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उन्नाव। माता-पिता की मौत के बाद पेंशन के भुगतान के लिए भटक रहे बच्चे सीएम को ट्वीट करने के बाद डीएम से मिले। डीएम ने 48 घंटे में पेंशन का भुगतान कराने का आश्वासन दिया।
भुगतान में लेटलतीफी की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की है। इसके साथ ही विराट और परी ने मृत पापा के पेंशन की लड़ाई जीत ली है।
शहर के आवास विकास कालोनी निवासी आशीष मिश्र एसडीएम बीघापुर के कार्यालय में चालक थे। फरवरी 2021 में कोविड के दौरान उनका निधन हो गया था। उनकी पत्नी निशा की पांच साल पूर्व मौत हो गई थी। उनके बच्चों विराट मिश्र (11) और परी (7) की देखरेख आवास विकास हंसपुरम कानपुर निवासी नाना रमाकांत द्विवेदी कर रहे हैं।
रविवार को विराट और परी ने वीडियो मुख्यमंत्री को ट्वीट किया था। इसमें पिता की बकाया पेंशन व अन्य देयों का भुगतान न होने व कलक्ट्रेट के एक बाबू पर फाइल दबाने की बात कही थी। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को डीएम अपूर्वा दुबे ने संज्ञान में लिया। बच्चों व उनके नाना से मुलाकात की। डीएम ने बताया कि मामला डेढ़ साल से चल रहा है।
उन्होंने एक अगस्त को ही जिले में ज्वाइन किया है। इस मामले में लाभ के तौर पर बच्चों व उनके संरक्षक को बीमा क्लेम का पैसा और अन्य भुगतान किया जा चुका है। सिर्फ पेंशन का पैसा ही शेष रह गया है। वह भी दो दिन के अंदर खाते में भेज दिया जाएगा। लेटलतीफी क्यों हुई, इसकी जांच के लिए टीम में अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) व एसडीएम बीघापुर को शामिल कर 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। लापरवाही सामने आएगी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्नाव। माता-पिता की मौत के बाद पेंशन के भुगतान के लिए भटक रहे बच्चे सीएम को ट्वीट करने के बाद डीएम से मिले। डीएम ने 48 घंटे में पेंशन का भुगतान कराने का आश्वासन दिया।
भुगतान में लेटलतीफी की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की है। इसके साथ ही विराट और परी ने मृत पापा के पेंशन की लड़ाई जीत ली है।
शहर के आवास विकास कालोनी निवासी आशीष मिश्र एसडीएम बीघापुर के कार्यालय में चालक थे। फरवरी 2021 में कोविड के दौरान उनका निधन हो गया था। उनकी पत्नी निशा की पांच साल पूर्व मौत हो गई थी। उनके बच्चों विराट मिश्र (11) और परी (7) की देखरेख आवास विकास हंसपुरम कानपुर निवासी नाना रमाकांत द्विवेदी कर रहे हैं।
रविवार को विराट और परी ने वीडियो मुख्यमंत्री को ट्वीट किया था। इसमें पिता की बकाया पेंशन व अन्य देयों का भुगतान न होने व कलक्ट्रेट के एक बाबू पर फाइल दबाने की बात कही थी। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को डीएम अपूर्वा दुबे ने संज्ञान में लिया। बच्चों व उनके नाना से मुलाकात की। डीएम ने बताया कि मामला डेढ़ साल से चल रहा है।
उन्होंने एक अगस्त को ही जिले में ज्वाइन किया है। इस मामले में लाभ के तौर पर बच्चों व उनके संरक्षक को बीमा क्लेम का पैसा और अन्य भुगतान किया जा चुका है। सिर्फ पेंशन का पैसा ही शेष रह गया है। वह भी दो दिन के अंदर खाते में भेज दिया जाएगा। लेटलतीफी क्यों हुई, इसकी जांच के लिए टीम में अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) व एसडीएम बीघापुर को शामिल कर 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है। लापरवाही सामने आएगी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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