मानवता शर्मसार : बेटे के शव को कंधे पर लादकर 25 किलोमीटर पैदल चलकर घर पहुंचा पिता

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प्रयागराज में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। पैसे के अभाव में एंबुलेंस न मिलने पर एक पिता को अपने 14 साल के बेटे का शव कंधे पर लादकर 25 किलोमीटर दूर पैदल घर जाना पड़ा। यह दृश्य जिसने भी देखा उसका कलेजा दहल गया। बताया जाता है कि बेटे को करंट लग गया था। करंट लगने के बाद अचेतावस्था में माता पिता बेटे को लेकर एसआरएन अस्पताल पहुंचे थे। यहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। 

वायरल खबर के अनुसार पिता के पास इतने पैसे नहीं थे जिससे वह प्राइवेट वाहन किराए पर लेकर घर जा सके। जो कुछ पैसे वह घर से लाया था वह बेटे के उपचार में खर्च हो गए थे। यह घटना स्वरूपरानी नेहरू हॉस्पिटल (एसआरएन) की बताई जा रही है। लाचार पिता बेटे के शव को कंधे पर लादकर करछना थाना क्षेत्र डीहा गांव तक गया। उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह भाड़े पर प्राइवेट वाहन कर सके। बताया जाता है कि अस्पताल प्रशासन ने वाहन उपलब्ध कराने से मना कर दिया।। घटना का वीडियो भी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

लोग इसे लेकर अस्पताल प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि बेटे का शव कंधे पर लादकर घर जाते समय जब पिता थक जाता था तो मां अपने कलेजे के टुकड़े को कंधे पर लादकर चलती थी। इसी तरह वह अपने घर करछना थाना क्षेत्र के डीहा गांव पहुंचे। मामले की जानकारी होने पर कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने पूरे मामले की जांच का आदेश जारी कर दिया है।

घटना का वीडियो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया है। पूर्व सीएम ने लिखा है, न सुविधाएं न इलाज है, यही भाजपा 2.0 का राज है।

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प्रयागराज में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। पैसे के अभाव में एंबुलेंस न मिलने पर एक पिता को अपने 14 साल के बेटे का शव कंधे पर लादकर 25 किलोमीटर दूर पैदल घर जाना पड़ा। यह दृश्य जिसने भी देखा उसका कलेजा दहल गया। बताया जाता है कि बेटे को करंट लग गया था। करंट लगने के बाद अचेतावस्था में माता पिता बेटे को लेकर एसआरएन अस्पताल पहुंचे थे। यहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। 

वायरल खबर के अनुसार पिता के पास इतने पैसे नहीं थे जिससे वह प्राइवेट वाहन किराए पर लेकर घर जा सके। जो कुछ पैसे वह घर से लाया था वह बेटे के उपचार में खर्च हो गए थे। यह घटना स्वरूपरानी नेहरू हॉस्पिटल (एसआरएन) की बताई जा रही है। लाचार पिता बेटे के शव को कंधे पर लादकर करछना थाना क्षेत्र डीहा गांव तक गया। उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह भाड़े पर प्राइवेट वाहन कर सके। बताया जाता है कि अस्पताल प्रशासन ने वाहन उपलब्ध कराने से मना कर दिया।। घटना का वीडियो भी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

लोग इसे लेकर अस्पताल प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि बेटे का शव कंधे पर लादकर घर जाते समय जब पिता थक जाता था तो मां अपने कलेजे के टुकड़े को कंधे पर लादकर चलती थी। इसी तरह वह अपने घर करछना थाना क्षेत्र के डीहा गांव पहुंचे। मामले की जानकारी होने पर कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने पूरे मामले की जांच का आदेश जारी कर दिया है।

घटना का वीडियो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया है। पूर्व सीएम ने लिखा है, न सुविधाएं न इलाज है, यही भाजपा 2.0 का राज है।

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