गोरखपुर: डेंगू के साथ बुखार के भी मरीज बढ़े, बीआरडी व जिला अस्पताल के वार्ड फुल

0
22

[ad_1]

गोरखपुर जिला अस्पताल।

गोरखपुर जिला अस्पताल।
– फोटो : अमर उजाला।

ख़बर सुनें

गोरखपुर जिले में डेंगू मरीजों के साथ बुखार के मरीजों की भी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिला अस्पताल से लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में प्रतिदिन बुखार के 800 से अधिक मरीज मिल रहे हैं। स्थिति ऐसी है कि मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के मेडिसिन पीडियाट्रिक वार्ड फुल हो चुके हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग का इमरजेंसी वार्ड में एक भी बेड खाली नहीं हैं। यही हाल जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का भी है। यहां डेंगू के वार्ड फुल हो चुके हैं।  

जानकारी के मुताबिक डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या ने पिछले पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शहरी क्षेत्र के 20 वार्डों में डेंगू के अब तक 106 मरीज मिल चुके हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में 63 मरीज मिल चुके हैं। डेंगू के बढ़ते मरीजों के बीच अब वायरल फीवर ने लोगों की सेहत को कमजोर कर दिया है।

मलेरिया के भी मरीज इस साल मिल रहे हैं। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. बीके सुमन ने बताया कि डेंगू के बीच वायरल फीवर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर दिन ओपीडी में 150 से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।

मेडिसिन में पांच डॉक्टरों की ओपीडी चल रही है। सभी ओपीडी में 100 से अधिक मरीज प्रतिदिन देखे जा रहे हैं। जबकि, इमरजेंसी में आने हर 10 में तीन से चार मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। यही वजह है कि इमरजेंसी का 20 और डेंगू का 20 बेड का वार्ड फुल हो चुका है।

 

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बुखार पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इमरजेंसी मेडिसिन में दो वार्ड हैं, जो 54-54 बेड के हैं जो फुल हैं। ओपीडी की बात करें तो 300 से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। इनमें 15 से 20 फीसदी को भर्ती करना पड़ रहा है। वहीं, इमरजेंसी की बात करें तो यहां प्रतिदिन 60 से 70 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।  

वायरल बुखार से बच्चे भी पीड़ित, बीआरडी में पीडियाट्रिक वार्ड फुल
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग के एक भी बेड खाली नहीं है। यहां 440 बेड हैं। इनमें 100 बेड इमरजेंसी के लिए हैं। इनमें एक भी बेड खाली नहीं है। बाल रोग विभाग की ओपीडी में रोजाना 300 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें 70 फीसदी मरीजों को वायरल फीवर की समस्या है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि बच्चों में अधिकांश वायरल फीवर से जूझ रहे हैं। इमरजेंसी में करीब हर दिन 50 से अधिक बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं। इनमें 95 फीसदी बच्चों को भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। वहीं, जिला अस्पताल में रोजाना करीब 300 बच्चे ओपीडी में आ रहे हैं। बालरोग विशेषज्ञ डॉ. लाल बाबू यादव ने बताया कि बच्चों में भी डेंगू जैसे लक्षण मिल रहे हैं।  

यह भी पढ़ें -  UPSSSC PET : यूपीएसएसएससी पीईटी 2021 स्कोर की आयोग ने बढ़ाई वैलिडिटी, खिले अभ्यर्थियों के चेहरे

बीमारी       मरीज
डेंगू            169
मलेरिया       6
जेई/एईएस   65,  तीन मौत
फाइलेरिया  37

सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने कहा कि गोरखपुर जिले में डेंगू के साथ वायरल मरीजों की संख्या बढ़ी है। बदल रहे मौसम की वजह से मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगाई गई हैं। साथ ही सभी सीएचसी और पीएचसी पर दवाएं उपलब्ध करा दी गई है। डेंगू मरीजों के घर स्वास्थ्य विभाग की टीम जा रही है। मरीजों के संपर्क में आने वालों की जांच भी कराई जा रही है।

 

विस्तार

गोरखपुर जिले में डेंगू मरीजों के साथ बुखार के मरीजों की भी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिला अस्पताल से लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में प्रतिदिन बुखार के 800 से अधिक मरीज मिल रहे हैं। स्थिति ऐसी है कि मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के मेडिसिन पीडियाट्रिक वार्ड फुल हो चुके हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग का इमरजेंसी वार्ड में एक भी बेड खाली नहीं हैं। यही हाल जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का भी है। यहां डेंगू के वार्ड फुल हो चुके हैं।  

जानकारी के मुताबिक डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या ने पिछले पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। शहरी क्षेत्र के 20 वार्डों में डेंगू के अब तक 106 मरीज मिल चुके हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में 63 मरीज मिल चुके हैं। डेंगू के बढ़ते मरीजों के बीच अब वायरल फीवर ने लोगों की सेहत को कमजोर कर दिया है।

मलेरिया के भी मरीज इस साल मिल रहे हैं। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. बीके सुमन ने बताया कि डेंगू के बीच वायरल फीवर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर दिन ओपीडी में 150 से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।

मेडिसिन में पांच डॉक्टरों की ओपीडी चल रही है। सभी ओपीडी में 100 से अधिक मरीज प्रतिदिन देखे जा रहे हैं। जबकि, इमरजेंसी में आने हर 10 में तीन से चार मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। यही वजह है कि इमरजेंसी का 20 और डेंगू का 20 बेड का वार्ड फुल हो चुका है।

 



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here