद्यार्थियों को परेशान होना पड़ा रहा है। एक मामले में डिग्री के लिए सालभर बेटियां दौड़ीं, अब उनके पिता को विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। विद्यार्थियों के दो-तीन बार आवेदन के बाद भी उनके घर डिग्री नहीं पहुंच रही है।

 

विश्वविद्यालय में डिग्री, माइग्रेशन, अंकतालिका में गलतियां, नामांकन संख्या समेत अन्य परेशानी के लिए रोजाना 180-200 शिकायती आवेदन आ रहे हैं। छात्र-छात्राओं का आरोप है कि आवेदन और शिकायत के बाद भी समाधान नहीं होता। डिग्री नहीं पहुंचती। 

विश्वविद्यालय स्टाफ हर बार नए सिरे से आवेदन कराता है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि पुरानी डिग्री, अंकतालिका में सुधार समेत अन्य परेशानियों वाले प्रार्थनापत्र की सूची तैयार कर, इनके समाधान कराए जा रहे हैं। ऑनलाइन शिकायतों की मॉनीटरिंग के लिए भी निर्देशित किया है। 

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