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सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : iStock
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सर्किट हाउस के पास रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ और कर्मचारियों पर जानलेवा हमला करने के आरोपी प्रॉपर्टी डीलर विनोद मिश्रा का मुकदमा दर्ज करने वाले गुलरिहा थाने के एसएसआई और हल्का दारोगा को एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया। मामले में रामगढ़ताल थाने में पहले एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन, बाद में गुलरिहा थाने में भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इसके लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए थे। इस पर एसएसपी ने जांच का निर्देश दिए थे।
जानकारी के मुताबिक, एक नवंबर की रात चिलुआताल के मानबेला निवासी प्रॉपर्टी डीलर विनोद मिश्रा अपने साथियों संग सर्किट हाउस के पास स्थित चूल्हा-चौका रेस्टोरेंट गए थे। आरोप है कि यहां तोड़फोड़ करने के साथ कर्मचारियों पर जानलेवा हमला किया था।
मामले में रामगढ़ताल थाना पुलिस ने रेस्टोरेंट संचालक राहुल सिंह की तहरीर पर विनोद मिश्रा, प्रेम सागर गुप्ता, राजकरन निषाद, प्रभात यादव समेत 19 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी सौंपी थी, जिसमें आरोपी कर्मचारियों को पीटते हुए दिख रहे हैं।
दो दिन बाद आरोपी विनोद मिश्रा ने चूल्हा-चौका रेस्टोरेंट के मैनेजर शशांक, संचालक राहुल सिंह, सहयोगी संग्राम सिंह, बेतियाहाता के पार्षद सोनू तिवारी, अभिषेक पांडेय और 15 अज्ञात पर डकैती समेत गंभीर धाराओं में क्रॉस मुकदमा दर्ज करा दिया। विनोद का आरोप था कि खराब भोजन देने पर रेस्टोरेंट के कर्मचारियों ने अभद्रता की। विरोध पर कार तोड़ दी। बचाने पहुंचे साथियों पर हमला किया।
पुलिस को उन्होंने अपनी गाड़ी का टूटा हुआ शीशा दिखाया था। बाद में पता चला कि विनोद मिश्रा ने दो नवंबर को गुलरिहा थाने में भी एक मुकदमा दर्ज कराया था। गुलरिहा थाना पुलिस को बताया था कि एक नवंबर की रात को कार से घर जा रहे थे। बनगाई के पास अज्ञात लोग कार में तोड़फोड़ कर फरार हो गए।
गुलरिहा थाने के सरहरी चौकी पर तैनात दारोगा घनश्याम उपाध्याय व एसएसआइ सोनेंद्र सिंह ने बिना मामले की जांच किए ही मुकदमा दर्ज कर दिया। जांच में यह बात सामने आने पर एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने दोनों को निलंबित कर दिया।
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