Janakpuri Mahotsav: बारिश के बीच जनकपुरी पहुंची श्रीराम की बारात, ‘राजा जनक’ ने उतारी आरती

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आगरा के मनकामेश्वर मंदिर स्थित लाला चन्नोमल की बारहदरी से बुधवार रात 10 बजे बारिश के बीच श्रीराम की बरात निकली। बैंडबाजों के साथ बराती भी भीग रहे थे। श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के स्वरूप को बारिश से बचाने के लिए लोग छाते लिए रथों पर खड़े रहे। देर रात एक बजे तक बरात कचहरी घाट पहुंची। शहर के भव्य आयोजन में बारिश ने बाधा डाली। श्रीराम के स्वागत के लिए जिन रास्तों पर लोग रातभर इंतजार करते थे, वो एक बजे के बाद खाली नजर आए। 

गुरुवार सुबह भी बारिश नहीं थमी। बारिश के कारण श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के स्वरूप रथ की बजाय कारों से जनवास पहुंचे। यहां राजा जनक के स्वरूप आलोक अग्रवाल और श्री रामलीला महोत्सव कमेटी के अध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने श्रीराम व उनके भाइयों की आरती उतारी। 

इन रास्तों से निकली बारात 

श्रीराम बारात लाला चन्नोमल की बारहदारी, मन:कामेश्वर गली से प्रारंभ होकर रावतपाड़ा, जौहरी बाजार, सुभाष बाजार, लाला कोकामल मार्ग, छत्ता बाजार, कचहरी घाट, बेलनगंज, पथवारी, धूलियागंज, सिटी स्टेशन रोड, घटिया छिली ईंट, फुलट्टी बाजार, सेव का बाजार, किनारी बाजार, कसेरट बाजार होते हुए रावतपाड़ा पहुंची। यहां विश्राम लेने के बाद बारात रावतपाड़ा से फिर शुरू होकर भगवान टाकीज होते हुए दलालबाग पहुंची।

रातभर हुई बारिश 

श्रीम बारात में प्रभु इंद्र ने खुशियों की बारिश में राम भक्तों को खूब स्नान कराया। पूरे दिन इंद्र की कृपा बरसती रही। रत्नजड़ित मुकुट धारण कर जब प्रभु श्रीराम रथ पर विराजमान हुए, उस समय भी इंद्र ने भगावन के विवाह की खुशियां का इजहार बारिश से प्रकट किया। रघुनंदन के श्रंगार को बारिश से बचाने के लिए राम भक्त अपने साथ प्रभु को छाते की छाया देते रहे।

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आगरा के मनकामेश्वर मंदिर स्थित लाला चन्नोमल की बारहदरी से बुधवार रात 10 बजे बारिश के बीच श्रीराम की बरात निकली। बैंडबाजों के साथ बराती भी भीग रहे थे। श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के स्वरूप को बारिश से बचाने के लिए लोग छाते लिए रथों पर खड़े रहे। देर रात एक बजे तक बरात कचहरी घाट पहुंची। शहर के भव्य आयोजन में बारिश ने बाधा डाली। श्रीराम के स्वागत के लिए जिन रास्तों पर लोग रातभर इंतजार करते थे, वो एक बजे के बाद खाली नजर आए। 

गुरुवार सुबह भी बारिश नहीं थमी। बारिश के कारण श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के स्वरूप रथ की बजाय कारों से जनवास पहुंचे। यहां राजा जनक के स्वरूप आलोक अग्रवाल और श्री रामलीला महोत्सव कमेटी के अध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने श्रीराम व उनके भाइयों की आरती उतारी। 

इन रास्तों से निकली बारात 

श्रीराम बारात लाला चन्नोमल की बारहदारी, मन:कामेश्वर गली से प्रारंभ होकर रावतपाड़ा, जौहरी बाजार, सुभाष बाजार, लाला कोकामल मार्ग, छत्ता बाजार, कचहरी घाट, बेलनगंज, पथवारी, धूलियागंज, सिटी स्टेशन रोड, घटिया छिली ईंट, फुलट्टी बाजार, सेव का बाजार, किनारी बाजार, कसेरट बाजार होते हुए रावतपाड़ा पहुंची। यहां विश्राम लेने के बाद बारात रावतपाड़ा से फिर शुरू होकर भगवान टाकीज होते हुए दलालबाग पहुंची।

रातभर हुई बारिश 

श्रीम बारात में प्रभु इंद्र ने खुशियों की बारिश में राम भक्तों को खूब स्नान कराया। पूरे दिन इंद्र की कृपा बरसती रही। रत्नजड़ित मुकुट धारण कर जब प्रभु श्रीराम रथ पर विराजमान हुए, उस समय भी इंद्र ने भगावन के विवाह की खुशियां का इजहार बारिश से प्रकट किया। रघुनंदन के श्रंगार को बारिश से बचाने के लिए राम भक्त अपने साथ प्रभु को छाते की छाया देते रहे।

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