आयुष्मान कार्ड: निजी अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी का भुगतान बंद, जनरल मैनेजर ने जारी किया आदेश

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कलेक्ट्रेट के सामने स्थित प्राइवेट अस्पताल।

कलेक्ट्रेट के सामने स्थित प्राइवेट अस्पताल।
– फोटो : amar ujala

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सुल्तानपुर जिले में आयुष्मान कार्ड के जरिए सिजेरियन डिलीवरी कराने वाली गर्भवती महिलाओं को झटका लगा है। सिजेरियन डिलीवरी में आयुष्मान कार्ड के जरिए पूर्व में दी जाने वाली राशि को निजी अस्पतालों में बंद कर दिया गया है। इससे जिले के निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी का खर्च महिलाओं व उनके तीमारदारों को खुद उठाना पड़ रहा है।

जिला महिला अस्पताल में प्रतिदिन छह से सात सिजेरियन डिलीवरी होती है। वहीं, निजी अस्पताल में 20 से 30 सिजेरियन डिलीवरी का औसत है। केंद्र सरकार ने गरीबों को चिकित्सीय मदद के लिए आयुष्मान कार्ड जारी किया है। इसके तहत कार्ड धारक को पांच लाख रुपये तक की चिकित्सीय सुविधा की व्यवस्था है। अब तक निजी अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी की स्थिति में महिलाएं व उनके तीमारदार आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल करते थे।

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अब सिजेरियन डिलीवरी में आयुष्मान कार्ड के इस्तेमाल को बंद कर दिया गया है। स्टेट एजेंसी फॉर कंप्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विस (साचीज) लखनऊ के जनरल मैनेजर डॉ. बीके पाठक ने सभी प्राइवेट हॉस्पिटल को आदेश जारी कर सिजेरियन डिलीवरी पर मिलने वाले खर्च को आयुष्मान कार्ड के दायरे से हटा दिया है। इस आदेश के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल में सिजेरियन डिलीवरी कराने वाले आयुष्मान कार्ड धारकों को बड़ा झटका लगा है। जिला महिला अस्पताल की सर्जन डॉ. आस्था त्रिपाठी ने बताया कि जिला महिला अस्पताल में प्रतिदिन छह से सात सिजेरियन डिलीवरी कराई जाती है। कभी-कभी यह संख्या 10 से 12 तक पहुंच जाती है। मौजूदा समय में उनके अलावा डॉ. सरोज ही सर्जन हैं।

जिला महिला अस्पताल में इस्तेमाल हो सकेगा आयुष्मान कार्ड
साचीज के जिला सूचना प्रणाली प्रबंधक दुर्गेश नंदन ने बताया कि आयुष्मान कार्ड धारकों को सिजेरियन डिलीवरी का फायदा सिर्फ जिला महिला अस्पताल में मिलेगा। प्राइवेट हॉस्पिटलों में इसका लाभ नहीं मिलेगा। साचीज के जनरल मैनेजर ने सभी प्राइवेट हॉस्पिटलों को पत्र जारी कर इसका आदेश दिया है।

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सुल्तानपुर जिले में आयुष्मान कार्ड के जरिए सिजेरियन डिलीवरी कराने वाली गर्भवती महिलाओं को झटका लगा है। सिजेरियन डिलीवरी में आयुष्मान कार्ड के जरिए पूर्व में दी जाने वाली राशि को निजी अस्पतालों में बंद कर दिया गया है। इससे जिले के निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी का खर्च महिलाओं व उनके तीमारदारों को खुद उठाना पड़ रहा है।

जिला महिला अस्पताल में प्रतिदिन छह से सात सिजेरियन डिलीवरी होती है। वहीं, निजी अस्पताल में 20 से 30 सिजेरियन डिलीवरी का औसत है। केंद्र सरकार ने गरीबों को चिकित्सीय मदद के लिए आयुष्मान कार्ड जारी किया है। इसके तहत कार्ड धारक को पांच लाख रुपये तक की चिकित्सीय सुविधा की व्यवस्था है। अब तक निजी अस्पताल में सिजेरियन डिलीवरी की स्थिति में महिलाएं व उनके तीमारदार आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल करते थे।

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अब सिजेरियन डिलीवरी में आयुष्मान कार्ड के इस्तेमाल को बंद कर दिया गया है। स्टेट एजेंसी फॉर कंप्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विस (साचीज) लखनऊ के जनरल मैनेजर डॉ. बीके पाठक ने सभी प्राइवेट हॉस्पिटल को आदेश जारी कर सिजेरियन डिलीवरी पर मिलने वाले खर्च को आयुष्मान कार्ड के दायरे से हटा दिया है। इस आदेश के बाद प्राइवेट हॉस्पिटल में सिजेरियन डिलीवरी कराने वाले आयुष्मान कार्ड धारकों को बड़ा झटका लगा है। जिला महिला अस्पताल की सर्जन डॉ. आस्था त्रिपाठी ने बताया कि जिला महिला अस्पताल में प्रतिदिन छह से सात सिजेरियन डिलीवरी कराई जाती है। कभी-कभी यह संख्या 10 से 12 तक पहुंच जाती है। मौजूदा समय में उनके अलावा डॉ. सरोज ही सर्जन हैं।

जिला महिला अस्पताल में इस्तेमाल हो सकेगा आयुष्मान कार्ड

साचीज के जिला सूचना प्रणाली प्रबंधक दुर्गेश नंदन ने बताया कि आयुष्मान कार्ड धारकों को सिजेरियन डिलीवरी का फायदा सिर्फ जिला महिला अस्पताल में मिलेगा। प्राइवेट हॉस्पिटलों में इसका लाभ नहीं मिलेगा। साचीज के जनरल मैनेजर ने सभी प्राइवेट हॉस्पिटलों को पत्र जारी कर इसका आदेश दिया है।



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