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वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट की दो सदस्यीय टीम तुरंत मौके पर पहुंची। टीम ने पाया कि बारिश से आश्रय लेने के प्रयास में अजगर ई-रिक्शा के बैटरी पैनल में घुस गया था। इस ई-रिक्शा का उपयोग पर्यटकों को ताजमहल तक लाने ले जाने के लिए किया जाता है। गनीमत रही कि उस वक्त ई-रिक्शा पर कोई पर्यटक सवार नहीं था।
वाइल्डलाइफ एसओएस टीम ने ई-रिक्शा का बैटरी पैनल खोला। विशालकाय अजगर को सावधानीपूर्वक पकड़ने के लिए टीम ने पहले बैटरी को बाहर निकाला। रेस्क्यू टीम ने बताया कि चिकित्सकीय निगरानी में रखने के बाद अजगर को वापस प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाएगा।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि अजगर जहरीले नहीं होते, लेकिन उन्हें अत्यधिक सावधानी के साथ पकड़ना चाहिए। क्योंकि खतरा महसूस होने पर वे काट सकते हैं। हमारी टीम सावधानी के साथ ऐसे संवेदनशील ऑपरेशन को संभालने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित है।
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट्स बैजूराज एम.वी ने कहा कि बारिश की शुरुआत के साथ शहरी क्षेत्रों में सांपों की संख्या में काफी वृद्धि होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरीसृप आश्रय के लिए सूखी और ठंडी जगहों की तलाश में बाहर आते हैं। होटल के कर्मचारियों ने ई-रिक्शा में अजगर होने की सूचना दी थी। इस पर अजगर को सुरक्षित पकड़ लिया गया।
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