भाजपा पर बरसे अखिलेश-जयंत: आगरा में बोले- संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए है ये चुनाव

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सार

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि ये चुनाव उत्तर प्रदेश का लोकतंत्र बचाने का चुनाव है। इसलिए गठबंधन की मदद करें। संविधान बचाने का चुनाव है। भाईचारा बचाने का चुनाव है। भाईचारा बनाम भाजपा है।

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आगरा में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी की जोड़ी ने संयुक्त रूप से कहा कि ये चुनाव लोकतंत्र और संविधान बचाने का चुनाव है। गठबंधन के पीछे सामाजिक समीकरण है। ये धरती बाबा साहब आंबेडकर और चौधरी चरण सिंह की कर्मस्थली है। उन्होंने सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी। हमें अधिकार दिए। उन्हीं, अधिकार व लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के लिए यह गठबंधन है।

निजी विमान से अखिलेश और जयंत दोनों दोपहर 12 बजे खेरिया एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से शिल्पग्राम रोड स्थित एक होटल आए। जहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने एक तरफ भाजपा और मुख्यमंत्री योगी पर पलटवार किया। दूसरी तरफ लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए गठबंधन को विकल्प बताया। जयंत ने कहा कि एक बात साफ है। प्रदेश के नौजवान और किसान, दोनों ने अपना मन बना रखा। दोनों सकारात्मक  परिवर्तन लाना चाहते हैं। दोनों खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने उनके साथ छल कपट किया है। झूठे वादे किए। दुनिया की बड़ी तस्वीर दिखाई और धड़ाम से नीचे ला दिया। इलाहाबाद में छात्रों से मारपीट इसका प्रमाण है। जयंत ने कहा सत्ता में योगी जी दावे करते हैं। उन्नाव, हाथरस, बुलंदशहर की घटनाएं साबित करती हैं उनके दावे खोखले हैं। बाबा साहब की धरती से सामाजिक न्याय, किसान, नौजवान, लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

‘आगरा मेलजोल का शहर’ 

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि आगरा मेलजोल का शहर है। यहां लोग मेलजोल से कारोबार करते हैं। आगरा में मुझे कई बार आने का मौका मिला। यहां दाल में मोंठ मिलाते हैं। मीठा पेठा है। बेड़ई-कचौड़ी, जलेबी का मेल है। इस तरह का मेलजोल और कहीं दिखाई नहीं देता। यहां मेलजोल से रहने वालों को नफरत करने वाले लोग आपस में बांट रहे हैं। लेकिन ऐसे लोगों को आगरा की जनता रिजेक्ट करेगी। आगरा के लोग इस तरह की राजनीति करने वालों को पसंद नहीं करेंगे। 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ये चुनाव उत्तर प्रदेश का लोकतंत्र बचाने का चुनाव है। इसलिए गठबंधन की मदद करें। संविधान बचाने का चुनाव है। भाईचारा बचाने का चुनाव है। भाईचारा बनाम भाजपा है। बाबा साहब ने संविधान दिया, जिससे देश चल रहा है। लोकतंत्र के साथ संविधान बचाना होगा। सपा हर वर्ग को जोड़ रही है। हमारा गठबंधन बहुरंगी है। सभी रंग के लोग हमारे पास है। ये एकरंगी लोग बाबा साहब के दिए संविधान को खत्म करना चाहते हैं। 

‘प्रदेश में आगरा को मिलेगा विशेष महत्व’

रालोद अध्यक्ष जयंत ने कहा कि चौधरी अजीत सिंह जब केंद्रीय उड्डयन मंत्री थे तब उन्होंने आगरा की कनेक्टिविटी के लिए कई प्रयास किए। अखिलेशजी ने लखनऊ एक्सप्रेसवे बनाया। हम लोगों ने तय किया है कि प्रदेश के मानचित्र पर आगरा को विशेष महत्व मिलेगा। टूरिज्म का देख लें। 2019 में यहां 1 करोड़ 9 लाख पर्यटक आए थे। आर्थिक तंगी का असर कहें या महामारी का 2020 में 27 लाख पर्यटक रह गए हैं। अखिलेश ने कहा, आगरा न केवल यूपी बल्कि देश, दुनिया में विख्यात है। यूपी को लोग जाने न जाने, लेकिन आगरा के ताजमहल और कारोबारियों की दुनियाभर में प्रतिष्ठा है।

‘वो वक्त कैसे भूल सकते हैं लोग’

अखिलेश यादव ने कोरोना प्रबंधन पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, वो वक्त कैसे भूल सकते हैं आगरा के लोग। जिस वक्त उन्हें दवाई की जरूरत थी। ऑक्सीजन की जरूरत थी। ये सरकार कुछ नहीं दे पाई। न जाने कितने लोगों की जान चली गई। सरकार जनता के लिए काम करती तो ऐसी नौबत नहीं आती। सबसे पहले आगरा से कोविड केस की सूचना आई थी। उसके बावजूद सरकार ने तैयारी नहीं की। अस्पताल तैयार नहीं किए। बजट पता नहीं, कहां चला गया। लोग इलाज के लिए भागते रहे।

अखिलेश ने कहा कि वो तस्वीर कौन भूल सकता है, जब एक पत्नी को अपने पति को मुंह से सांस देनी पड़ी। दवाई, बेड, ऑक्सीजन, रेमेडिसिविर के लिए क्या-क्या नहीं करना पड़ा। अधिकारियों के सामने लोगों को गिड़गिड़ाना पड़ा। उससे पहले जब लॉकडाउन लगा था, सबसे पहले मुरैना के युवक की आगरा में जान गई। उसे चलते-चलते हार्ट अटैक पड़ा। वो तस्वीर कैसे भूल सकते हैं जब एक  मां अपने बेटे का सूटकेस पर लेकर चली। और यहां के एक अधिकारी कह रहे थे, ऐसा तो बचपन में हमने भी किया है।

‘डबल इंजन ने किया करोबार ठप’

अखिलेश यादव ने कहा कि आगरा में वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट के तहत रोजगार की तमाम संभावनाएं हैं। डबल इंजन सरकार ने यहां का कारोबार ठप कर दिया। जो सहयोग करना चहिया था, वो सहयोग नहीं किया। जितने काम दिख रहे हैं, वो सपा सरकार में शुरू हुए थे। जब गंगाजल लाना था। हमारी सरकार थी। तभी जापान के एंबेसडर आकर मुझसे मिले थे। उन्होंने कहा था कि यहां प्रोजेक्ट चालू हो जाए। कितनी सरकारें आई थीं, गंगाजल लाना नहीं चाहती थीं। उस काम को हमने आगे बढ़ाया। जायका प्रोजेक्ट से आगरा के लिए पीने के पानी का इंतजाम किया। 
सपा मुखिया ने बताया कि अभी, मैं देखता आ रहा हूं। मेट्रो को जो पिलर बहुत पहले लग जाने चाहिए थे। अब लग रहे हैं। सपा सरकार ने मेट्रो दी थी। जितने काम किए। आधे-अधूरे पड़े हैं। सरकार उन्हें पूरे नहीं कर पाई। पता नहीं क्या दुश्मनी है, विकास से इन भाजपा के लोगों को। इस म्यूजियम से तकलीफ थी। आधा-अधूरा पड़ा है। मुझे याद है, मैं म्यूजियम देखने गया था। वहां चौकीदार मिला। मैंने चौकीदार से कहा ऐसी क्यों नहीं लगाए। वो बोला, साहब बिना लगाए उनकी वारंटी खत्म हो गई। सोचिए, म्यूजियम में आगरा का इतिहास दिखता। मैंने कहा, गंगा-जमुनी तहजीब का म्यूजियम बनेगा। छत्रपति के साथ जीजाबाई की प्रतिमा भी लगेगी। 

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हिरन गांव में एयरपोर्ट के लिए नहीं दी थी एनओसी

अखिलेश ने कहा, आगरा के लिए एयरपोर्ट की एनओसी नहीं दी इन बीजेपी के लोगों ने। जिसके कारण हिरन गांव में एयरपोर्ट नहीं बन पाया। सपा सरकार बनेगी तो फिर एनओसी के लिए प्रयास करेंगे। केंद्र से एनओसी होने पर हिरन गांव में एयरपोर्ट बनाएंगे। हमने ताजगंज को हजरतगंज से जोड़ा है। आलू का बड़ा सवाल है, आलू के लिए कुछ भी हमें करना पड़ेगा हम करेंगे। आलू की बेल्ट आगरा से फर्रुखाबाद, कन्नौज तक है। कोल्ड स्टोरेज व किसानों को हर बार समस्या रहती है। कन्नौज के किसान मुख्यमंत्री आवास पर आलू फेंक कर आए थे। सरकार ने कहा था आलू खरीदेंगे, बताओ कितना आलू खरीदा।

सीटें नहीं मिली, लेकिन विकास नहीं रोका

अखिलेश यादव की जुबां से सपा को आगरा में सीटें नहीं मिलना का दर्द भी झलका। उन्होंने कहा, आगरा से सीटें नहीं मिलीं, लेकिन हमने यहां विकास को कभी नहीं रोका। मैं आज कहना चाहता हूं गठबंधन के जितायें। आगरा को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाएंगे। इनका स्मार्ट सिटी तो इनके घर के पास भी दिखाई नहीं दे रहा है। कूड़ा, करकट, गंदगी है। जो दावा करते थे, मां गंगा को साफ कर देंगे, कोई हमें बता दे बिना यमुना को साफ किए गंगा कैसे साफ हो सकती। बुलंदशहर की काली नदी जैसे नाला बन गई है। यमुना भी नाला बनती जा रही है। इस नदी को साफ करने के लिए भाजपा ने झूठे दावे किए।

रोड शो से सपाइयों में उत्साह

शिल्पग्राम होटल से रथ में अखिलेश और जयंत ने रोड-शो शुरू किया। सेल्फी प्वाइंट, बरौली अहीर, फतेहाबाद कोल्ड स्टोर, जेपी ग्रीन्स मैदान पर सभाएं कीं। इस दौरान सपा राष्ट्रीय महासचिव रामजी लाल सुमन, जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा, रालोद जिलाध्यक्ष नरेंद्र बघेल, शहर अध्यक्ष वाजिद निसार, शहर उपाध्यक्ष रिजवान रईसुद्दीन प्रिंस, छावनी से प्रत्याशी कुंवर चंद वकील, दक्षिण से विनय अग्रवाल, उत्तर से ज्ञानेंद्र गौतम, बाह से मधुसूदन शर्मा, फतेहाबाद से रूपाली दीक्षित, ग्रामीण से महेश जाटव, खेरागढ़ से रौतान सिंह, फतेहपुरसीकरी से ब्रजेश चाहर के अलावा मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड जिलाध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी, राजपाल यादव, ममता टपलू, गौरव यादव, सप्पो उस्मानी, राहुल चतुर्वेदी, नरेश यादव बंटी, दिनेश राठौर आदि मौजूद रहे।

तंज- एक : प्रोफेसर लोग ऐसे ही होते हैं

एत्मादपुर से सपा प्रत्याशी डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं पहुंचे। प्रत्याशियों का परिचय कराते समय उनकी गैर मौजूदगी के सहारे अखिलेश ने बिना नाम लिए एसपी सिंह बघेल और धर्मपाल पर तंज कसा। उन्होंने कहा, आखिर प्रोफेसर लोग होते ही ऐसे हैं। कब छोड़कर, कहां चले जाएं पता नहीं लगता।

तंज- दो : अधिकारी बन गए हैं भाजपा के एजेंट

आगरा के जिलाधिकारी को लेकर भी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज कसा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, क्या ये वही अधिकारी हैं जो सूटकेस पर बयान दे रहे थे। अधिकारी भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। इन्हें हटाने के लिए चुनाव आयोग से शिकायत की जाएगी।

विस्तार

आगरा में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी की जोड़ी ने संयुक्त रूप से कहा कि ये चुनाव लोकतंत्र और संविधान बचाने का चुनाव है। गठबंधन के पीछे सामाजिक समीकरण है। ये धरती बाबा साहब आंबेडकर और चौधरी चरण सिंह की कर्मस्थली है। उन्होंने सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी। हमें अधिकार दिए। उन्हीं, अधिकार व लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के लिए यह गठबंधन है।

निजी विमान से अखिलेश और जयंत दोनों दोपहर 12 बजे खेरिया एयरपोर्ट पहुंचे। यहां से शिल्पग्राम रोड स्थित एक होटल आए। जहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने एक तरफ भाजपा और मुख्यमंत्री योगी पर पलटवार किया। दूसरी तरफ लोकतंत्र और संविधान बचाने के लिए गठबंधन को विकल्प बताया। जयंत ने कहा कि एक बात साफ है। प्रदेश के नौजवान और किसान, दोनों ने अपना मन बना रखा। दोनों सकारात्मक  परिवर्तन लाना चाहते हैं। दोनों खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने उनके साथ छल कपट किया है। झूठे वादे किए। दुनिया की बड़ी तस्वीर दिखाई और धड़ाम से नीचे ला दिया। इलाहाबाद में छात्रों से मारपीट इसका प्रमाण है। जयंत ने कहा सत्ता में योगी जी दावे करते हैं। उन्नाव, हाथरस, बुलंदशहर की घटनाएं साबित करती हैं उनके दावे खोखले हैं। बाबा साहब की धरती से सामाजिक न्याय, किसान, नौजवान, लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

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