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संवाद न्यूज एजेंसी, एटा
Published by: Abhishek Saxena
Updated Wed, 26 Jan 2022 05:55 PM IST
सार
सपा के बड़े नेता को पार्टी बदलते ही खलनायक बताकर राजनीति में तूफान मचा दिया है। स्थानीय नेताओं पर अवैध कब्जे और हत्या के आरोप लगाए हैं।
सपा
– फोटो : amar ujala
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टिकट घोषित होने के बाद सपा में बगावत के सुर फूट पड़े हैं। सदर विधानसभा सीट पर टिकट न मिलने से नाराज पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और पूर्व विधायक ने पार्टी को छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया है। यही नहीं, सपा प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। बिना नाम लिए पार्टी के एक बड़े नेता को खलनायक बताया। साथ ही स्थानीय नेताओं पर जमीन कब्जाने और अवैध कब्जे करने का आरोप लगाया है।
बसपा की सदस्यता ग्रहण की
जिले की राजनीति में यह बड़ा घटनाक्रम गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को दोपहर के समय हुआ। कचहरी स्थित बसपा कार्यालय पर अलीगढ़ जोन को आर्डिनेटर रणवीर कश्यप और बसपा जिलाध्यक्ष बलवीर सिंह की मौजूदगी में पूर्व विधायक अजय यादव ने बसपा की सदस्यता ली। इसके तुरंत बाद बसपा से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। कहा कि सपा के एक खलनायक ने अपनी रिश्तेदार निभाने के लिए दबाव बनाकर उनकी टिकट काट दी। एटा ही नहीं, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बदायूं को तबाह कर दिया। क्षेत्र की जनता रो-रोकर कह रही थी कि क्षेत्र के मान-सम्मान के लिए चुनाव लड़ो। पूर्व विधायक ने कहा कि यदि अभी चुनाव नहीं लड़ेंगे तो आने वाली नस्लें गालियां देंगी। कहेंगी कि हमारे बुजुर्गों ने अलीगंज के उन लोगों का एटा पर कब्जा करा दिया। जिन्होंने तमाम लोगों के जमीन-प्लॉटों पर कब्जा कर लिया, लोगों को मरवा दिया, उनकी विधवाएं घूम रही हैं। झूठे मुकदमे लगवा दिए, लोग जेल में सड़ रहे हैं।
आरोप लगाने वाले दलबदलू और हार्ड क्रिमिनलः जुगेंद्र सिंह
सपा से सदर सीट पर प्रत्याशी जुगेंद्र सिंह यादव ने अजय यादव को लेकर कहा कि वह दल-बदलू और गद्दार हैं। वह न समाजवादी थे और न हैं। उन्हें पार्टी ने 12 साल जिपं अध्यक्ष बनाकर रखा। जब टिकट कटी तो बसपा में चले गए, लहर में चुनाव जीत गए। इसके बाद कांग्रेस, भाजपा और फिर सपा में आ गए। टिकट उन्हें मिले है जिन्होंने पार्टी के लिए संघर्ष किया है। चुनाव पर प्रभाव को लेकर कहा कि वह भाजपा के वोटों को काटेंगे, जिससे हमें फायदा मिलेगा। अजय यादव के आरोपों को लेकर कहा कि हमारे ऊपर ऐसा कोई आरोप हो तो राजनीति से सन्यास ले लेंगे। उल्टे अजय यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि सकीट और रेवाड़ी में उन्होंने दलितों की जमीन पर कब्जा कर लिया। कई लोगों को गाड़ियों से हादसे कराकर मार डाला। वह हार्ड क्रिमिनल हैं, जनता तय करेगी कौन सही है। चुनौती दते जीतने के लिए चुनाव लड़ें और जीतकर दिखाएं।
विस्तार
टिकट घोषित होने के बाद सपा में बगावत के सुर फूट पड़े हैं। सदर विधानसभा सीट पर टिकट न मिलने से नाराज पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और पूर्व विधायक ने पार्टी को छोड़कर बसपा का दामन थाम लिया है। यही नहीं, सपा प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। बिना नाम लिए पार्टी के एक बड़े नेता को खलनायक बताया। साथ ही स्थानीय नेताओं पर जमीन कब्जाने और अवैध कब्जे करने का आरोप लगाया है।
बसपा की सदस्यता ग्रहण की
जिले की राजनीति में यह बड़ा घटनाक्रम गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी को दोपहर के समय हुआ। कचहरी स्थित बसपा कार्यालय पर अलीगढ़ जोन को आर्डिनेटर रणवीर कश्यप और बसपा जिलाध्यक्ष बलवीर सिंह की मौजूदगी में पूर्व विधायक अजय यादव ने बसपा की सदस्यता ली। इसके तुरंत बाद बसपा से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। कहा कि सपा के एक खलनायक ने अपनी रिश्तेदार निभाने के लिए दबाव बनाकर उनकी टिकट काट दी। एटा ही नहीं, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बदायूं को तबाह कर दिया। क्षेत्र की जनता रो-रोकर कह रही थी कि क्षेत्र के मान-सम्मान के लिए चुनाव लड़ो। पूर्व विधायक ने कहा कि यदि अभी चुनाव नहीं लड़ेंगे तो आने वाली नस्लें गालियां देंगी। कहेंगी कि हमारे बुजुर्गों ने अलीगंज के उन लोगों का एटा पर कब्जा करा दिया। जिन्होंने तमाम लोगों के जमीन-प्लॉटों पर कब्जा कर लिया, लोगों को मरवा दिया, उनकी विधवाएं घूम रही हैं। झूठे मुकदमे लगवा दिए, लोग जेल में सड़ रहे हैं।
आरोप लगाने वाले दलबदलू और हार्ड क्रिमिनलः जुगेंद्र सिंह
सपा से सदर सीट पर प्रत्याशी जुगेंद्र सिंह यादव ने अजय यादव को लेकर कहा कि वह दल-बदलू और गद्दार हैं। वह न समाजवादी थे और न हैं। उन्हें पार्टी ने 12 साल जिपं अध्यक्ष बनाकर रखा। जब टिकट कटी तो बसपा में चले गए, लहर में चुनाव जीत गए। इसके बाद कांग्रेस, भाजपा और फिर सपा में आ गए। टिकट उन्हें मिले है जिन्होंने पार्टी के लिए संघर्ष किया है। चुनाव पर प्रभाव को लेकर कहा कि वह भाजपा के वोटों को काटेंगे, जिससे हमें फायदा मिलेगा। अजय यादव के आरोपों को लेकर कहा कि हमारे ऊपर ऐसा कोई आरोप हो तो राजनीति से सन्यास ले लेंगे। उल्टे अजय यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि सकीट और रेवाड़ी में उन्होंने दलितों की जमीन पर कब्जा कर लिया। कई लोगों को गाड़ियों से हादसे कराकर मार डाला। वह हार्ड क्रिमिनल हैं, जनता तय करेगी कौन सही है। चुनौती दते जीतने के लिए चुनाव लड़ें और जीतकर दिखाएं।
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