मूंग की फसल किसानों को दे रही मुनाफा

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गंजमुरादाबाद। मौसम के खास साथ न देने के बाद भी दलहनी फसलों ने किसानों को खुशियां दी हैं। लहलहाती मूंग किसानों को भरपूर मुनाफा पहुंचा रही है। इसकी तुड़ाई और मड़ाई शुरू हो गई है।
सूखे की आशंका को देखते हुए किसानों ने इस बार बिना सिंचाई वाली फसलों तिल, उड़द और मूंग पर दांव आजमाया था। बिना बारिश मूंग की फसल खूब लहलहाई। इसमें एक बीघा भूमि में मात्र तीन से चार हजार रुपये लागत आती है। इसकी बुआई जून के अंतिम सप्ताह तक की जाती है। ये 80 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
एक बीघा भूमि में करीब चार क्विंटल मूंग तैयार होती है। बाजारी भाव के हिसाब से इसकी कीमत करीब 24 हजार रुपये है। इससे किसानों को प्रति बीघा 15 हजार रुपये तक मुनाफा हो रहा है। कम समय और लागत में अधिक मुनाफे वाली मूंग की फसल किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है। हसनापुर, कपूरपुर, हैबतपुर, भिखारीपुर पतसिया, लहरापुर आदि गांवों में इस बार मूंग की फसल पसंद बनी हुई है।

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गंजमुरादाबाद। मौसम के खास साथ न देने के बाद भी दलहनी फसलों ने किसानों को खुशियां दी हैं। लहलहाती मूंग किसानों को भरपूर मुनाफा पहुंचा रही है। इसकी तुड़ाई और मड़ाई शुरू हो गई है।

सूखे की आशंका को देखते हुए किसानों ने इस बार बिना सिंचाई वाली फसलों तिल, उड़द और मूंग पर दांव आजमाया था। बिना बारिश मूंग की फसल खूब लहलहाई। इसमें एक बीघा भूमि में मात्र तीन से चार हजार रुपये लागत आती है। इसकी बुआई जून के अंतिम सप्ताह तक की जाती है। ये 80 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।

एक बीघा भूमि में करीब चार क्विंटल मूंग तैयार होती है। बाजारी भाव के हिसाब से इसकी कीमत करीब 24 हजार रुपये है। इससे किसानों को प्रति बीघा 15 हजार रुपये तक मुनाफा हो रहा है। कम समय और लागत में अधिक मुनाफे वाली मूंग की फसल किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है। हसनापुर, कपूरपुर, हैबतपुर, भिखारीपुर पतसिया, लहरापुर आदि गांवों में इस बार मूंग की फसल पसंद बनी हुई है।

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