UP: गांव तक पहुंचे आतंकी संगठनों के हाथ, इस जिले में बेखौफ होकर रहते हैं आतंकी, आखिर कौन दे रहा संरक्षण

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में आतंकियों को संरक्षण मिलता है। एटीएस की कार्रवाई में बार-बार खुलासे हुए हैं, लेकिन कौन लोग इनको संरक्षण देते हैं, उनकी गर्दन तक एटीएस और पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाते हैं। इसी वजह से आतंकी यहां रहकर देश विरोधी गतिविधियों में आसानी से लिप्त रहते हैं।

यूपी के सहारनपुर में हाल ही में एटीएस को एक और बड़ी सफलता मिली। एटीएस ने सहारनपुर से गिरफ्तार आंतकी नदीम को गिरफ्तार किया। इसके बाद नदीम के फिदायीन साथी हबीबुल उर्फ सैफुल्लाह को कानपुर के सैय्यदबाड़ा से गिरफ्तार कर लिया गया। हबीबुल वर्चुअल आईडी बनाने का एक्सपर्ट है।

यह जैश का एक्टिव आंतकी है। इसने करीब 50 आंतकियो की फर्जी वर्चुअल आईडी भी बनाई थी। वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हैंडलर्स के संपर्क में था। नदीम और हबीबुल ने यूपी में रह रहे अपने कई साथियो के नाम एटीएस को बता दिए हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही और आंतकियों की गिरफ्तारी हो सकती है।

70 पेज की पीडीएफ से खुले कई बड़े राज

जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान के संपर्क में रहे मोहम्मद नदीम के फोन से बरामद हुई 70 पेज की पीडीएफ फाइल में आतंक फैलाने का तरीका बताया गया है। इस पीडीएफ फाइल में बारूद इक्कठा करने से लेकर फिदायीन हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। एटीएस के हाथ ऐसे कई अहम सुराग लगे हैं, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

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गांव कुंडाकला निवासी नफीस के दो बेटों नदीम और तैमूर को एटीएस के उठाने और उसके बाद उनमें से नदीम के आतंकी संगठनों से जुड़े होने का खुलासा होने के बाद ग्रामीणों में भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नदीम सीधा-साधा लड़का था, लेकिन उसके संपर्क आतंकियों से कैसे हो गए, इसका उन्हें भी यकीन नहीं हो रहा है। वहीं आंतकी नदीम के फिदायीन साथी हबीबुल उर्फ सैफुल्लाह की गिरफ्तारी के बाद उसके कई साथी खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं। जल्द ही जनपद से इनके अन्य साथियों की गिरफ्तारी हो सकती है।

 

बार-बार मामले सामने आने के बाद भी आतंकियों को संरक्षण देने वालों का पता नहीं लग पाया है। इसी वजह से सहारनपुर को आतंकी सुरक्षित ठिकाना बना रखा है और यहां आकर बस जाते हैं। इतना ही नहीं, कई बार अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी भी जनपद से पकड़े गए। एटीएस द्वारा लगातार कार्रवाई के बाद भी यह सिलसिला नहीं रूक रहा है। इससे साफ है कि संदिग्धों को जनपद में संरक्षण देने वाले भी सक्रिय हैं।

गांव तक पहुंच रहे आतंकी संगठनों के हाथ

पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बैठे आतंकियों के हाथ सहारनपुर में गांव-गांव पहुंच रहे हैं। कोतवाली गंगोह क्षेत्र के गांव कुंडकला से नदीम के पकड़े जाना इसका उदाहरण है। जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान के आतंकी नदीम को फिदायीन हमले के लिए तैयार कर रहे थे।

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