मंदिर के सरोवर में डूबे तीन भाई-बहन, छोटे भाई की मौत

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औरास। गोविंदापुर गांव स्थित मंदिर, वाराणसी तीर्थ स्थल के सरोवर (पक्के तालाब) में स्नान करते समय तीन सगे भाई-बहन गहराई में चले गए। गोताखोरों ने 12 वर्षीय बहन और 10 साल के भाई को तो बचा लिया लेकिन, आठ साल के बच्चे की डूबकर मौत हो गई। परिजनों ने मेला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप है। परिजनों का कहना था कि तालाब की सीढ़ियों पर काई लगी होने से पैर फिसलने से मासूम गहराई में चला गया। पुलिस बल के साथ पहुंचे नायब तहसीलदार ने तालाब में स्नान करने पर रोक लगा दी है।
औरास थानाक्षेत्र के उमराय खेड़ा गांव के मूल निवासी विनोद पाल परिवार सहित लखनऊ के पारा थानाक्षेत्र के फतेहगंज मोहल्ले में रहते है। विनोद प्राइवेट फर्म में नौकरी करते हैं। बुधवार भोर पहर वह लखनऊ से पत्नी रानी, बड़ी बेटी आकांक्षा (12), बड़े बेटे आकाश (10), छोटे बेटे मनीष (8) सहित परिवार के सुरेश पाल के साथ ब्लॉक क्षेत्र के गोविंदापुर गांव स्थित वाराणसी तीर्थ स्थल मंदिर पर लगने वाले वार्षिक मेला देखने पहुंचे थे।
बुधवार सुबह करीब पांच बजे वह तीर्थ स्थल पर मंदिर के सामने सरोवर में परिवार सहित स्नान कर रहे थे। तभी उनके तीनों बच्चे गहराई में जाकर डूबने लगे। चीख सुन मौके पर मौजूद गोताखोरों ने आकांक्षा व आशीष को तो पानी से बाहर निकाल लिया। छोटे बेटे मनीष को एक घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकालकर सीएचसी भेजा गया। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मासूम की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। बेटे का शव देख मां रानी बदहवास हो गई। पिता विनोद कुमार ने तालाब की सीढ़ियों पर काई लगी होने से बेटे के फिसलकर पानी में जाने का आरोप लगाया है। हंगामे की सूचना पर नायब तहसीलदार हसनगंज धीरेश सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने घाट पर स्नान करने पर प्रतिबंध लगा दिया। थानाध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि मासूम का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
वाराणसी तीर्थ स्थल पर तालाब में डूबने से काल के गाल में समाने वाला मासूम मनीष तीन भाई बहन में सबसे छोटा होने से पूरे परिवार का दुलारा था। बेटे की मौत पर बिलख रही मां रानी को रोते देख लोगों के आंसू निकल आए। पिता विनोद, बहन आकांक्षा व भाई आशीष भी रो रोकर बेहाल रहे। परिवार के सदस्य दंपती को ढांढस बधांते रहे।
कार्तिक पूर्णिमा पर वाराणसी तीर्थ स्थल पर सरोवर में होने वाले स्नान को लेकर अमर उजाला ने जिम्मेदारों को एक सप्ताह पहले ही आगाह किया था। फिर भी मेला प्रशासन पानी व सफाई का इंतजाम नहीं कर पाया। सीढ़ियों की सफाई न होने से काई पर पैर फिसलने से मासूम की जान चली गई।

यह भी पढ़ें -  बुखार से मासूम समेत दो की मौत

औरास। गोविंदापुर गांव स्थित मंदिर, वाराणसी तीर्थ स्थल के सरोवर (पक्के तालाब) में स्नान करते समय तीन सगे भाई-बहन गहराई में चले गए। गोताखोरों ने 12 वर्षीय बहन और 10 साल के भाई को तो बचा लिया लेकिन, आठ साल के बच्चे की डूबकर मौत हो गई। परिजनों ने मेला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप है। परिजनों का कहना था कि तालाब की सीढ़ियों पर काई लगी होने से पैर फिसलने से मासूम गहराई में चला गया। पुलिस बल के साथ पहुंचे नायब तहसीलदार ने तालाब में स्नान करने पर रोक लगा दी है।

औरास थानाक्षेत्र के उमराय खेड़ा गांव के मूल निवासी विनोद पाल परिवार सहित लखनऊ के पारा थानाक्षेत्र के फतेहगंज मोहल्ले में रहते है। विनोद प्राइवेट फर्म में नौकरी करते हैं। बुधवार भोर पहर वह लखनऊ से पत्नी रानी, बड़ी बेटी आकांक्षा (12), बड़े बेटे आकाश (10), छोटे बेटे मनीष (8) सहित परिवार के सुरेश पाल के साथ ब्लॉक क्षेत्र के गोविंदापुर गांव स्थित वाराणसी तीर्थ स्थल मंदिर पर लगने वाले वार्षिक मेला देखने पहुंचे थे।

बुधवार सुबह करीब पांच बजे वह तीर्थ स्थल पर मंदिर के सामने सरोवर में परिवार सहित स्नान कर रहे थे। तभी उनके तीनों बच्चे गहराई में जाकर डूबने लगे। चीख सुन मौके पर मौजूद गोताखोरों ने आकांक्षा व आशीष को तो पानी से बाहर निकाल लिया। छोटे बेटे मनीष को एक घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकालकर सीएचसी भेजा गया। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मासूम की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। बेटे का शव देख मां रानी बदहवास हो गई। पिता विनोद कुमार ने तालाब की सीढ़ियों पर काई लगी होने से बेटे के फिसलकर पानी में जाने का आरोप लगाया है। हंगामे की सूचना पर नायब तहसीलदार हसनगंज धीरेश सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने घाट पर स्नान करने पर प्रतिबंध लगा दिया। थानाध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि मासूम का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

वाराणसी तीर्थ स्थल पर तालाब में डूबने से काल के गाल में समाने वाला मासूम मनीष तीन भाई बहन में सबसे छोटा होने से पूरे परिवार का दुलारा था। बेटे की मौत पर बिलख रही मां रानी को रोते देख लोगों के आंसू निकल आए। पिता विनोद, बहन आकांक्षा व भाई आशीष भी रो रोकर बेहाल रहे। परिवार के सदस्य दंपती को ढांढस बधांते रहे।

कार्तिक पूर्णिमा पर वाराणसी तीर्थ स्थल पर सरोवर में होने वाले स्नान को लेकर अमर उजाला ने जिम्मेदारों को एक सप्ताह पहले ही आगाह किया था। फिर भी मेला प्रशासन पानी व सफाई का इंतजाम नहीं कर पाया। सीढ़ियों की सफाई न होने से काई पर पैर फिसलने से मासूम की जान चली गई।



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