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कमला देवी के मुताबिक गली के पास से नाला निकला है, वहीं चूहों ने जमीन खोखली कर दी, जिससे बारिश का पानी अंदर समाता चला गया। संभव है कोई और भी वजह हो, पर जैसी दरारें घरों में आई हैं, उसकी मरम्मत कराना मुश्किल और बेहद खर्चीला है।
पीड़ित परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होने के करण बेबस हैं। सिंगी गली में दो फीट की गली में छज्जों और छतों को रोकने के लिए बल्लियों को लगा रखा है। यहां रहने वाले लोगों को डर है कि कहीं हादसा न हो जाए।
संगीता देवी ने कहा कि हमारे पास इतने पैसे नहीं कि छत या दीवार गिराकर दोबारा बना सकें। पीएम आवास योजना में मदद दी जाए। आशा देवी ने कहा कि बारिश होते ही हर समय डर लगता है कि कहीं हादसा न हो जाए। यमुनापार की घटना के बाद और डर लगने लगा है।
स्थानीय निवासी मोनू नौटियाल ने कहा कि मकानों की नींव में पानी पहुंच रहा है। इसकी जांच हो कि यह पानी कहां से अंदर जा रहा है। चूहे हों या नाली की लीकेज, पता तो चले। पार्षद रवि माथुर ने कहा कि यहां चूहों ने मिट्टी खोखली कर दी, जिसमें बारिश का पानी समाने लगा। उसी वजह से दरारें आई हैं। लोग आवेदन करें, पीएम आवास योजना का लाभ मिलेगा।
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