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उन्नाव। सड़कों पर बिना मानक बने स्पीड ब्रेकर हादसों का सबब बन रहे हैं। ऊंचाई ज्यादा होने और ढलान न होने से ब्रेक लगाते ही बाइक सवारों की जान पर बन आती है। अक्सर वाहन पलटने से लोग घायल और असमय मौत का शिकार हो जाते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसे खतरे वाले ब्रेकर हटाने के निर्देश दिए थे लेकिन जिले में इसका असर नहीं दिख रहा। हरदोई उन्नाव मार्ग पर तो ऐसे ब्रेकरों की भरमार है। एक माह बाद भी जिम्मेदार कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
पूर्व में हुए हादसों पर नजर
– हरदोई उन्नाव मार्ग पर माखी थानाक्षेत्र के दोस्तीनगर नहर पुलिया, भदनी पुलिया, मियागंज सीएचसी के पास व चकलवंशी चौराहे पर बड़े ब्रेकर बने हुए हैं। यहां अक्सर बाइक सवार हादसों का शिकार होते हैं। कई घायलों की मौत भी हो चुकी है। एक अगस्त को बांगरमऊ के मोहल्ला कटरा निवासी कमलेश पत्नी ममता को लेकर उन्नाव जा रहे थे। भदनी पुलिया के पास ब्रेकर पर उछलकर ममता सड़क पर गिर गईं थीं। सिर में चोट आने से उनकी मौत हो गई थी।
– 29 जून को कस्बा चकलवंशी निवासी वेदप्रकाश को ब्रेकर पर अनियंत्रित हुए कंटेनर ने टक्कर मार दी थी। उनकी मौके पर मौत हो गई थी।
– 24 जून को नई बस्ती निवासी सचिन बाइक से बांगरमऊ जा रहे थे। सबलगढ़ी के पास ब्रेकर पर ब्रेक लगाने के दौरान लोडर ने बाइक में टक्कर मार दी थी। हादसे में सचिन की मौके पर ही मौत हो गई थी।
– 19 जुलाई को आसीवन थानाक्षेत्र के लखनऊ बांगरमऊ मार्ग से अमानखेड़ा निवासी चंदा (35) मियागंज जा रहे थे। सीएचसी के सामने ब्रेकर पर ब्रेक लगाने के दौरान पीछे से लोडर ने टक्कर मार दी थी। जिससे चंदा घायल हो गए थे।
– बछरावां-मौरावां मार्ग पर गांव कूटीखेड़ा रामनगर के पास बने ब्रेकर से भी कई हादसे हो चुके हैं। तीन अक्तूबर 2020 को पटाखों से लदी मोपेड के उछलने से हरदोइया थाना कोतवाली बछरावां जनपद रायबरेली निवासी मुस्लिम की घटनास्थल पर मौत हो गई थी। मोपेड में रखे पटाखों से भरे झोले में विस्फोट से पीछे बैठी बहन राजिया बानो का हाथ उड़ गया था। इस ब्रेकर पर आएदिन मोटरसाइकिल सवार चुटहिल होते रहते हैं।
इन मार्गों पर सबसे ज्यादा ब्रेकर
उन्नाव-हरदोई मार्ग, बिठूर-संडीला मार्ग, उन्नाव-पुरवा मार्ग, अजगैन-मोहान मार्ग, बीघापुर-भगवंतनगर मार्ग, ऊचगांव-बक्सर मार्ग, लालकुआं मार्ग, बदरका मार्ग।
ब्रेकर बनाने के ये हैं नियम
हाईवे और शहर की गलियों में स्पीड ब्रेकर बनाने का कोई नियम नहीं है। विशेष परिस्थितियों में पीडब्ल्यूडी को यातायात पुलिस और निकायों से अनुमति लेनी पड़ती है। स्पीड ब्रेकर छह स्टेप में बनाने का मानक है। इसकी ऊंचाई भी अधिकतम चार इंच ही होनी चाहिए। ब्रेकर से कम से कम 15 मीटर पहले संकेतक लगाना जरूरी है। ब्रेकरों में सफेद या पीला रेडियम युक्त पेंट जरूरी है। इसके दोनों ओर स्लोप होना चाहिए, ताकि वाहन बिना तेज झटका लगे निकल सकें।
रिपोर्ट दर्ज करा कर सकते हैं क्लेम
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश शुक्ला ने बताया कि सड़क के ब्रेकर बनाने में मानकों की अनदेखी, जिससे जनहानि, जीवन को खतरा या शारीरिक क्षति होती है तो संबंधित विभाग या उसके अधिकारी के पद नाम से एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। न्यायालय इस पर दंड और विभाग से मुआवजे का आदेश दे सकता है। वहीं मोटर वाहन दुर्घटना प्रतिकर अधिनियम के तहत क्लेम कर सकते हैं।
ग्रामीणों ने अपने ढंग से ब्रेकर बनवा लिए हैं। इसी कारण ब्रेकर से दुर्घटनाएं हो रहीं हैं। अब नियम विरुद्ध बने ब्रेकरों को हटवाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी। – सुबोध कुमार, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी निर्माणखंड।
उन्नाव। सड़कों पर बिना मानक बने स्पीड ब्रेकर हादसों का सबब बन रहे हैं। ऊंचाई ज्यादा होने और ढलान न होने से ब्रेक लगाते ही बाइक सवारों की जान पर बन आती है। अक्सर वाहन पलटने से लोग घायल और असमय मौत का शिकार हो जाते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसे खतरे वाले ब्रेकर हटाने के निर्देश दिए थे लेकिन जिले में इसका असर नहीं दिख रहा। हरदोई उन्नाव मार्ग पर तो ऐसे ब्रेकरों की भरमार है। एक माह बाद भी जिम्मेदार कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
पूर्व में हुए हादसों पर नजर
– हरदोई उन्नाव मार्ग पर माखी थानाक्षेत्र के दोस्तीनगर नहर पुलिया, भदनी पुलिया, मियागंज सीएचसी के पास व चकलवंशी चौराहे पर बड़े ब्रेकर बने हुए हैं। यहां अक्सर बाइक सवार हादसों का शिकार होते हैं। कई घायलों की मौत भी हो चुकी है। एक अगस्त को बांगरमऊ के मोहल्ला कटरा निवासी कमलेश पत्नी ममता को लेकर उन्नाव जा रहे थे। भदनी पुलिया के पास ब्रेकर पर उछलकर ममता सड़क पर गिर गईं थीं। सिर में चोट आने से उनकी मौत हो गई थी।
– 29 जून को कस्बा चकलवंशी निवासी वेदप्रकाश को ब्रेकर पर अनियंत्रित हुए कंटेनर ने टक्कर मार दी थी। उनकी मौके पर मौत हो गई थी।
– 24 जून को नई बस्ती निवासी सचिन बाइक से बांगरमऊ जा रहे थे। सबलगढ़ी के पास ब्रेकर पर ब्रेक लगाने के दौरान लोडर ने बाइक में टक्कर मार दी थी। हादसे में सचिन की मौके पर ही मौत हो गई थी।
– 19 जुलाई को आसीवन थानाक्षेत्र के लखनऊ बांगरमऊ मार्ग से अमानखेड़ा निवासी चंदा (35) मियागंज जा रहे थे। सीएचसी के सामने ब्रेकर पर ब्रेक लगाने के दौरान पीछे से लोडर ने टक्कर मार दी थी। जिससे चंदा घायल हो गए थे।
– बछरावां-मौरावां मार्ग पर गांव कूटीखेड़ा रामनगर के पास बने ब्रेकर से भी कई हादसे हो चुके हैं। तीन अक्तूबर 2020 को पटाखों से लदी मोपेड के उछलने से हरदोइया थाना कोतवाली बछरावां जनपद रायबरेली निवासी मुस्लिम की घटनास्थल पर मौत हो गई थी। मोपेड में रखे पटाखों से भरे झोले में विस्फोट से पीछे बैठी बहन राजिया बानो का हाथ उड़ गया था। इस ब्रेकर पर आएदिन मोटरसाइकिल सवार चुटहिल होते रहते हैं।
इन मार्गों पर सबसे ज्यादा ब्रेकर
उन्नाव-हरदोई मार्ग, बिठूर-संडीला मार्ग, उन्नाव-पुरवा मार्ग, अजगैन-मोहान मार्ग, बीघापुर-भगवंतनगर मार्ग, ऊचगांव-बक्सर मार्ग, लालकुआं मार्ग, बदरका मार्ग।
ब्रेकर बनाने के ये हैं नियम
हाईवे और शहर की गलियों में स्पीड ब्रेकर बनाने का कोई नियम नहीं है। विशेष परिस्थितियों में पीडब्ल्यूडी को यातायात पुलिस और निकायों से अनुमति लेनी पड़ती है। स्पीड ब्रेकर छह स्टेप में बनाने का मानक है। इसकी ऊंचाई भी अधिकतम चार इंच ही होनी चाहिए। ब्रेकर से कम से कम 15 मीटर पहले संकेतक लगाना जरूरी है। ब्रेकरों में सफेद या पीला रेडियम युक्त पेंट जरूरी है। इसके दोनों ओर स्लोप होना चाहिए, ताकि वाहन बिना तेज झटका लगे निकल सकें।
रिपोर्ट दर्ज करा कर सकते हैं क्लेम
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश शुक्ला ने बताया कि सड़क के ब्रेकर बनाने में मानकों की अनदेखी, जिससे जनहानि, जीवन को खतरा या शारीरिक क्षति होती है तो संबंधित विभाग या उसके अधिकारी के पद नाम से एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। न्यायालय इस पर दंड और विभाग से मुआवजे का आदेश दे सकता है। वहीं मोटर वाहन दुर्घटना प्रतिकर अधिनियम के तहत क्लेम कर सकते हैं।
ग्रामीणों ने अपने ढंग से ब्रेकर बनवा लिए हैं। इसी कारण ब्रेकर से दुर्घटनाएं हो रहीं हैं। अब नियम विरुद्ध बने ब्रेकरों को हटवाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी। – सुबोध कुमार, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी निर्माणखंड।
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