महिला को नहीं मिला इलाज

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उन्नाव। अचलगंज के निजी अस्पताल में बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने वाली महिला की बुधवार को हालत बिगड़ गई। परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां विशेषज्ञ डॉक्टर न होेने से उसे इलाज न मिल सका। दर्द से परेशान होकर वह अस्पताल गेट के बाहर तड़पती रही। बाद में परिजन उसे शहर के ही एक नर्सिंगहोम में ले गए।
बीघापुर थानाक्षेत्र के गांव गोड़वा निवासी हिटलर की पत्नी सन्नो (40) ने जून 2021 में अचलगंज के लोहचा में बच्चेदानी का ऑपरेशन कराया था। कुछ दिन हल्का दर्द रहा तो दवा लेती रही। लेकिन दिसंबर से दर्द बढ़ता गया। तीन दिन पहले अधिक दर्द होने पर अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला कि बच्चेदानी के ऑपरेशन में पूरी गांठ नहीं निकल पाई।
बुधवार को परिजन उसे जिला महिला अस्पताल लाए। लेकिन यहां ऑपरेशन के लिए विशेषज्ञ तैनात न होने से अन्य डॉक्टरों ने उसे नहीं देखा। आरोप लगाया कि डॉक्टर ने यह कहकर चलता कर दिया कि यहां ऑपरेशन नहीं होता, कहीं और दिखाओ। दर्द अधिक होने से वह अस्पताल गेट पर ही बैठ गई। करीब 20 मिनट तक वह बेहाल रही। बाद में परिजन उसे पीडीनगर स्थित एक नर्सिंगहोम ले गए।
सीएमएस बोलीं
सीएमएस डॉ. अंजू दुबे ने बताया कि बच्चेदानी के ऑपरेशन की सुविधा महिला अस्पताल में नहीं है। लेकिन जिस डॉक्टर ने उसे देखा उसे सलाह सही देनी चाहिए थी। मैने डॉक्टरों से इसकी जानकारी ली थी। लेकिन उसने किस डॉक्टर को दिखाया, किसी ने नहीं बताया।

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उन्नाव। अचलगंज के निजी अस्पताल में बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने वाली महिला की बुधवार को हालत बिगड़ गई। परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां विशेषज्ञ डॉक्टर न होेने से उसे इलाज न मिल सका। दर्द से परेशान होकर वह अस्पताल गेट के बाहर तड़पती रही। बाद में परिजन उसे शहर के ही एक नर्सिंगहोम में ले गए।

बीघापुर थानाक्षेत्र के गांव गोड़वा निवासी हिटलर की पत्नी सन्नो (40) ने जून 2021 में अचलगंज के लोहचा में बच्चेदानी का ऑपरेशन कराया था। कुछ दिन हल्का दर्द रहा तो दवा लेती रही। लेकिन दिसंबर से दर्द बढ़ता गया। तीन दिन पहले अधिक दर्द होने पर अल्ट्रासाउंड कराया तो पता चला कि बच्चेदानी के ऑपरेशन में पूरी गांठ नहीं निकल पाई।

बुधवार को परिजन उसे जिला महिला अस्पताल लाए। लेकिन यहां ऑपरेशन के लिए विशेषज्ञ तैनात न होने से अन्य डॉक्टरों ने उसे नहीं देखा। आरोप लगाया कि डॉक्टर ने यह कहकर चलता कर दिया कि यहां ऑपरेशन नहीं होता, कहीं और दिखाओ। दर्द अधिक होने से वह अस्पताल गेट पर ही बैठ गई। करीब 20 मिनट तक वह बेहाल रही। बाद में परिजन उसे पीडीनगर स्थित एक नर्सिंगहोम ले गए।

सीएमएस बोलीं

सीएमएस डॉ. अंजू दुबे ने बताया कि बच्चेदानी के ऑपरेशन की सुविधा महिला अस्पताल में नहीं है। लेकिन जिस डॉक्टर ने उसे देखा उसे सलाह सही देनी चाहिए थी। मैने डॉक्टरों से इसकी जानकारी ली थी। लेकिन उसने किस डॉक्टर को दिखाया, किसी ने नहीं बताया।

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