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उन्नाव। प्रशासन ने छह तहसीलों के 22 गांवों में 25.13 करोड़ कीमत की 245 बीघा सरकारी भूमि को तालाब, चारागाह व खलिहान आदि के नाम दर्ज कराया। लोगों ने फर्जी तरीके से इन जमीनों को हथिया लिया था। अब तक कुल 519 बीघे भूमि पर कूटरचित तरीके से दर्ज लोगों के नाम निरस्त कराए जा चुके हैं।
एडीएम (वित्त/राजस्व) नरेंद्र सिंह ने बताया कि समाधान दिवस पर तहसीलों में ग्रामसभा की भूमि को कूटरचित तरीके से लोगों द्वारा अपने नाम अंकित कराने की शिकायतें मिली थीं। डीएम ने शिकायतों का संज्ञान लेकर सभी छह तहसीलों में 1359फ की खतौनी का आधार लेते हुए उसमें दर्ज सार्वजनिक उपयोग की भूमि तालाब, चारागाह और खलिहान आदि के अभिलेखों की जांच कराई।
जांच के दौरान 245 बीघे (क्षेत्रफल 61.941 हेक्टेअर) भूमि पर कूटरचित तरीके से लोगों के नाम दर्ज कराए जाने की जानकारी हुई। इस पर सभी लोगों के नाम निरस्त कराकर भूमि को तालाब, चारागाह, खाद गड्ढा व खलिहान आदि के नाम अंकित कराया गया। बताया कि भूमि का कुल अनुमानित मूल्य 25.13 करोड़ है।
एडीएम के अनुसार एक नवंबर को 33.67 करोड़ कीमत की 274 बीघे भूमि दोबारा पशुचर, तालाब व चारागाह के नाम दर्ज कराई गई थी। अब तक 63 गांवों से 519 बीघा भूमि (अनुमानित मूल्य 58.87 करोड़) पर फर्जी तरीके से दर्ज कराए गए लोगों के नाम निरस्त कराए जा चुके हैं।
उन्नाव। प्रशासन ने छह तहसीलों के 22 गांवों में 25.13 करोड़ कीमत की 245 बीघा सरकारी भूमि को तालाब, चारागाह व खलिहान आदि के नाम दर्ज कराया। लोगों ने फर्जी तरीके से इन जमीनों को हथिया लिया था। अब तक कुल 519 बीघे भूमि पर कूटरचित तरीके से दर्ज लोगों के नाम निरस्त कराए जा चुके हैं।
एडीएम (वित्त/राजस्व) नरेंद्र सिंह ने बताया कि समाधान दिवस पर तहसीलों में ग्रामसभा की भूमि को कूटरचित तरीके से लोगों द्वारा अपने नाम अंकित कराने की शिकायतें मिली थीं। डीएम ने शिकायतों का संज्ञान लेकर सभी छह तहसीलों में 1359फ की खतौनी का आधार लेते हुए उसमें दर्ज सार्वजनिक उपयोग की भूमि तालाब, चारागाह और खलिहान आदि के अभिलेखों की जांच कराई।
जांच के दौरान 245 बीघे (क्षेत्रफल 61.941 हेक्टेअर) भूमि पर कूटरचित तरीके से लोगों के नाम दर्ज कराए जाने की जानकारी हुई। इस पर सभी लोगों के नाम निरस्त कराकर भूमि को तालाब, चारागाह, खाद गड्ढा व खलिहान आदि के नाम अंकित कराया गया। बताया कि भूमि का कुल अनुमानित मूल्य 25.13 करोड़ है।
एडीएम के अनुसार एक नवंबर को 33.67 करोड़ कीमत की 274 बीघे भूमि दोबारा पशुचर, तालाब व चारागाह के नाम दर्ज कराई गई थी। अब तक 63 गांवों से 519 बीघा भूमि (अनुमानित मूल्य 58.87 करोड़) पर फर्जी तरीके से दर्ज कराए गए लोगों के नाम निरस्त कराए जा चुके हैं।
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