अतीक अहमद : उपचुनाव में अशरफ की हार ने लिखी विधायक राजू पाल हत्याकांड की पटकथा

0
22

[ad_1]

Prayagraj News :  अतीक अहमद और अशरफ। फाइल फोटो

Prayagraj News : अतीक अहमद और अशरफ। फाइल फोटो
– फोटो : अमर उजाला।

ख़बर सुनें

शहर पश्चिम के विधायक राजू पाल को 25 जनवरी 2005 को सुलेम सराय इलाके में गोलियों से भून दिया गया था। इस हत्या की पटकथा कुछ महीने पहले हुए उपचुनाव में लिखी गई थी। इस चुनाव में राजू पाल ने जिले के बाहुबली अतीक के भाई अशरफ को हरा दिया था। राजू की जीत ही उसकी मौत का कारण बनी। 

सन 2004 में लोकसभा चुनाव में अतीक अहमद को सपा ने फूलपुर से टिकट दिया था। अतीक ने वह चुनाव भारी मतों से जीत लिया। इससे पहले वह शहर पश्चिम का विधायक था। लोक सभा का सदस्य बन जाने के बाद अतीक ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया। सपा से उसने यह सीट अपने छोटे भाई अशरफ के लिए मांगी। पार्टी ने अशरफ को टिकट दे भी दिया। 

अशरफ अपने भाई अतीक के दम पर इस चुनाव को बेहद हल्के में ले रहा था। उसका मुकाबला करने के लिए बसपा ने राजू पाल को टिकट दे दिया। राजू पाल के खिलाफ भी कई मुकदमे दर्ज थे। राजू पाल ने चुनाव में कड़ा मुकाबला किया और अशरफ को हरा दिया। अतीक और उसके समर्थकों के पैरों तले जमीन खिसक गई। जिस शहर पश्चिम की सीट वे अपने घर की सीट समझते थे, वहां पर राजू पाल ने अशरफ को शिकस्त दे दी थी। यह सिर्फ राजनीतिक हार नहीं थी। अतीक के वर्चस्व को सीधी चुनौती थी। 

अतीक समर्थकों ने इस बात को लेकर भारी नाराजगी थी। सबसे ज्यादा नाराज अशरफ था। वह यह हार बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। इसी के बाद राजू पाल की हत्या की पटकथा लिख दी गई। हत्या में अत्याधुनिक असलहों का प्रयोग किया गया। घटना वाले दिन राजू पाल दोपहर में करीब तीन बजे स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल से घर वापस जाने के लिए निकला। राजू पाल अपनी क्वालिस गाड़ी से था। उसके साथ उसके दोस्त की पत्नी रुखसाना बैठी थी। पीछे संदीप और देवी लाल बैठे थे। उसके गनर पीछे स्कार्पियो गाड़ी थे। 

यह भी पढ़ें -  Janmashtami 2022: नंदगांव में 20 अगस्त को जन्मेंगे कन्हैया, ब्रज के अन्य मंदिरों में 19 अगस्त को जन्माष्टमी

 

सुलेम सराय के पास से ही राजू की गाड़ी से अंधाधुन फायरिंग होने लगी। राजू की गाड़ी से पीछे चल रही उसकी स्कार्पियो गाड़ी पर भी फायरिंग की गई। राजू को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। उसे आटो में अस्पताल ले जाया गया लेकिन डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। 

कब क्या हुआ
-25 जनवरी 2005 : क्वालिस गाड़ी से एसआरएन अस्पताल से घर जा रहे राजू पाल की हत्या हुई। 
-25 जनवरी 2005 : राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने अतीक-अशरफ समेत नौ के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई।  
–    दिसंबर 2007 : पुलिस ने अतीक और अशरफ समेत 11 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। 
–    जनवरी 2016 : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने केस की जांच शुरू की। 
–     अगस्त 2019 : सीबीआई ने अतीक और अशरफ समेत दस के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। 
–     अक्टूबर 2022 : अतीक के खिलाफ लखनऊ में सीबीआई की स्पेशल एंटी करप्शन कोर्ट ने आरोप तय किए। 

विस्तार

शहर पश्चिम के विधायक राजू पाल को 25 जनवरी 2005 को सुलेम सराय इलाके में गोलियों से भून दिया गया था। इस हत्या की पटकथा कुछ महीने पहले हुए उपचुनाव में लिखी गई थी। इस चुनाव में राजू पाल ने जिले के बाहुबली अतीक के भाई अशरफ को हरा दिया था। राजू की जीत ही उसकी मौत का कारण बनी। 

सन 2004 में लोकसभा चुनाव में अतीक अहमद को सपा ने फूलपुर से टिकट दिया था। अतीक ने वह चुनाव भारी मतों से जीत लिया। इससे पहले वह शहर पश्चिम का विधायक था। लोक सभा का सदस्य बन जाने के बाद अतीक ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया। सपा से उसने यह सीट अपने छोटे भाई अशरफ के लिए मांगी। पार्टी ने अशरफ को टिकट दे भी दिया। 



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here