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भाई-बहन के पवित्र स्नेह के पर्व रक्षाबंधन को 11 या 12 अगस्त को मनाने को लेकर संशय की स्थिति है। गोला के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित रामदेव मिश्र शास्त्री का कहना है कि इस बार रक्षाबंधन 11 अगस्त को ही मनाना उचित रहेगा।
रक्षाबंधन सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामदेव शास्त्री का कहना है कि 11 अगस्त 2022 को रक्षाबंधन मनाने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह से ही शुरू हो जाएगा। इस दिन सुबह 10:38 बजे से लेकर रात नौ बजे तक राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। रामदेव शास्त्री बताते हैं कि दोपहर 12:06 बजे से दोपहर 12:57 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। वहीं अमृतकाल शाम 06:55 बजे से रात 08:20 बजे तक रहेगा।
12 अगस्त को सुबह 07:12 बजे तक ही है पूर्णिमा
रामदेव शास्त्री का कहना है कि पूर्णिमा तिथि के पूर्वार्द्ध में भद्रा की स्थिति रहती है। रक्षाबंधन भद्रा रहित पूर्णिमा में ही होता है। 12 अगस्त को सुबह 07:12 बजे तक ही पूर्णिमा है। इसके बाद प्रतिपदा नक्षत्र लग जाएगा। प्रतिपदा नक्षत्र में रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जाता। 11 अगस्त बृहस्पतिवार को पूर्णिमा सुबह 10:38 बजे के बाद पूरे दिन है, जबकि 12 अगस्त शुक्रवार को पूर्णिमा सुबह 07:12 तक है।
भद्राकाल में भाई को राखी न बांधे
रामदेव शास्त्री का कहना है कि शास्त्रों के हिसाब से जब भद्रा का वास मृत्युलोक (पृथ्वीलोक) में होता है, केवल तभी वह अशुभ माना जाता है। पाताल लोक अथवा स्वर्गलोक की भद्रा का वास शुभ फलदायी होता है। वैसे भद्रा का पुच्छकाल शाम 05:17 बजे से शाम 06:18 बजे तक रहने वाला है। इस दौरान भद्रा का प्रभाव कम रहेगा। वैसे मकर राशि का भद्रा का वास पाताल लोक में है। मृत्युलोक में इसका कोई भी प्रभाव नहीं है। इसलिए मृत्युलोक में इसका प्रभाव न होने के कारण बहन यदि भाई को इन समयों पर राखी बांधेंगी तो अधिक शुभ रहेगा।
राखी बांधते समय इस मंत्र का करें पाठ
हिंदू धर्म में मंत्रों को विशेष स्थान दिया गया है। इनके जप से न केवल जीवन का क्लेश मिटता है, बल्कि मनोवांछित कामनाओं की भी पूर्ति होती है। यही वजह है कि हर शुभ कार्य की शुरूआत मंत्रों के उच्चारण से होती है। ताकि कार्य सफलता पूर्वक संपन्न हों और जातक की सभी कामनाएं पूरी हों। रक्षाबंधन के मौके पर बहनें इस पौराणिक मंत्र का पाठ करते हुए भाई को राखी बांधें। येन बद्धो बलि राजा, दानवेंद्रो महाबला: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:। इस मंत्र का अर्थ है कि जिस रक्षासूत्र से महान शक्तिशाली दानवेंद्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी रक्षाबंधन से मैं तुम्हें बांधता हूं, जो तुम्हारी रक्षा करेगा। हे रक्षे (रक्षासूत्र) तुम चलायमान न हो, चलायमान न हो।
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भाई-बहन के पवित्र स्नेह के पर्व रक्षाबंधन को 11 या 12 अगस्त को मनाने को लेकर संशय की स्थिति है। गोला के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित रामदेव मिश्र शास्त्री का कहना है कि इस बार रक्षाबंधन 11 अगस्त को ही मनाना उचित रहेगा।
रक्षाबंधन सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामदेव शास्त्री का कहना है कि 11 अगस्त 2022 को रक्षाबंधन मनाने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह से ही शुरू हो जाएगा। इस दिन सुबह 10:38 बजे से लेकर रात नौ बजे तक राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। रामदेव शास्त्री बताते हैं कि दोपहर 12:06 बजे से दोपहर 12:57 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। वहीं अमृतकाल शाम 06:55 बजे से रात 08:20 बजे तक रहेगा।
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