High Court :  बीएचयू के बर्खास्त सहा. प्रोफेसर के मामले का निस्तारण कराने का निर्देश

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हाईकोर्ट।

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– फोटो : amar ujala

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हाईकोर्ट ने शिक्षा मंत्रालय के अनुसचिव को बीएचयू से संबद्ध डीएवी डिग्री कॉलेज के बर्खास्त सहायक प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह की विजिटर (राष्ट्रपति) के समक्ष विचाराधीन अपील का निस्तारण एक माह में सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह विजिटर को निर्देश जारी नहीं कर सकते, किंतु विश्वास है कि अपील पर उचित आदेश पारित होगा। 

कोर्ट ने याची सहायक प्रोफेसर को भी दो हफ्ते में आदेश की प्रति केंद्र सरकार को प्रेषित करने का आदेश देते हुए कहा कि अनुसचिव प्रकरण विजिटर के समक्ष पेश करें। यह आदेश न्यायमूर्ति एस डी सिंह ने डॉ. राजेश कुमार सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

याचिका के अनुसार याची डीएवी डिग्री कॉलेज वाराणसी में सहायक प्रोफेसर थे। रिसर्च स्कॉलर छात्रा से छेड़छाड़ व अन्य सहकर्मियों से बदसलूकी करने के मामले में कॉलेज प्रबंध समिति ने बर्खास्त कर दिया। विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी ने इसका अनुमोदन भी कर दिया। इसी आदेश के खिलाफ  विजिटर के समक्ष अपील आठ मार्च 2014 से लंबित है।
याचिका में लंबित अपील शीघ्र तय किए जाने का समादेश जारी करने की मांग की गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कहा गया कि अनुसचिव को अनुस्मारक भेजा गया है। जिस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।

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हाईकोर्ट ने शिक्षा मंत्रालय के अनुसचिव को बीएचयू से संबद्ध डीएवी डिग्री कॉलेज के बर्खास्त सहायक प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह की विजिटर (राष्ट्रपति) के समक्ष विचाराधीन अपील का निस्तारण एक माह में सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह विजिटर को निर्देश जारी नहीं कर सकते, किंतु विश्वास है कि अपील पर उचित आदेश पारित होगा। 

कोर्ट ने याची सहायक प्रोफेसर को भी दो हफ्ते में आदेश की प्रति केंद्र सरकार को प्रेषित करने का आदेश देते हुए कहा कि अनुसचिव प्रकरण विजिटर के समक्ष पेश करें। यह आदेश न्यायमूर्ति एस डी सिंह ने डॉ. राजेश कुमार सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

याचिका के अनुसार याची डीएवी डिग्री कॉलेज वाराणसी में सहायक प्रोफेसर थे। रिसर्च स्कॉलर छात्रा से छेड़छाड़ व अन्य सहकर्मियों से बदसलूकी करने के मामले में कॉलेज प्रबंध समिति ने बर्खास्त कर दिया। विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी ने इसका अनुमोदन भी कर दिया। इसी आदेश के खिलाफ  विजिटर के समक्ष अपील आठ मार्च 2014 से लंबित है।

याचिका में लंबित अपील शीघ्र तय किए जाने का समादेश जारी करने की मांग की गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कहा गया कि अनुसचिव को अनुस्मारक भेजा गया है। जिस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।

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