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उन्नाव के सिकंदरपुर कर्ण ब्लॉक के गांव कोरारी कला में ‘हर हाथ में कलम पाठशाला’ की स्थापना करने वाले जीआरपी सिपाही का स्थानांतरण हुआ तो बच्चे भावुक हो गए। गरीब और कामगार परिवारों के बच्चों को शिक्षित करने वाले गुरु जी को जाते देखकर कई बच्चियां खूब रोईं। ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने गाजे-बाजे के साथ उन्हें विदाई दी।
इटावा के भरथना थाना के मुड़ैना गांव निवासी रोहित यादव की पहली पोस्टिंग झांसी में सिविल पुलिस में हुई थी। जून 2018 में उन्हें उन्नाव जीआरपी थाने में तैनाती मिली। उनकी ड्यूटी उन्नाव-रायबरेली पैसेंजर में लगाई गई थी। ड्यूटी के दौरान जब भी ट्रेन कोरारी स्टेशन पर रुकती तो गरीब परिवारों के बच्चे भीख मांगने आ जाते।
ये देखकर रोहित ने उन्हें साक्षर बनाने की ठानी। ड्यूटी के बाद गांव जाकर उनके अभिभावकों से मिले और पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। उनकी ये कोशिश रंग लाई और सितंबर 2018 में गांव के बाहर एक पेड़ के नीचे पाठशाला की शुरुआत की। दो माह तक वह ड्यूटी के बाद पांच बच्चों को पढ़ाने जाते थे। धीरे-धीरे छात्रों की संख्या बढ़ती गई।
डेढ़ साल में 80 से अधिक छात्र होने पर तत्कालीन डीपीआरओ राजेंद्र प्रसाद से मुलाकात कर मुहिम की जानकारी दी। उन्होंने पंचायत भवन में पढ़ाने की अनुमति दे दी। उनके साथ गांव के प्रदीप कुमार, बसंत, रंजीत, मंगल व पूजा देवी भी जुड़ गए। वर्तमान में इस पाठशाला में 125 छात्र पढ़ रहे हैं। रोहित का तबादला झांसी पुलिस लाइन होने पर रविवार को विदाई समारोह हुआ। बच्चों को भावुक देखकर उन्होंने मन लगाकर पढ़ने और कुछ बनकर दिखाने का वादा लिया। ग्राम प्रधान सुरेश कुशवाहा व ग्रामीण मौजूद रहे।
रोहित ने बताया कि बच्चों के लिए कक्षाएं दोपहर दो से शाम छह बजे तक चलती हैं। यहां से तबादला होने के बाद भी स्कूल उसी तरह चलता रहेगा। जब भी मौका मिलेगा, यहां जरूर आएंगे। जो भी रुकावटें आएंगी, उनका समाधान करेंगे। पाठशाला में आने वाले छात्रों में 115 का परिषदीय विद्यालय में नामांकन हो गया है।
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उन्नाव के सिकंदरपुर कर्ण ब्लॉक के गांव कोरारी कला में ‘हर हाथ में कलम पाठशाला’ की स्थापना करने वाले जीआरपी सिपाही का स्थानांतरण हुआ तो बच्चे भावुक हो गए। गरीब और कामगार परिवारों के बच्चों को शिक्षित करने वाले गुरु जी को जाते देखकर कई बच्चियां खूब रोईं। ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने गाजे-बाजे के साथ उन्हें विदाई दी।
इटावा के भरथना थाना के मुड़ैना गांव निवासी रोहित यादव की पहली पोस्टिंग झांसी में सिविल पुलिस में हुई थी। जून 2018 में उन्हें उन्नाव जीआरपी थाने में तैनाती मिली। उनकी ड्यूटी उन्नाव-रायबरेली पैसेंजर में लगाई गई थी। ड्यूटी के दौरान जब भी ट्रेन कोरारी स्टेशन पर रुकती तो गरीब परिवारों के बच्चे भीख मांगने आ जाते।
ये देखकर रोहित ने उन्हें साक्षर बनाने की ठानी। ड्यूटी के बाद गांव जाकर उनके अभिभावकों से मिले और पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। उनकी ये कोशिश रंग लाई और सितंबर 2018 में गांव के बाहर एक पेड़ के नीचे पाठशाला की शुरुआत की। दो माह तक वह ड्यूटी के बाद पांच बच्चों को पढ़ाने जाते थे। धीरे-धीरे छात्रों की संख्या बढ़ती गई।
डेढ़ साल में 80 से अधिक छात्र होने पर तत्कालीन डीपीआरओ राजेंद्र प्रसाद से मुलाकात कर मुहिम की जानकारी दी। उन्होंने पंचायत भवन में पढ़ाने की अनुमति दे दी। उनके साथ गांव के प्रदीप कुमार, बसंत, रंजीत, मंगल व पूजा देवी भी जुड़ गए। वर्तमान में इस पाठशाला में 125 छात्र पढ़ रहे हैं। रोहित का तबादला झांसी पुलिस लाइन होने पर रविवार को विदाई समारोह हुआ। बच्चों को भावुक देखकर उन्होंने मन लगाकर पढ़ने और कुछ बनकर दिखाने का वादा लिया। ग्राम प्रधान सुरेश कुशवाहा व ग्रामीण मौजूद रहे।
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