UPPSC :   पीसीएस मेंस में अभ्यर्थियों के नैतिक मूल्यों को गहराई से परखने की कोशिश

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Prayagraj News :  यूपीपीएससी मेंस देकर बाहर निकलते छात्र।

Prayagraj News : यूपीपीएससी मेंस देकर बाहर निकलते छात्र।
– फोटो : अमर उजाला।

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पीसीएस मेंस-2022 में बृहस्पतिवार को आयोजित सामान्य अध्ययन तृतीय एवं चतुर्थ प्रश्नपत्र की परीक्षा में अभ्यर्थियों की विषय के प्रति जानकारी और उनके नैतिक मूल्यों को गहराई से रखने की कोशिश की गई। तृतीय प्रश्नपत्र में जहां एक लाइन में कई सवाल छिपे थे। वहीं, चतुर्थ प्रश्नपत्र के जरिये परखने की कोशिश की गई कि अभ्यर्थी एक अफसर के रूप में उसके नैतिक गुणों पर कितना खरा उतरता है।

सामान्य अध्ययन के चौथे प्रश्नपत्र में सवाल पूछा गया कि लोक सेवकों के संदर्भ में समर्पण और जवाबदेही की प्रासंगिकता की व्याख्या कीजिए। एक सवाल था, ‘अंतरात्मा की आवाज’ से आप क्या समझते हैं? लोक सेवकों के कर्तव्य निर्वहन में यह किस प्रकार मदद करता है?’ साथ ही पूछा कि वे कौन सी परिस्थितियां हैं जो अधिकारी की सत्यनिष्ठा के बारे में संदेह उत्पन्न करती हैं?

चतुर्थ प्रश्नपत्र में ही सदाचार-संहिता एवं आचार संहिता और सहिष्णुता एवं करुणा में विभेद करने को कहा गया। यह सवाल भी आया कि करुणा की आधारभूत आवश्यकताएं क्या हैं? लोकसेवा में कमजोर वर्ग के प्रति करुणा की क्या आवश्यकता है? साथ ही पूछा कि समाज में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आपके अनुसार क्या कदम उठाने चाहिए? व्याख्या कीजिए।

परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने बताया कि एक लोकसेवक में जो नैतिक गुण होने चाहिए, उसे परखने के लिए पूछे गए सवाल काफी स्तरीय और संतुलित रहे। वहीं, तीसरे प्रश्नपत्र में एक लाइन के प्रश्न में कई सवाल पूछे गए। मसलन, ‘ई-प्रदूषण तथा आंतरिक प्रदूषण को समझाइए। इसके प्रबंधन के लिए क्या सुझाव दिए गए हैं?’ ‘नैनोसाइंस और नैनोटेक्नोलॉजी को परिभाषित कीजिए। विज्ञान और कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में उनकी क्षमता पर विस्तार से चर्चा कीजिए।’

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एक सवाल था कि सैन्य तथा असैन्य क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धि की भूमिका और प्रभावों की तार्किक व्याख्या कीजिए। एक अन्य सवाल पूछा कि भारत की रक्षा आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार की ‘अग्निवीर’ योजना का विश्लेषण कीजिए। प्रतियोगी परीक्षाओं के विशेषज्ञ डॉ. अतुल मिश्रा के अनुसार इन सवालों से स्पष्ट है कि अभ्यर्थियों की विषयों के प्रति समझ परखने की कोशिश की गई है। इसी वजह से अभ्यर्थियों को पेपर लंबा लगा।

90.41 फीसदी रही उपस्थित
पीसीएस मेंस-2022 में बृहस्पतिवार को 90.41 फीसदी अभ्यर्थियों ने उपस्थित दर्ज कराई। प्रयागराज, लखनऊ और गाजियाबाद के 13 केंद्रों में हुई परीक्षा के लिए 5798 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 5242 परीक्षार्थी उपस्थित रहे। प्रयागराज में 90.68 फीसदी, गाजियाबाद में 87.74 और लखनऊ में 92.15 फीसदी उपस्थित रही।

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पीसीएस मेंस-2022 में बृहस्पतिवार को आयोजित सामान्य अध्ययन तृतीय एवं चतुर्थ प्रश्नपत्र की परीक्षा में अभ्यर्थियों की विषय के प्रति जानकारी और उनके नैतिक मूल्यों को गहराई से रखने की कोशिश की गई। तृतीय प्रश्नपत्र में जहां एक लाइन में कई सवाल छिपे थे। वहीं, चतुर्थ प्रश्नपत्र के जरिये परखने की कोशिश की गई कि अभ्यर्थी एक अफसर के रूप में उसके नैतिक गुणों पर कितना खरा उतरता है।

सामान्य अध्ययन के चौथे प्रश्नपत्र में सवाल पूछा गया कि लोक सेवकों के संदर्भ में समर्पण और जवाबदेही की प्रासंगिकता की व्याख्या कीजिए। एक सवाल था, ‘अंतरात्मा की आवाज’ से आप क्या समझते हैं? लोक सेवकों के कर्तव्य निर्वहन में यह किस प्रकार मदद करता है?’ साथ ही पूछा कि वे कौन सी परिस्थितियां हैं जो अधिकारी की सत्यनिष्ठा के बारे में संदेह उत्पन्न करती हैं?



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